फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर सोशल मीडिया में प्रतिक्रियाओं की बाढ़ है। अधिकतर लोग फिल्म के समर्थन में लिख रहे हैं, वहीं सेकुलर और जिहादी तत्व फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की बात कर रहे हैं। एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी, एआईयूडीएफ के अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल जैसे कुछ नेता इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं, तो कांग्रेस खुलकर कुछ नहीं बोल पा रही है। हां, केरल कांग्रेस ने बहुत ही बेशर्मी के साथ एक ट्वीट कर कहा कि कश्मीर में जितने हिंदू मरे, उससे अधिक मुसलमान मरे। हंगामा हुआ तो उसे हटा लिया गया। इसके बाद रणदीप सुरजेवाला ने गोलमोल प्रतिक्रिया दी। उन्होंने फिल्म पर कुछ कहने के बजाय केंद्र सरकार पर आरोप जड़ दिया कि सरकार कश्मीरी पंडितों के लिए कुछ नहीं कर रही है। वहीं दूसरी ओर देश के ज्यादातर नामचीन लोगों ने फिल्म की सराहना की है। यहां सोशल मीडिया से लेकर कुछ प्रतिक्रियाएं दी जा रही हैं
यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि असम के सरकारी कर्मचारियों को ‘द कश्मीर फाइल्स’ देखने के लिए आधे दिन का विशेष अवकाश दिया जाएगा। इसके लिए उन्हें केवल अपने वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी देनी होगी और अगले दिन फिल्म का टिकट जमा करना होगा।
—हिमंत बिस्व सरमा, मुख्यमंत्री, असम
हमने हरियाणा में फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को कर-मुक्त करने की घोषणा की है और इसे लेकर प्रदेश के सभी सिनेमाघरों को आदेश जारी कर दिए गए हैं।
— मनोहर लाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा
कश्मीरी हिंदुओं के दर्द, संघर्ष, पीड़ा की दर्दनाक कहानी को हर किसी को समझने की जरूरत है, ताकि हम सुनिश्चित कर सकें कि ऐसा इतिहास दोहराया न जाए।
— प्रमोद सावंत, मुख्यमंत्री, गोवा
‘द कश्मीर फाइल्स’ में फिल्मांकन शानदार किया गया है। इसलिए मैंने डीजीपी को निर्देशित किया है कि कोई भी जवान परिवार के साथ इस फिल्म को देखने जाना चाहता है तो उसे सुविधा अनुसार अवकाश प्रदान किया जाए।
— डॉ. नरोत्तम मिश्रा, गृह मंत्री, मध्य प्रदेश
रूह कंपा देने वाली है ‘द कश्मीर फाइल्स’। यह फिल्म बयां करती है कि कश्मीरी हिन्दुओं का दर्द, भारत मां का दर्द, कश्मीरी पंडितों के वापस कश्मीर में सकुशल बसने पर ही शांत होगा।
—केशव प्रसाद मौर्य, वरिष्ठ भाजपा नेता
‘द कश्मीर फाइल्स’ घाटी में हिंदू नरसंहार के दर्द को दर्शाती है। मैं आपसे न्याय के अधिकार के लिए आवाज उठाने और कश्मीर नरसंहार के पीड़ितों का साथ देने का अनुरोध करता हूं।
— सुरेश रैना, क्रिकेटर
आतंकवादियों को हीरो बनाकर विषैला विमर्श स्थापित करने वाले बॉलीवुड ने जानबूझकर जो कभी नहीं दिखाया पहली बार कश्मीर का वह सच जुझारू विवेक अग्निहोत्री सामने लाए हैं। बहुत पुरानी बात नहीं है, 30 साल पहले, हमारे ही देश में, कश्मीरी पंडितों का शर्मनाक निर्वासन हुआ, और सरकार, न्यायपालिका, मीडिया, कश्मीर और पूरे देश ने यह सब होने दिया। कोई नहीं रोया उनके लिए। आज इतने बरस बाद भी कश्मीर में कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार, अपहरण, बलात्कार, लूट पर कोई अदालत नहीं बैठी। आतंकवादियों के लिए आधी रात पर मुकदमा सुनने वाले आज तक कश्मीर फाइल्स न खोल सके।
— मालिनी अवस्थी, प्रसिद्ध लोकगायिका
यह एक अच्छी फिल्म है। मुझे इस बात की खुशी है कि थिएटर में दर्शक इसे देखने आ रहे हैं।
— अक्षय कुमार, अभिनेता
फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने बॉलीवुड को ‘पाप’ से मुक्त कर दिया है। फिल्म इंडस्ट्री के जो लोग चूहों की तरह बिलों में छिपे हैं, उन्हें फिल्म का प्रचार करना चाहिए।
— कंगना रनौत, अभिनेत्री
फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर दर्शकों से काफी अच्छी प्रतिक्रिया सुनने को मिल रही है। विवेक अग्निहोत्री एक बढ़िया काम के साथ आए हैं… बधाई टीम।
—आर. माधवन, अभिनेता
इतिहास को थोड़ा बेहतर ढंग से समझने के लिए ‘द कश्मीर फाइल्स’ जरूर देखें। सभी को सचाई दिखाने के लिए विवेक अग्निहोत्री को धन्यवाद। एक हिंदू के रूप में ‘सिस्टम’ ने काफी गुस्सा दिला दिया।
— मीरा चोपड़ा, अभिनेत्री
‘मैं अपने दो पसंदीदा लोगों (अनुपम खेर और मिथुन चक्रवर्ती) के लिए बहुत खुश हूं। अच्छा काम बोलता है, पूरी टीम को बधाई।
— परिणीति चोपड़ा, अभिनेत्री
पापा 1989 तक श्रीनगर में तैनात थे। रामबाग जाने से पहले वे छह महीने तक वानाबल में रहे। वे कार्यालय जाने के लिए उसी बस स्टॉप से बस पकड़ते थे, जहां यासीन मलिक ने वायुसेना के जवानों की हत्या की थी। ‘द कश्मीर फाइल्स’ घर के करीब है।
— निवेदिता तिवारी, कवयित्री
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