उत्तराखंड में पांच जलाशयों में सी प्लेन उतारने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने अपनी स्वीकृति दे दी है। उल्लेखनीय है केंद्र के जल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि सी प्लेन पर पैसा लगाने वाले निवेशक यदि सामने आएं तो वो हाथों हाथ लाइसेंस अनुमति देंगे।
उत्तराखंड में टिहरी जलाशय, उधमसिंहनगर में नानक सागर, हरिपुर जलाशय, ऋषिकेश बैराज और कालागढ़ झील को सी प्लेन उतरने और उड़ने के लिए उपयुक्त माना गया है। उत्तराखंड नागरिक उड्डयन सचिव और पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि इस आशय के प्रस्ताव को जल परिवहन मंत्रालय को भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि सागर माला परियोजना के तहत पूरे देश में सी प्लेन संचालन के लिए बुनियादी ढांचा बनाये जाने के लिए केंद्र सरकार मदद करेगी।
जानकारी के मुताबिक बीते साल एयरपोर्ट अथॉरिटी ने वाटर एरोड्रम बनाने के लिए जगह भी चिन्हित कर ली थी। टिहरी झील पर इसका ट्रायल भी हो चुका है। पिछले दिनों जल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने देहरादून में कहा था कि यदि उत्तराखंड के निवेशक इस सी प्लेन प्रोजेक्ट में रुचि दिखाते हैं तो वो हाथों हाथ इसका लाइसेंस जारी करेंगे। उन्होंने कहा था कि उत्तराखंड में पर्यटन की बड़ी योजनाओं को लाने की जरूरत है ताकि पर्यटकों को नया रोमांच मिले। उन्होंने बताया था कि देश में 17 वाटर एरोड्रम बनाने की योजना को स्वीकृति दी गयी है, जिनमें एक टिहरी झील भी है। केंद्र और राज्य सरकार इस प्रोजेक्ट पर जिस तेजी से काम कर रहे है उसे देख ऐसा माना जा रहा है कि इसी साल में ही उत्तराखंड में सी प्लेन यहां के जलाशयों से उड़ान भरने शुरू हो जाएंगे।
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