भगत सिंह के प्रेरणा पुरुष थे वीर सावरकर
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

भगत सिंह के प्रेरणा पुरुष थे वीर सावरकर

by WEB DESK
Feb 26, 2022, 02:10 am IST
in भारत, दिल्ली
महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह और वीर सावरकर

महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह और वीर सावरकर

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail
स्वयं भगत सिंह सावरकर से मिलने रत्नागिरि गए थे। ऐसा उल्लेख क्रांतिकारी वामन चव्हाण अपने संस्मरणों में करते हैं।

 

डॉ नीरज देव

वीर सावरकर और भगत सिंह का रिश्ता बेहद प्रगाढ़ था। सशस्त्र क्रांति द्वारा भारतीय स्वातंत्र्य की प्राप्ति, भारत को धार्मिक नहीं अपितु विज्ञान की नींव पर खड़ा करना, मुस्लिम अलगाव के खतरे को पहचानने जैसे अनेकों विचारों में दोनों में समानता पाई जाती है। सत्य व तथ्य परखे बगैर, जरूरत पड़े तो उसे मरोड़कर भी सावरकर तथा राष्ट्रीय विचारधारा का विरोध करना मात्र है। स्पष्ट रूप से देंखे तो सावरकर साहित्य व विचारों का अध्ययन किए बगैर, जो सावरकर ने कभी कहा ही नहीं, वह सावरकर पर लादकर जो सावरकर ने किया उसे नजरअंदाज कर, केवल अपना संकुचित स्वार्थ साधने हेतु यह विकृत टीका टिप्पणी की जाती है। उसके चलते भगत सिंह को साम्यवाद के खेमे में खड़ा किया जाता है और सावरकर से उनका रिश्ता नकारा जाता है। 

आश्चर्य की बात यह है कि भारत में वामपंथी विचारधारा के पुरोधा रहे मानवेन्द्र नाथ राय, कामरेड डांगे आदि नेता गण सावरकर को अपना प्रेरणा पुरुष मानते थे और वैसा जाहिर तौर पर प्रकट भी करते हैं। इतना ही नहीं जिस लेनिन की ये लोग दुहाई देते रहते हैं, वह भी वीर सावरकर के क्रांतिकारी गतिविधियों के पक्षधर थे। लेकिन वास्तविक इतिहास स्वीकारना इन्हें नहीं भाता है इसलिए ये मनगढ़ंत इतिहास रचते हैं। ऐसे समय पर भगत सिंह के प्रमुख प्रेरणापुरुष रहे वीर सावरकर और भगत सिंह के ऐतिहासिक संबंधों को उजागर करना आवश्यक होगा। वीर सावरकर और भगत सिंह का रिश्ता बेहद प्रगाढ़ था। सशस्त्र क्रांति द्वारा भारतीय स्वातंत्र्य की प्राप्ति, भारत को धार्मिक नहीं अपितु विज्ञान की नींव पर खड़ा करना, मुस्लिम अलगाव के खतरा को पहचानने जैसे अनेकों विचारों में दोनों में समानता पाई जाती है। आज हम मात्र सशस्त्र क्रांतिकारी रिश्ते को देखेंगे।

 

वीर सावरकर को भी अपनी अगली पीढ़ी में जन्मे भगत सिंह पर गर्व था। विकृत और इतिहास को तोड़ मरोड़कर पेश करने वाले चिल्लाते हैं कि सावरकर जी ने भगत सिंह की फांसी को रोकने की कोशिश नहीं की, चुप्पी साधे रहे, लेकिन इतिहास साक्षी है कि यह कोशिश सावरकर नहीं कर सकते थे क्योंकि उस समय वह स्वयं ही अंग्रेजों के बंधक थे और रत्नागिरी में बंद थे। 

23 वर्षीय सावरकर जी के प्रभाव से हरनाम सिंह, भाई परमानंद, लाला हरदयाल, मदनलाल ढिंगरा, बैरिस्टर आसफ अली, जैसे अनेकों युवक सशस्त्र क्रांति से जुड़े। इतना ही नहीं वीर सावरकर को पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करने वाले बैरिस्टर सरदार सिंह राणा व श्यामजी कृष्ण वर्मा ने भी सावरकर के हाथों सशस्त्र क्रांति की प्रतिज्ञा ली थी। सावरकर द्वारा स्थापित फ्री इंडिया सोसाइटी से ये सब जुड़े हुए थे। इस सोसाइटी ने अक्टूबर 1908 में भगत सिंह के चाचा व सशस्त्र क्रांतिकारी सरदार अजित सिंह का अभिनंदन किया था। इसका उल्लेख सावरकर जी ने अपनी पुस्तक में किया है। इसका अर्थ सावरकर व भगत सिंह के परिवार का रिश्ता पहले से दिखाई पड़ता है, जो भगत सिंह के बलिदान के बाद भी कायम रहा। सावरकर द्वारा लंदन में किया गया कार्य इतना अनूठा व गहरा था कि रासबिहारी बसु, मानवेंद्रनाथ राय जैसे क्रांतिकारी नेता सावरकर से प्रभावित हो उनका गुरुत्व स्वीकार चुके थे। सावरकर से दीक्षित लाला हरदयाल व पं परमानंद से प्रभावित होकर गदर के हजारों युवा, सावरकर के नक्शे कदम पर चलने लगे। उनमें से एक थे, करतार सिंह सराबा।

वह गदर के संपादन विभाग में कार्यरत थे और बाद में गदर आंदोलन के शीर्ष नेता बने। करतार सिंह ने भारत लौटकर प्रथम विश्व युद्ध में, सैन्य विद्रोह फैलाने का प्रयोग किया था। यह सावरकर के स्वातंत्र्य समर ग्रंथ का प्रत्यक्ष प्रयोग था, जिसमें करतार सिंह रासबिहारी बसु व पंडित परमानंद के साथ जुड़ गए थे। उल्लेखनीय है, ये दोनों सावरकर से पूर्ण रूप से प्रभावित थे। इन्हीं के साथ रहकर भगत सिंह सशस्त्र क्रांति के लिए मैदान में उतर पड़े। स्वयं भगत सिंह सावरकर से मिलने रत्नागिरि गए थे। ऐसा उल्लेख क्रांतिकारी वामन चव्हाण अपने संस्मरणों में करते हैं। भगत सिंह की क्रांतिकारी गतिविधियां बढ़ गई थीं । उसमें और गहराई आने लगी। उसी के चलते उन्होंने सावरकर की प्रयोग सिद्ध पुस्तक स्वातंत्र्य समर का तीसरा भाग प्रकाशित किया। इस पुस्तक से भगत सिंह काफी प्रभावित थे। वह वीर सावरकर के चरित्र एवं साहित्य का बारीकी से अध्ययन कर चुके थे।

यह रिश्ता भी एकतरफा नहीं था। वीर सावरकर को भी अपनी अगली पीढ़ी में जन्मे भगत सिंह पर गर्व था। विकृत और इतिहास को तोड़ मरोड़कर पेश करने वाले चिल्लाते हैं कि सावरकर जी ने भगत सिंह की फांसी को रोकने की कोशिश नहीं की, चुप्पी साधे रहे, लेकिन इतिहास साक्षी है कि यह कोशिश सावरकर नहीं कर सकते थे क्योंकि उस समय वह स्वयं ही अंग्रेजों के बंधक थे और रत्नागिरी में बंद थे। 

Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

मतदाता सूची पुनरीक्षण :  पारदर्शी पहचान का विधान

दिल्ली-एनसीआर में 3.7 तीव्रता का भूकंप, झज्जर था केंद्र

उत्तराखंड : डीजीपी सेठ ने गंगा पूजन कर की निर्विघ्न कांवड़ यात्रा की कामना, ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के लिए दिए निर्देश

काशी में सावन माह की भव्य शुरुआत : मंगला आरती के हुए बाबा विश्वनाथ के दर्शन, पुष्प वर्षा से हुआ श्रद्धालुओं का स्वागत

वाराणसी में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पर FIR, सड़क जाम के आरोप में 10 नामजद और 50 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज

Udaipur Files की रोक पर बोला कन्हैयालाल का बेटा- ‘3 साल से नहीं मिला न्याय, 3 दिन में फिल्म पर लग गई रोक’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

मतदाता सूची पुनरीक्षण :  पारदर्शी पहचान का विधान

दिल्ली-एनसीआर में 3.7 तीव्रता का भूकंप, झज्जर था केंद्र

उत्तराखंड : डीजीपी सेठ ने गंगा पूजन कर की निर्विघ्न कांवड़ यात्रा की कामना, ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के लिए दिए निर्देश

काशी में सावन माह की भव्य शुरुआत : मंगला आरती के हुए बाबा विश्वनाथ के दर्शन, पुष्प वर्षा से हुआ श्रद्धालुओं का स्वागत

वाराणसी में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पर FIR, सड़क जाम के आरोप में 10 नामजद और 50 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज

Udaipur Files की रोक पर बोला कन्हैयालाल का बेटा- ‘3 साल से नहीं मिला न्याय, 3 दिन में फिल्म पर लग गई रोक’

कन्वर्जन की जड़ें गहरी, साजिश बड़ी : ये है छांगुर जलालुद्दीन का काला सच, पाञ्चजन्य ने 2022 में ही कर दिया था खुलासा

मतदाता सूची मामला: कुछ संगठन और याचिकाकर्ता कर रहे हैं भ्रमित और लोकतंत्र की जड़ों को खोखला

लव जिहाद : राजू नहीं था, निकला वसीम, सऊदी से बलरामपुर तक की कहानी

सऊदी में छांगुर ने खेला कन्वर्जन का खेल, बनवा दिया गंदा वीडियो : खुलासा करने पर हिन्दू युवती को दी जा रहीं धमकियां

स्वामी दीपांकर

भिक्षा यात्रा 1 करोड़ हिंदुओं को कर चुकी है एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने का संकल्प

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies