जांच के दौरान पता चला कि संदिग्धों ने पुरानी सीमापुरी इलाके में किराए पर कमरा लेते हुए मकान मालिक को बताया था कि वे उत्तर प्रदेश से पढ़ाई करने के लिए दिल्ली आए हैं। जिसके बाद पुलिस को शक है कि ये आरोपित दिल्ली से फरार होकर उत्तर प्रदेश में छुपे हो सकते हैं। फिलहाल उनकी लोकेशन ट्रेस करने की हरसंभव कोशिश की जा रही है।
इसके अलावा जांच के दौरान यह भी सामने आया कि गत 14 जनवरी को गाजीपुर फूल मंडी में जहां से आईईडी विस्फोटक बरामद किया गया था, वो दिल्ली व उत्तर प्रदेश बॉर्डर से महज 500 मीटर की दूरी पर है। जबकि पुरानी सीमापुरी के जिस मकान से विस्फोटक मिला है, वो बॉर्डर से महज से 100 मीटर की दूरी पर स्थित है। ऐसे में स्पेशल सेल के अधिकारियों ने आंशका जताई है कि दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर एक योजना के तहत गाजीपुर और फिर बाद में पुरानी सीमापुरी इलाके में आईईडी प्लांट किया जा सकता है। जिसके तहत विस्फोट के बाद आसानी से बॉर्डर क्रॉस कर फरार होने की योजना शामिल हो सकती है।
खुफिया सूत्रों की मानें तो इस समय पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की स्लीपर सेल की टीम दिल्ली व पड़ोसी राज्यों में एक्टिव हो गई हैं। जिसकी वजह से एक के बाद एक बड़ी आतंकी वारदातों को अंजाम देने की कोशिश की जा रही है। फरार तीनों ही संदिग्ध आतंकी बेहद शातिर बताए जा रहे हैं।
दो हफ्ते तक पुलिस ने लगाए रखा था ट्रैप…
सूत्रों की मानें तो संदिग्ध बाइक से गाजीपुर मंडी पहुंचकर वहां आईईडी प्लांट किया और फिर बाइक को दिलशाद गार्डन मेट्रो स्टेशन की पार्किंग में खड़ा कर दिया। वहां से फिर वे पुरानी सीमापुरी इलाके में स्थित अपने किराए के फ्लैट में पहुंचे और अपना सामान उठाकर वहां भी आईईडी प्लांट किया और फरार हो गए। स्पेशल सेल की टीम ने सीसीटीवी की मदद से मेट्रो स्टेशन पर खड़ी बाइक और फ्लैट को करीब दो हफ्ते पहले ही लोकेट कर लिया था। दोनों ही जगहों पर संदिग्धों को दबोचने के लिए सादी वर्दी में टीम लगाई गई थी, लेकिन संदिग्ध लौटकर वापस नहीं आए। बाद में पुलिस ने उक्त फ्लैट में जब रेड मारी तो वहां से आईईडी बरामद की गई।
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