दुनियाभर में कोविड मामलों में लगातार बढ़ोतरी के बीच डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडहानो घेब्रेसिएसस ने चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट बहुत घातक है। यह दुनियाभर में अस्पतालों में मरीजों के बढ़ने और मौतों का कारण बन रहा है। उन्होंने ओमिक्रॉन से होने वाले संक्रमण को कम असर बताने को भ्रामक बताते हुए कहा है कि इसे हल्का समझने की की भूल न करें।
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार दुनियाभर में कोरोना मामलों के बढ़ने के बीच डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडहानो ने बताया कि वैश्विक कोरोना वायरस केस लोड 333.5 मिलियन से ऊपर है, जबकि मौतें 5.55 मिलियन से अधिक हो गई हैं और इसके साथ ही टीकाकरण 9.68 बिलियन से अधिक हो गया है। भारत में बुधवार को पिछले 24 घंटों में 2,82,970 ताजा कोविड मामलों की सूचना दी, जो पिछले दिन की गिनती से 18 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी है।
एम घेब्रेसिएसस ने बुधवार को चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वेरिएंट दुनियाभर में अस्पताल में भर्ती और मौतों का कारण बन रहा है और लोग यह कहानी बना रहे हैं कि यह एक हल्की बीमारी है, जो भ्रामक तथ्य है। उन्होंने यह भी कहा कि ओमिक्रॉन औसतन कम गंभीर हो सकता है, लेकिन इस कम संक्रामक और हल्का बताना भ्रामक है, जिसके परिणामस्वरूप अधिक नुकसान पहुंचाने के साथ अधिक लोगों की मौत हो सकती है। टेड्रोस के अनुसार, कोविड बहुत तेजी से फैल रहा है और कई लोग इसकी चपेट में हैं।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि कई देशों के लिए अगले कुछ सप्ताह स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। मैं सभी से संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए अपनी पूरी कोशिश करने का आग्रह करता हूं ताकि आप व्यवस्था पर से दबाव कम करने में मदद कर सकें। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ओमिक्रॉन सहित कोविड-19 वायरस का हर वेरिएंट खतरनाक है और गंभीर बीमारी, मौत, म्यूटेशन का कारण कारण बन सकता है। इससे लड़ने के लिए हमारे पास मौजूद उपकरणों से इसके खतरे को कम करना है। उल्लेखनीय है कि कोरोना के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट की पहचान पहली बार पिछले साल नवंबर में दक्षिण अफ्रीका और बोत्सवाना में की गई थी।
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