उत्तराखंड में आचार संहिता लगते ही पुलिस ने रुड़की चर्च में हमले मामले में दो हिंदूवादी नेताओं को पकड़कर जेल भेज दिया। इस पर बीजेपी के विधायक प्रदीप बत्रा ने रोष प्रकट किया है।
6 अक्टूबर 2021 को रुड़की चर्च सभागार में कन्वर्जन करवाने की खबर पर हिन्दू संगठनों की भीड़ ने वहां पहुंचकर तोड़ फोड़ की थी, जिस पर चर्च प्रबन्धकों की तरफ से पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। अगले दिन एक महिला द्वारा चर्च प्रबन्धकों के खिलाफ प्रलोभन देकर कन्वर्जन करवाने के आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दी गई थी। तीन महीने तक पुलिस इस मामले में खामोश रही, जैसे ही आचार संहिता लगी पुलिस ने हिन्दू संगठन से जुड़े शिव प्रसाद त्यागी और सुनील कश्यप को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया।
पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोभाल का कहना है कि इस मामले में दोनों पक्षों के खिलाफ जांच की गई है, जिसपर पुलिस कारवाई कर रही है। पुलिस की सख्ती के चलते दोनों समुदायों के आरोपी भूमिगत हो गए हैं। उधर विधायक प्रदीप बत्रा का कहना है कि पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई करके न्याय नहीं किया। विधायक बत्रा ने डीजीपी अशोक कुमार से वार्ता कर अपनी नाराजगी जताई है। विधायक बत्रा ने कहा हरिद्वार में धर्म संसद मामले में भी पुलिस की संतों के खिलाफ की जा रही जांच को एकतरफा माना जाएगा। उन्होंने कहा मुस्लिम मौलाना हिन्दू समाज के लिए कैसी भी भाषा बोलते हैं तब पुलिस मौन साध लेती है।
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