पता चला है कि वहां अल्पसंख्यक हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का ये दुष्कृत्य लालमोनिरहाट जिले में किया गया। यहां कुछ कथित मजहबी उन्मादियों ने मंदिरों के बाहर प्लास्टिक की थैलियों में गोमांस रखकर लटका दिया था। स्वाभाविक तौर पर ऐसी ओछी और नफरती हरकत के बाद पूरे देश में हिन्दू आक्रोशित हुए। स्थानीय हिंदू समुदाय ने एकजुट होकर इन हरकतों के विरुद्ध प्रदर्शन किए और अपराधियों को तत्काल पकड़ने की मांग की।
बांग्लादेश के अंग्रेजी दैनिक 'डेली स्टार' में प्रकाशित रिपोट के अनुसार, मंदिरों को अपवित्र करने की घटना को लालमोनिरहाट के हातिबंद उपजिला में स्थित गेंदुकुरी गांव में अंजाम दिया गया। खबर के अनुसार, तीन हिंदू मंदिरों और एक हिन्दू नागरिक के घर के बाहर गत 31 दिसम्बर को प्लास्टिक की थैलियां लटकाई गई थीं। पड़ताल करने पर उनमें गोमांस पाया गया। इस हरकत की खबर फैलते ही स्थानीय हिंदू समुदाय ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किए। घटना करने वाले अज्ञात अपराधियों के विरुद्ध पुलिस ने चार रपट दर्ज की हैं।
हातिबंद उपजिला उद्जपन समिति के प्रमुख श्री दिलीप कुमार के अनुसार, अपराधियों ने गोमांस वाली प्लास्टिक की थैलियां श्री श्रीराधा गोविंद मंदिर सहित गांव के कुथिपारा काली मंदिर, बट्टाला काली मंदिर तथा यहां के निवासी श्री मोनिंद्रनाथ बर्मन के घर के सामने लटकाई गई थीं।
इस घटना के अगले दिन स्थानीय हिंदुओं ने गेंदुकुरी गांव के श्री श्रीराधा गोविंद मंदिर पर धरना दिया। उनमें आक्रोश भरा था। पुलिस से एक बार फिर इस उन्मादी हरकत के दोषियों को जल्दी पकड़ने की मांग की गई। हातिबंद उपजिला उद्जपन समिति के प्रमुख श्री दिलीप कुमार के अनुसार, अपराधियों ने गोमांस वाली प्लास्टिक की थैलियां श्री श्रीराधा गोविंद मंदिर सहित गांव के कुथिपारा काली मंदिर, बट्टाला काली मंदिर तथा यहां के निवासी श्री मोनिंद्रनाथ बर्मन के घर के सामने लटकाई गई थीं।
इधर हातिबंद पुलिसथाना प्रभारी इर्शादुल आलम का इस घटना पर कहना है कि वे मामले की जांच कर रहे हैं, अपराधियों को जल्दी ही पकड़ लिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि गत अक्तूबर में बांग्लादेश में दुर्गापूजा के अवसर पर मजहबी उन्मादियों के मंदिरों को ध्वस्त करने के सुनियोजित षड्यंत्र और हिन्दुओं की हत्याओं के बाद से वातावरण पूरी तरह शांत नहीं हुआ है। तब भी हिन्दुओं के अनेक घरों को जलाया गया था, मंदिरों में देव प्रतिमाएं तोड़ी गई थीं। हालांकि सरकार ने ऐसे मामलों पर प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए थे, लेकिन लगता है बांग्लादेश के कट्टरपंथी तत्व अपना हिन्दू विरोधी एजेंडा जारी रखे हुए हैं।
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