सऊदी अरब सरकार ने तबलीगी जमात पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसे आतंकवाद का द्वार बताते हुए जुमे तक मस्जिदों को भी खाली करने का आदेश दिया है। सऊदी अरब सरकार की ओर से कहा गया है कि अब से लोगों को शुक्रवार की नमाज में तबलीगी जमात से मिलने की जरूरत नहीं है। उनसे किसी तरह का संपर्क करने की जरूरत नहीं है। इसके बाद भारत में भी तबलीगी जमात के विरुद्ध आवाज उठी है। इस्लामिक संगठन तंजीम उलमा ए इस्लाम ने सऊदी अरब सरकार के फैसले को उचित ठहराया है। इस संगठन का कहना है कि तबलीगी जमात के लोग नमाज और रोजा की आड़ में जहर घोलते हैं।
बरेली में दरगाह आला हजरत से जुड़े संगठन तंजीम उलमा-ए-इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन ने सऊदी अरब सरकार के फैसले को दुरुस्त बताया है। उनका कहना है कि तब्लीगी जमात के लोग कम पढ़े-लिखे मुसलमानों के बीच गांव-गांव जाते हैं। उनको नमाज रोजा की तबलिग करते हैं, मगर इसकी आड़ में धीरे-धीरे जहर घोलेने का भी काम करते हैं। आम लोगों का ईमान व आकिदा खराब करते हैं। इनकी गतिविधियों से कट्टरपंथी सोच को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि दूसरे मुस्लिम देशों को भी अपने मुल्क में जांच पड़ताल करनी चाहिए। सऊदी अरब सरकार ने कहा है कि तबलीगी जमात संगठन समाज के लिए खतरनाक है और देश में आतंकवाद के दरवाजे खोलने का दमखम रखता है।
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