नई दिल्ली। नवंबर 26, 2021। विश्व हिन्दू परिषद ने पंजाब के मोगा में हुई चंगाई सभा में जनविरोध के चलते मुख्यमंत्री सहित अन्य अतिथियों के नहीं पहुंचने देने पर स्थानीय हिन्दू-सिख समुदाय का अभिनंदन करते हुए मिशनरियों व कन्वर्जन के अड्डे बन रहे चंगाई सभाओं के सहयोगियों को चेताया है कि वे भोले—भाले हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ से बाज आएं। विहिप के केन्द्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेन्द्र जैन ने आज कहा है कि चंगाई सभा ईसाई मिशनरियों द्वारा धोखा देकर कन्वर्जन करने का एक अनैतिक, अवैधानिक व अपांथिक षड्यंत्र है। इसके बावजूद पंजाब के मुख्यमंत्री श्री चरणजीत सिंह चन्नी ने मोगा में चंगाई सभा के एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में रहना स्वीकार करके अपने गरिमापूर्ण पद की मर्यादा को धूमिल किया। महान गुरुओं की पावन भूमि पंजाब के धर्म प्रिय समाज ने कन्वर्जन के इस षड्यंत्र का सशक्त विरोध किया। समाज के इस विरोध के कारण मोगा में रहते हुए भी मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम में नहीं आए और स्थानीय विधायक भी न आ सके। विहिप मोगा के सिख और हिंदू समाज का अभिनंदन करती है और विश्वास करती है कि पंजाब में चंगाई सभा का धोखा और कन्वर्जन का षड्यंत्र वहां का समाज नहीं चलने देगा।
उन्होंने कहा कि चंगाई सभा भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और ड्रग तथा मैजिक रेमेडी कानून 1954 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है। यदि वे कुछ शब्दों के उच्चारण से किसी को ठीक कर सकते हैं तो दुनिया के करोड़ों मरीजों को ठीक क्यों नहीं करते? कोरोना महामारी से तो करोड़ों लोगों की मृत्यु हो गई जिनमें कई पादरी भी शामिल थे। यदि इनके पास वास्तव में कोई शक्ति है तो इन सब को क्यों नहीं बचा लिया गया? यह केवल धोखाधड़ी भरा कृत्य है जिसमें भोले—भाले लोगों को फंसा कर कन्वर्ट किया जाता है। दुर्भाग्य से मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर बैठे श्री चन्नी जैसे कुछ लोग इस घिनौने षड्यंत्र के भागीदार बन रहे हैं। विहिप उनको परामर्श देती है कि संविधान की रक्षा करने की अपनी शपथ का वे सम्मान बनाए रखें और कन्वर्जन की किसी गतिविधि को प्रोत्साहन न दें। विहिप समाज का आह्वान करती है कि पूरे देश में कहीं भी चंगाई सभा जैसे अपराध ना होने दिए जाएं।
डॉ जैन ने यह भी कहा कि कन्वर्जन के दुष्परिणामों के बारे में भारत से ज्यादा कौन समझता है। भारत का विभाजन, कश्मीर की समस्या, जिहादी आतंकवाद, पूर्वोत्तर का आतंकवाद व लव जिहाद जैसी समस्याएं कन्वर्जन के कारण ही हुई हैं। इसलिए विहिप केंद्र व राज्य सरकारों से अपील करती है कि वे कन्वर्जन को रोकने के लिए अविलंब कानून बनाएं जिससे भारत को कन्वर्जन के अभिशाप से मुक्त कराया जा सके। अभी तक केवल 11 राज्यों में कन्वर्जन को रोकने के लिए कानून है जबकि समस्या राष्ट्रव्यापी है जो राष्ट्र की सुरक्षा के लिए भी खतरा निर्माण कर रही है। इसलिए सभी सरकारों को सजग होकर इस दिशा में अति शीघ्र कार्यवाही करनी चाहिए।
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