पंजाब की कांग्रेस सरकार अब एक नई नियुक्ति को लेकर विवादों में घिर गई है। इस बार चरणजीत सिंह चन्नी सरकार में कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना की बहू जैनब अख्तर को पंजाब वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। रजिया के पति और पूर्व डीजीपी मुहम्मद मुस्तफा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार हैं। इस नई नियुक्ति को लेकर एक बार फिर पंजाब सरकार विपक्ष के निशाने पर है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि जैनब को छुट्टी वाले दिन यानी शनिवार को राज्य वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया। इससे पहले चन्नी सरकार ने सूबे के उप-मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के दामाद तरुणवीर लहल को अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्तस किया गया था। जब कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यीमंत्री थे तो
कैबिनेट मंत्री गुरप्रीत कांगड़ के दामाद को एक्साइज विभाग में इंस्पेक्टर, कांग्रेस विधायक फतेहजंग बाजवा के बेटे को राज्य पुलिस में इंस्पेक्टर और विधायक राकेश पांडे के बेटे को नायब तहसीलदार के पद पर नियुक्त किया गया था। इसे लेकर भी काफी विवाद हुआ था। हालांकि विवाद बढ़ने पर बाजवा के बेटे की नौकरी ठुकरा दी थी।
इस बार कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना और नवजोत सिद्धू के रणनीतिक सलाहकार मुहम्मद मुस्तफा की बहू को वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष बनाने के फैसले पर शिरोमणि अकाली दल ने कांग्रेस सरकार को घेरा है। शिअद ने इसे भाई-भतीजावाद की परंपरा करार देते हुए कहा कि राज्यब सरकार की घर-घर नौकरी का मतलब ही हर कांग्रेसी के घर में नौकरी बन कर रह गया है।
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