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कपाट बंद होते ही बदरीनाथ धाम परिसर के काया पलट की तैयारी, मास्टर प्लान पर काम शुरू

उत्तराखंड ब्यूरो by उत्तराखंड ब्यूरो
Nov 22, 2021, 12:17 pm IST
in भारत, उत्तराखंड
प्रतीकात्मक प्रोजेक्ट

प्रतीकात्मक प्रोजेक्ट

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बदरीनाथ नगरी में 2000 तीर्थयात्रियों के रुकने के लिए बनाया जा रहा है अराइवल प्लाजा

बदरीनाथ धाम परिसर में मास्टर प्लान के तहत काम शुरू हो गया है। कपाट बंद होते ही सनातन धर्म के सर्वोच्च धार्मिक स्थल नगरी में तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए एक हजार करोड़ रु खर्च आने का अनुमान है। बदरीनाथ नगरी को स्मार्ट सिटी की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ के बाद भगवान बदरीनाथ की नगरी को सजाने संवारे का संकल्प लिया है। पीएम  मोदी ने मुख्यमंत्री धामी के साथ इस बारे में बात कर मास्टर प्लान प्रोजेक्ट के लिए एक हजार करोड़ रुपए की डीपीआर बनवाई जिसपर 243 करोड़ के काम, मंदिर कपाट बंद होते ही। प्रथम चरण में शुरू हो गए हैं। पर्यटन तीर्थाटन सचिव दलीप जावलकर के अनुसार बद्रीनाथ मंदिर के पास से गुजरने वाली बीआरओ की सड़क जो कि माना गांव तक जाती है, इसे शहर के बाहर से निकाला जाएगा।

मंदिर तक आने व जाने के लिए अलग-अलग पथ
बदरीनाथ मंदिर के आसपास की दुकाने भवन आदि हटाकर उन्हें दूर निश्चित स्थान पर बनाया जा रहा है, जिसके लिए भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है। मास्टर प्लान के मुताबिक मंदिर तक आने व जाने के लिए अलग-अलग पथ बनाये जा रहे हैं। अभी मंदिर तक आने जाने के लिए एक ही पथ है। यात्रा पथ पर कॉमन ड्रॉपिंग पॉइंट बनेंगे। जानकारी के मुताबिक बदरीनाथ  नगरी में 2000 तीर्थयात्रियों के रुकने के लिए अराइवल प्लाजा बनाया जा रहा है। मास्टर प्लान के लिए केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान की टीम ने आकर सर्वे कर लिया है। टीम ने बाढ़ सुरक्षा के मद्देनजर मंदिर के आगे पीछे से 10 मीटर चौड़ा आस्था पथ बनाये जाने की बात कही है। इसी तरह का आस्था पथ केदारनाथ में भी बनाया गया है। अलकनन्दा नदी का जल प्रवाह में निरंतरता बनी रहे, इसके लिए भी काम किया जा रहा है।

अलखनंदा निर्मल रहे इस पर भी विशेष ध्यान
उल्लेखनीय है कि आल वेदर प्रोजेक्ट के तहत चीन सीमा तक 12 महीनों सड़क खुले रहने की परियोजना का लाभ बदरीनाथ  धाम को भी मिलने वाला है। लिहाजा यहां का मास्टर प्लान भी शरद ऋतु को देखते हुए बनाया गया है। तीर्थाटन के साथ- साथ पर्यटन यहां शरदऋतु में यहां का आर्थिक चक्र घुमाए ऐसी महा योजना पर काम शुरू हो चुका है। तीर्थाटन सचिव दलीप जावलकर के मुताबिक बद्रीनाथ महायोजना पर काम पूरा होने में 3 वर्ष का समय लग सकता है और इसे स्मार्ट सिटी की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। पर्यावरण संरक्षण बना रहे, अलखनंदा स्वच्छ निर्मल रहे, इस ओर विशेष ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि इस प्राचीन नगरी का पहली बार आधुनिक विकास होने जा रहा है, जिसको लेकर स्थानीय लोगों का भी सहयोग मिल रहा है।

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