चीनी कंपनी के हाइड्रो प्रोजेक्ट का विरोध, लंबे समय से नेपाल में मौजूदगी पर उठ रहे सवाल
Sunday, May 22, 2022
  • Circulation
  • Advertise
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
No Result
View All Result
Panchjanya
No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • Subscribe
होम भारत

चीनी कंपनी के हाइड्रो प्रोजेक्ट का विरोध, लंबे समय से नेपाल में मौजूदगी पर उठ रहे सवाल

दिनेश मनसेरा by दिनेश मनसेरा
Nov 14, 2021, 10:22 am IST
in भारत, उत्तराखंड
चित्र- नक्शा

चित्र- नक्शा

Share on FacebookShare on TwitterTelegramEmail

भारत के सीमांत धारचूला क्षेत्र में झूला पुल पार कर नेपाल का दार्चुला क्षेत्र है, जहां चीन की कंपनी चमेलिया हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट पर पिछले 11 सालों से काम कर रही है, जबकि ये प्रोजेक्ट 2014 में पूरा हो जाना चाहिए था। काम की सुस्त रफ्तार और बढ़ती लागत की वजह से नेपाल में चीनी कम्पनी का विरोध हो रहा है।

 

भारत के नेपाल मामलों के विशेषज्ञ इस परियोजना को चीन के जासूसी केंद्र के रूप में देखते रहे हैं। जानकारी के मुताबिक इस प्रोजेक्ट के चीनी कंपनी के अधिकारी आवागमन के लिये भारतीय सीमा क्षेत्र का उपयोग भी करते रहे हैं। नेपाल से मिली जानकारी के अनुसार दार्चुला जनपद में रन ऑफ द रिवर परियोजना के तहत चीन की कंपनी चाइना गेझोआ ग्रुप को चमेलिया जल विद्युत परियोजना पर काम करने का ठेका 2007 में मिला था और इसका पहला चरण 2010 में पूरा होना था। 30 मेघावाट की इस योजना पर काम शुरू होते ही भारत ने इस पर नेपाल को आगाह किया था। प्रोजेक्ट 2014  में पूरा होना था और इस पर 6 मिलियन नेपाली रुपए लागत आनी थी। किंतु ये परियोजना 2021 तक भी पूरी नही हुई और इस पर 16 मिलियन नेपाली रुपए लगने के बाद भी काम 2017 से अधूरा पड़ा है।

जहां काम करती है वहां की सरकार को फंसा देती है यह कंपनी
जानकारी के अनुसार चाइना गेझोआ ग्रुप ने यहां एक सुरंग बनाये जाने के बदले 500 मिलियन नेपाली रुपए की मांग की है। साथ ही जब परियोजना शुरू हुई थी और अब पूरा होने की स्थिति में डॉलर और नेपाली रुपए में 1.9 बिलियन नेपाली रुपए का फर्क आने की भरपाई का पैसा दिए जाने पर ही काम खत्म करने की बात कही जा रही है। जो नेपाल शासन को स्वीकार नही है। विरोध की वजह ये भी है कि लागत बढ़ने से इससे पैदा होने वाली बिजली इतनी महंगी हो जाएगी कि प्रोजेक्ट की लागत सरकार को निकालनी मुश्किल हो जाएगी। सिंगापुर पोस्ट में छपे एक लेख के मुताबिक चीन की इस कंपनी का पूर्व इतिहास यही रहा है कि वो जहां काम करती है वहां सरकार को फंसा देती है। अब यह कंपनी सुरंग बनाने के नाम पर नेपाल सरकार को तंग कर रही है।

यहां से भारत की गतिविधियों पर नजर रखना चाहता है चीन 
जानकारी के मुताबिक चाइना गेझोआ ग्रुप ने नेपाल सरकार से परियोजना स्थल तक सड़कें भारत के लिए इस प्रोजेक्ट पर चीनी कंपनी का काम करना हमेशा से ही सिरदर्द बन रहा है। दार्चुला से नेपाल के मैदानी क्षेत्रों तक आने जाने के लिए रास्ता सुगम नहीं होने की वज़ह से इस प्रोजेक्ट के चीनी अधिकारियों ने कई बार भारत के रास्तों का उपयोग किया। अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक भारत इन्हें आने जाने से तब तक नहीं रोक सकता जब तक इनके पास कोई दस्तावेज कम न हो। धारचूला भारत का वो संवेदनशील कस्बा है जो कि सीमांत इलाके में है। यहीं से नेपाल और चीन सीमाओं के लिए भारत की सेना की रसद जाता है। कुछ साल पहले तक धारचूला, सुरक्षा की दृष्टि से इनरलाइन में था यहां भारत के नागरिकों को भी जाने से पहले अस्थायी परमिट लेना होता था। चीन की भारत तक पहुंच हिमालय की वजह से आसान नही है, लेकिन वो नेपाल के रास्ते भारत तक आने के कोई रास्ते नहीं छोड़ता है। नेपाल में ओली सरकार के दौरान भारतीय सीमा पर नेपाल की आड़ में चीन की गतिविधियां किसी से छिपी नही रही। नेपाल मामलो में भारतीय विशेषज्ञ कृष्णा गर्बियाल कहते हैं कि चमेलिया हाइड्रो प्रोजेक्ट यदि भारत कर रहा होता तो कब का काम पूरा हो गया होता। दरअसल चीन यहां रुक कर सिविल कंपनी के जरिये भारत की गतिविधियों पर नजर रखना चाहता है। नेपाल भी इस कंपनी की लागत बढ़ाये जाने के खेल में फंस चुका है। चीन इस प्रोजेक्ट में अपनी आर्थिक मदद के शर्तो पर लंबे समय के लिए यहां टिके रहना चाहेगा।

पंचेश्वर हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट पर भी है चीन की नजर 
जानकारी के मुताबिक चीन की नजर भारत और नेपाल के बीच बन रहे एशिया के सबसे बड़े पंचेश्वर हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट पर भी है। भारत और नेपाल के चीन समर्थक वामपंथी दल इस परियोजना का विरोध करते हैं, उन्हें फंडिंग कौन करता है? इस पर दोनों देशों के खुफिया अधिकारियों को जानकारियां मिलने लगी हैं। नेपाल में ओली सरकार के जाने के बाद देउपा सरकार ने आते ही भारत-नेपाल सीमा पर चल रही चीन की कंपनियों की गतिविधियों की समीक्षा की है। समाचार पत्रिका आउटलेट के अनुसार देउपा सरकार ने चमेलिया जल विद्युत परियोजना की समीक्षा कर इसको बनाने वाली चाइना गेझौआ कंपनी के अधिकारियों को काम समेटने को कह दिया है। जानकारी के अनुसार नेपाल सरकार और कंपनी के बीच तनातनी का दौर चल रहा है। जिसे सुलझाने के लिए चीन दूतावास के अधिकारियों को भी मशक्कत करनी पड़ रही है। बहरहाल इस प्रोजेक्ट को लेकर नेपाल शासन से खासा विरोध चाइना गेझोआ ग्रुप को झेलना पड़ रहा है।

ShareTweetSendShareSend
Previous News

देवत्व का जागरण और पर्यावरण की रक्षा

Next News

कोरोना से जंग: अबतक लगाए गए 112 करोड़ से ज्यादा टीके, 17 माह बाद सबसे कम हुए एक्टिव केस

संबंधित समाचार

दिल्ली : आईजीआई एयरपोर्ट पर यात्री ने किया राष्ट्रीय ध्वज का अपमान, केस दर्ज

दिल्ली : आईजीआई एयरपोर्ट पर यात्री ने किया राष्ट्रीय ध्वज का अपमान, केस दर्ज

‘सत्य के साथ साहसी पत्रकारिता की आवश्यकता’

‘सत्य के साथ साहसी पत्रकारिता की आवश्यकता’

गेहूं के निर्यात पर लगाया गया प्रतिबंध, खाद्य सुरक्षा को लेकर सरकार ने उठाया कदम

खाद्य सुरक्षा से समझौता नहीं

अफ्रीकी देश कांगो में मंकीपॉक्स से 58 लोगों की मौत

अफ्रीकी देश कांगो में मंकीपॉक्स से 58 लोगों की मौत

मंत्री नवाब मलिक के दाऊद इब्राहिम से संबंध के साक्ष्य मिले, कोर्ट ने कहा- कार्रवाई जारी रखें

मंत्री नवाब मलिक के दाऊद इब्राहिम से संबंध के साक्ष्य मिले, कोर्ट ने कहा- कार्रवाई जारी रखें

इकराम, समसुल, जलाल और अख्तर समेत पांच डकैत गिरफ्तार

ज्ञानवापी : शिवलिंग को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाला इनायत खान गिरफ्तार

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

दिल्ली : आईजीआई एयरपोर्ट पर यात्री ने किया राष्ट्रीय ध्वज का अपमान, केस दर्ज

दिल्ली : आईजीआई एयरपोर्ट पर यात्री ने किया राष्ट्रीय ध्वज का अपमान, केस दर्ज

‘सत्य के साथ साहसी पत्रकारिता की आवश्यकता’

‘सत्य के साथ साहसी पत्रकारिता की आवश्यकता’

गेहूं के निर्यात पर लगाया गया प्रतिबंध, खाद्य सुरक्षा को लेकर सरकार ने उठाया कदम

खाद्य सुरक्षा से समझौता नहीं

अफ्रीकी देश कांगो में मंकीपॉक्स से 58 लोगों की मौत

अफ्रीकी देश कांगो में मंकीपॉक्स से 58 लोगों की मौत

मंत्री नवाब मलिक के दाऊद इब्राहिम से संबंध के साक्ष्य मिले, कोर्ट ने कहा- कार्रवाई जारी रखें

मंत्री नवाब मलिक के दाऊद इब्राहिम से संबंध के साक्ष्य मिले, कोर्ट ने कहा- कार्रवाई जारी रखें

इकराम, समसुल, जलाल और अख्तर समेत पांच डकैत गिरफ्तार

ज्ञानवापी : शिवलिंग को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाला इनायत खान गिरफ्तार

शिमला में पत्रकारों का सम्मान

शिमला में पत्रकारों का सम्मान

‘हिंदुत्व भारत का मूलदर्शन और प्राणतत्व है’

‘हिंदुत्व भारत का मूलदर्शन और प्राणतत्व है’

  • About Us
  • Contact Us
  • Advertise
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • Vocal4Local
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • श्रद्धांजलि
  • Subscribe
  • About Us
  • Contact Us
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies