देश के दो राज्यों में चल रहे कथित किसान आन्दोलन की हालत जुलाई, 1979 में अंतरिक्ष में भटके स्काईलैब जैसी होती दिख रही है, जो कब किस पर गिर जाए पता नहीं चल पाता। भाजपा के बाद अब वे दल भी इन स्वघोषित किसानों के गुस्से का शिकार होने लगे हैं, जो दल इस आन्दोलन का स्वार्थसिद्धि के लिए अन्धसमर्थन करते आ रहे हैं। पूर्व केन्द्रीय मंत्री व अकाली दल बादल की सांसद हरसिमरत कौर बादल की जनसभा के बाद विधानसभा क्षेत्र गुरुहरसहाय (फिरोजपुर) से अकाली दल के प्रत्याशी वरदेव सिंह नोनी मान पर किसानों ने हमला कर दिया। हाथों में डण्डे पकड़े भारतीय किसान यूनियन (एकता डकौंदा) के कथित किसान नोनी मान की गाड़ी पर चढ़ गए। बचाव में उनके सुरक्षा कर्मी ने दो हवाई फायर भी किए। इसके बाद मान के वाहन चालक ने गाड़ी भगा ली और आधा किलोमीटर दूर बांसी गेट के पास रोकी तो किसानों ने गाड़ी के शीशे तोड़ दिए। खींचातान में नोनी मान के सुरक्षा कर्मी की वर्दी फट गई। इसी दौरान एक कथित किसान घायल हो गया, जबकि इससे पहले छावनी क्षेत्र में हुई एक अन्य झड़प में एक कांग्रेस कार्यकर्ता घायल हो गया। राज्य में बढ़ रही इस तरह की घटनाओं से यह आशंका बलवती होती जा रही है कि राज्य में अगले साल के आरम्भ में होने वाले विधानसभा चुनाव हिंसक हो सकते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, हरसिमरत कौर बादल को बुधवार को फिरोजपुर में सात जगह पर जनसभाएं करनी थीं। उनका एक कार्यक्रम मक्खू गेट चौक के पास अन्ध विद्यालय में रखा गया था। जहां कांग्रेसियों और कथित किसानों ने प्रदर्शन किया। कार्यक्रम स्थल पर कांग्रेसी, किसान और अकाली आमने-सामने हो गए। परन्तु पुलिस ने मानव शृंखला बनाकर स्थिति काबू की। इसके बाद हरसिमरत का काफिला वहां से निकल गया। वहीं हरसिमरत की गाड़ी के आगे नारेबाजी करने वाले दो कथित किसानों के साथ अकाली कार्यकर्ताओं की झड़प भी हुई। इसके बाद जनसभा से लौट रहे नोनी मान को किसानों ने रोकने का प्रयास किया।
भाकियू के नेता हरनेक सिंह महमा का आरोप है कि नोनी मान ने अपशब्द कहे और गाड़ी भगा ली। जिस कारण किसान लवप्रीत सिंह घायल हो गया। अकाली नेताओं के आश्वासन देने के बावजूद उन्हें हरसिमरत से नहीं मिलवाया गया। उलटा फायरिंग करके जानलेवा हमला करने की कोशिश की गई है।
कांग्रेस पर आरोप
कथित किसानों के हमले के बाद नोनी मान पूर्व सिंचाई मंत्री जनमेजा सिंह सेखों के साथ एसएसपी कार्यालय पहुंचे और शिकायत दर्ज करवाई। उन्होंने आरोप लगाए कि किसानों के वेश में कांग्रेसियों ने उन पर हमला करवाया है। जबकि पूर्व अकाली विधायक जोगिंदर सिंह जिंदू ने कहा कि कांग्रेसियों ने नोनी मान पर फायरिंग की है। फिलहाल राज्य में बढ़ रही राजनीतिक हिंसा के अनियन्त्रित होने से राज्य के लोगों में भय की लहर पाई जा रही है। लोग जाट—किसानों के आन्दोलन की तुलना अमेरिका के उस स्काईलैब से करने लगे हैं जो अनियंत्रित होकर पूरे अकाश में चक्कर लगाता रहा और पूरी दुनिया में भय फैलाता रहा और अन्तत: 11 जुलाई, 1979 को हिन्द महासागर व ऑस्ट्रेलिया के विरान हिस्सों में गिरा।
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