झारखंड में कन्वर्जन के विरुद्ध आवाज ही नहीं उठ रही है, बल्कि कुछ संगठन ईसाई बन चुके लोगोें की घरवापसी भी करा रहे हैं। ऐसा ही एक संगठन है 'झारखंड आदिवासी सरना विकास समिति'। इस समिति ने 31 अक्तूबर को ग्राम कुटे, थाना नगड़ी, जिला रांची में घरवापसी कार्यक्रम आयोजित किया। इस अवसर पर गांव के निवासी मर्कुस तिर्की अपने परिवार के चार सदस्यों के साथ फिर से सरना बन गए। पूरा कार्यक्रम सरना विधि—विधान से हुआ। सबसे पहले पहान (पुजारी) कंचन होरो द्वारा उन लोगों का शुद्धीकरण किया गया। चरण धोकर सभी को अंगवस्त्र दिया गया। इस तरह इन लोगों की घरवापसी हुई।
कार्यक्रम में समिति के अध्यक्ष मेघा उरांव ने कहा कि जो भी परिवार जाने—अनजाने में अपने मूल धर्म को त्याग कर और किसी मत में चले गए हैं, वे लोग घरवापसी करना चाहते हैं। इसलिए समिति निरंतर ऐसे कार्यक्रम करती रहती है।
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