वयोवृद्ध गांधीवादी विचारक एसएन सुब्बाराव का बुधवार को राजस्थान के जयपुर निधन हो गया। उन्होंने बुधवार प्रात: करीब सात बजे अंतिम सांस ली। वे 93 वर्ष के थे। सुब्बाराव पिछले कुछ दिनों से सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती थे। मंगलवार रात को ही उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई थी। गांधीवादी विचारक मूलत: कर्नाटक के रहने वाले थे। वह 93 साल के थे। उनकी तबीयत बीते कुछ दिनों से खराब चल रही थी। जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में उन्हें इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। श्रमदान के लिए मशहूर इस गांधीवादी नेता का राजस्थान से खासा लगाव था।
डॉ. एसएन सुब्बाराव का जन्म कर्नाटक के बेंगलुरु में 7 फरवरी 1929 को हुआ था। वह स्कूल में पढ़ते समय महात्मा गांधी की शिक्षा से प्रेरित थे। वे 9 अगस्त 1942 को मात्र 13 साल की उम्र में आजादी आंदोलन से जुड़ गए थे। ब्रिटिश पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने पर उन्होंने दीवार पर 'क्विट इंडिया' लिखा था, तभी से सुब्बाराव स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय हो गए थे। सुब्बाराव पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित थे। ग्वालियर चंबल संभाग में वह भाईजी के नाम से जाने जाते थे। चंबल को डाकुओं से मुक्त कराया था। उन्होंने 600 से अधिक डाकुओं का आत्मसमर्पण करवाया था।
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