पंजाब कांग्रेस में उठापटक जारी है। इस बार श्री आनंदपुर साहिब से सांसद मनीष तिवारी ने हरीश रावत के बहाने प्रदेश कांग्रेस को निशाने पर लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी माने जाने वाले मनीष तिवारी ने कहा कि पंजाब कांग्रेस में ऐसी अराजकता आज तक नहीं देखी। साथ ही, उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के फैसले पर ही सवाल उठा दिए हैं। तिवारी की यह प्रतिक्रिया हरीश रावत द्वारा पंजाब को लेकर उनकी समझ पर सवाल उठाने के बाद आई है।
पाकिस्तान की महिला पत्रकार अरुसा आलम को लेकर प्रदेश की कांग्रेस सरकार और सिद्धू पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर हमलावर थे। पहले प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ अरुसा संबंधों की जांच कराने के आदेश दिए, फिर उन्होंने सफाई दी कि इस मामले की जांच केंद्र सरकार ही करा सकती है। इसके अलावा, पंजाब के परिवहन मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने भी इस मुद्दे पर कैप्टन अमरिंदर सिंह पर हमलावर थीं। लेकिन जवाब में कैप्टन के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने सोनिया गांधी के साथ अरुसा की तस्वीर ट्वीट कर कांग्रेसी खेमे को बैकफुट पर ला दिया।
क्या कहा मनीष तिवारी ने?
मनीष तिवारी ने एक अंग्रेजी अखबार में छपे हरीश रावत के साक्षात्कार के बहाने पंजाब कांग्रेस पर हमला किया। तिवारी ने ट्वीट किया कि कांग्रेस में 40 साल से अधिक अवधि में मैंने ऐसी अराजकता कभी नहीं देखी, जैसी आज पंजाब कांग्रेस में चल रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा बार-बार पार्टी की खुली अवहेलना की जा रही है, नेता बच्चों की तरह एक-दूसरे से झगड़ रहे हैं और एक-दूसरे के लिए घटिया शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं। यह सब पिछले 5 महीनों से चल रहा है। उन्होंने पंजाब कांग्रेस (नवजोत सिंह सिद्धू) से पूछा कि क्या उन्हें नहीं लगता कि पंजाब के लोग इस डेली सोप से परेशान हो गए होंगे। दुर्भाग्य तो यह है कि जो लोग इसका विरोध करते थे, अब वही ऐसा काम करने लगे हैं। साथ ही, उन्होंने रावत सिद्धू को पंजाब कांग्रेस प्रधान बनवाने के हरीश रावत के फैसले पर सवाल उठाया। तिवारी ने कहा कि कमेटी की नियुक्ति के आकलन में गंभीर चूक हुई। तिवारी ने यह भी पूछा कि उन मुद्दों पर क्या प्रगति हुई, जिन्हें लेकर विधायकों और दूसरे नेताओं ने विरोध किया था। बरगाड़ी बेअदबी, ड्रग्स, बिजली समझौते, रेत माफिया आदि के मुद्दों पर क्या कोई कार्रवाई हुई?
समझ पर सवाल उठाने के बाद भड़के तिवारी
अंग्रेजी अखबार में छपे अपने साक्षात्कार में हरीश रावत ने कहा था कि मनीष तिवारी वरिष्ठ नेता हैं, बहुत सक्षम और बुद्धिमान हैं। लेकिन उन्हें पंजाब की जमीनी स्थिति को समझना चाहिए। यह सिर्फ सुरक्षा का मामला नहीं है, बल्कि सरकार के बने रहने का भी मामला है। जब विधायक बगावत कर रहे हों, तो सरकार की स्थिरता खतरे में पड़ जाती है। माननीय मुख्यमंत्री (कैप्टन अमरिंदर सिंह) विधायक दल की बैठक नहीं बुला रहे थे और न ही इन मुद्दों के समाधान को लेकर भी कोई कदम उठा रहे थे। उन्हें हटाने के सिवा और कोई विकल्प नहीं बचा था। साथ ही, उन्होंने सिद्धू का बचाव करते हुए उनकी प्रशंसा की थी।
बैकफुट पर सिद्धू
कैप्टन की महिला मित्र अरुसा आलम मामले की आंच पार्टी अध्यक्ष तक पहुंचने के बाद सिद्धू बैकफुट पर आ गए हैं। उन्होंने कांग्रेस नेताओं की बयानबाजी पर रोक लगाने की कोशिश करते हुए उन्हें नसीहत दी है कि पार्टी को अब वास्तविक मुद्दों पर लौटना चाहिए। हम वित्तीय आपातकाल का सामना कैसे करेंगे, जो हमारे लिए बड़ी चुनौती है। मैं वास्तविक मुद्दों पर डटा रहूंगा। स्वार्थी लोगों को दूर करें और सिर्फ इस बात पर ध्यान दें जो पंजाब को जीत की ओर ले जाए। बता दें कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ भी सिद्धू के संबंध मधुर नहीं हैं। उन्होंने वित्तीय आपातकाल का जो मुद्दा उठाया है, उसे राज्य सरकार द्वारा लोगों को मुफ्त सुविधाएं देने से जोड़कर देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री चन्नी ने बकाया बिजली बिल माफी की घोषणा की है, जिससे सरकारी खजाने पर 1200 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।
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