डॉ. रमन सिंह
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है। “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास” का मूलमंत्र देकर भारत के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक विकास को ले जाने का काम उन्होंने किया है। 80 करोड़ गरीबों को राशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान भारत योजना, उज्जवला जैसी योजनाएं बनाकर देशवासियों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव ला दिया
भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी आज अपने सार्थक जीवन के 71 वर्ष पूरे कर रहे हैं। अलग-अलग दायित्व में काम करते हुए दर्ज़नों बार मोदी जी से लगभग ढाई दशक से अपना प्रत्यक्ष संपर्क हैं। अनेक बार उनका छत्तीसगढ़ आना हुआ है। मुझे भी दिल्ली, गुजरात समेत देश के विभिन्न हिस्सों में पार्टी के अनेक कार्यक्रमों में जाना हुआ, जहां उनसे मुलाकात हुई। लगातार अनेक विषयों पर, ख़ासकर समाज के वंचित तबकों के कल्याणार्थ, उनके लिए कुछ बेहतर कर जाने की साझा चिंता हमें बार-बार एक-दूसरे को करीब लाती रही है। मुझे खासकर याद आ रहा है 10 अप्रैल, 2014 का वह दिन, जब लोकसभा चुनाव प्रचार के आखिरी दिन प्रचार कार्य संपन्न कर मैं दिल्ली गया था। दिल्ली पहुंचते ही अमदाबाद के मुख्यमंत्री निवास से फोन आया। मोदी जी ने गुजरात आ जाने का आग्रह किया। मैं तुरंत गुजरात रवाना हो गया। मुख्यमंत्री निवास में मोदी जी से लगभग 2 घंटा विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई। हालांकि चुनाव परिणाम आने में तब काफी समय शेष था, लेकिन हम बात करते हुए लगातार यही महसूस कर रहे थे कि भारत के भावी प्रधानमंत्री से हम उनके सपनों, उनकी योजनाओं और देश के लिए कुछ कर गुजरने की आकांक्षाओं पर बातचीत कर रहे हैं। मुख्यमंत्री निवास का माहौल भी ऐसा लग रहा था मानो सभी स्टाफ अब दिल्ली जाने के तैयारी कर रहे हैं। मानो चुनाव परिणाम आना सबके लिए महज़ औपचारिकता ही हो। देश के लिए बड़ी-बड़ी बातों के बीच मोदी जी ने उस दिन यह भी कहा कि उन्होंने बड़ोदरा में एक बस स्टैंड बनाया है और ऐसा ही बस स्टैंड रायपुर में भी बनता तो अच्छा होता। मोदी जी की कल्पना के अनुरूप भव्य बस स्टैंड अब रायपुर में बनकर जल्द ही फिर तैयार हुआ। बड़ी-बड़ी बातों के बीच भी छोटी से छोटी चीज़ों का ध्यान रखना और कठिन संघर्षों के बाद परिणाम को लेकर आत्मविश्वास तथा निश्चिंतता ही मोदी जी को किसी भी अन्य व्यक्ति से अलग करती है। दृढ़ संकल्प, समावेशी सोच, आपदा में अवसर देखने की कार्यशैली के कारण वे आज विश्व पटल पर दैदीप्यमान नक्षत्र की भांति चमक रहे हैं।
मोदी जी के ह्रदय में सदैव गरीबों, वंचित और किसानों का कल्याण रहा है। प्रधानमंत्री के रूप में भी उनका छत्तीसगढ़ प्रवास लगातार बना रहा। चुनावी दौरों के अलावा वे कुल छह बार अनेक कार्यक्रमों में छत्तीसगढ़ आये और हर बार मोदी जी ने अपनी यात्रा से प्रदेश के जनमानस पर अमिट छाप छोड़ी है। 2016 में जब वे स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत करने डोंगरगढ़ आये थे, तब जब उन्हें बताया गया कि धमतरी जिले की वृद्धा कुंवर बाई ने बकरी बेचकर शौचालय बनाया है, तो उन्होंने बेहद भावुक होते हुए कुंवर बाई के पैर छू लिये। इसी तरह जावांगा (बस्तर) में अपने हाथ से बुजुर्ग महिला को पादुका पहनाना हो या फिर वेलनेस सेंटर के उदघाटन के समय दिव्यांग बच्चों के साथ बैठकर कुर्सी को ही ठोक कर संगीत बजाना, नया रायपुर के जंगल सफारी में बाघ के साथ फोटोशेसन… हर बार मोदी जी ने अपनी सहजता-संवेदनशीलता से प्रदेश में इतिहास रच दिया। उनका हर प्रवास अपने आपमें एक ऐसा वैशिष्ट्य रच गया, जिसे हमेशा स्मरण रखा जाएगा। साहस भी उनका ऐसा कि धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र जावंगा से दंतेवाड़ा तक की यात्रा उन्होंने हेलीकाप्टर छोड़ कर सड़क मार्ग से करना तय किया था। बात चाहे मुख्यमंत्री के रूप में चावल योजना की शुरुआत करने छग आने की हो या विकास यात्रा के दौरान अम्बिकापुर प्रवास की, जहां उनके आगमन पर प्रदेश भाजपा ने लाल किला की प्रतिकृति बनाई थी, चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक प्रवास हो या फिर अभिषेक की शादी में बाराती के रूप में पारिवारिक यात्रा पर। हर बार वे आये और उन्होंने सज्जनता और संवेदनशीलता से नयी गाथा रच डाली। इससे पहले भी चाहे जब वे संगठन महामंत्री थे, तब अशोका रोड में मिलना हुआ हो, या फिर मुरली मनोहर जोशी जी के नेतृत्व में श्रीनगर लाल चौक के लिए निकली तिरंगा यात्रा के प्रभारी के रूप में उनसे जम्मू में मुलाक़ात हो, सारा का सारा वाक्या आज मानस पटल पर किसी चलचित्र की भांति स्मरण आ रहा है।
मोदी जी ने मजबूत राष्ट्र की संकल्पना को पूरा करने का उदाहरण सर्जिकल स्ट्राइक करके दिया, चीन अब आंखें नहीं दिखाता। दुनिया जान गई है, यह नया भारत है। कश्मीर से धारा 370 और 35 ए की समाप्ति कर उन्होंने श्यामाप्रसाद मुखर्जी जी के सपने को पूरा किया। उनके प्रयासों से पूर्वोत्तर राज्यों के साथ कश्मीर भी उन्नति के पथ पर आगे बढ़ रहा है। उनके नेतृत्व में विदेशों में भी भारत का डंका बजा, कई देशों से आज भारत ने जो मजबूत संबंध स्थापित किए हैं, उसमें प्रधानमंत्री जी का संवाद, साझेदारी और सक्रियता का योगदान प्रमुख है। वर्षों से शोषण की शिकार हो रही मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से मुक्ति दिलाकर उन्होंने एक कुप्रथा का अंत कर दिया। वहीं, आयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने पर आज प्रभु श्रीराम का हर भक्त आपको साधुवाद दे रहा है।
नरेंद्र मोदी जी के प्रधानमंत्री की कमान संभालने के बाद भाजपा का भी ऐतिहासिक विस्तार हुआ। पूर्वोत्तर से पश्चिम और दक्षिण भारत तक में पार्टी ने अकल्पनीय उपलब्धियां हासिल कीं। एक-एक कर पार्टी ने देश के 19 राज्यों में परचम फहरा दिया। इसके साथ ही उन्होंने देश को नए सिरे से गढ़ना प्रारंभ किया। पहली बार जब 15 अगस्त के दिन लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित कर रहे थे और देश में स्वच्छता अभियान की शुरुआत करने का ऐलान कर रहे थे, तो लोगों को लगा कि यह असंभव है। लेकिन जैसे-जैसे यह अभियान आगे बढ़ता गया, आंदोलन का रूप लेता गया और आज यह लोगों की आदत में आ गया है। मोदी जी की प्रत्येक योजना के पीछे एक दूरदर्शी सोच होती है, उनकी योजनाओं का प्रभाव कहां तक पड़ेगा वह सिर्फ वही जानते हैं, चाहे वह उज्ज्वला योजना हो, आत्म निर्भर भारत हो, आयुष्मान भारत योजना हो, अटल पेंशन योजना हो, या अन्य योजनाएं। शुरुआत में असंभव सी लगती इन योजनाओं ने बाद में कीर्तिमान रचा है।
मोदी जी के नेतृत्व में आज देश आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है। प्रधानमंत्री जी ने “सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास” का मूलमंत्र देकर भारत के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक विकास को ले जाने का काम किया है। 80 करोड़ गरीबों को राशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान भारत योजना, उज्जवला जैसी योजनाएं बनाकर देशवासियों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव ला दिया। किसान सम्मान निधि योजना, बीमा योजना, कृषि अधोरंचना एवं विभिन्न फसलों के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी कर अन्नदाताओं के चेहरे पर मुस्कान ला दी।
जब पूरी दुनिया के साथ भारत में भी कोरोना संकट गहराया, तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संकटमोचक बनकर देश को बचा लिया। विपरीत परिस्थितियां होने के बाद भी सभी राज्यों को ऑक्सीजन, दवाई, वेंटीलेटर आदि की व्यवस्था की। उनकी ही सजगता का परिणाम था कि देश ने इतने कम समय में दो स्वदेशी कोरोना वैक्सीन का निर्माण कर लिया और आज 75 करोड़ देशवासियों को फ्री वैक्सीन लगवाई जा चुकी है। कोरोना औऱ लॉकडाउन में कई आर्थिक चुनौतियां होने के बाद भी लाखों करोड़ का पैकेज दिया, स्ट्रीट वेंडर, फ्री राशन जैसी कई योजनाएं चलाईं, जिससे कि देशवासियों के जीवन की गाड़ी पटरी पर लौट सके। मुश्किलों से देश को कैसे बाहर निकाला जा सकता है, यही मोदी जी ने कर दिखाया। मेक इन इंडिया, वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत अभियान चलाकर उन्होंने बता दिया देश मजबूत औऱ सही हाथों में है।
21वीं सदी में उत्त्पन्न चुनौतियों के बीच भारत के पास नरेंद्र भाई दामोदादर दास मोदी के रूप में एक इतना सशक्त नेतृत्व होना वास्तव में ईश्वर के दिए किसी वरदान से कम नहीं है। आज मोदी जी के करिश्माई, दूरदर्शी एवं सुदृढ़ नेतृत्व में देश अभूतपूर्व ऊंचाइयों को छू रहा है। वे सवा सौ करोड़ से अधिक देशवासियों की उम्मीद, आशा औऱ विश्वास हैं। जन्मदिन पर उन्हें अशेष शुभ कामना और भारत के वैभव की पुनर्स्थापना के महान यज्ञ को इस बेहतर और पुनीत तरीके से संपादित करने के लिए उन्हें शेष अभिनन्दन भी! वे शतायु हों यहीं कामना…
(लेखक भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री हैं।)
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