अफगानिस्तान के अनेक युवाओं ने सोशल मीडिया पर बताया है कि तालिबान लड़ाके सड़कों पर बंदूकें लेकर घूमते हुए पश्चिमी पहनावे में दिखने वाले लड़कों को डरा-धमका रहे हैं। जींस पहने लड़कों को सरेआम कोड़े मारे जा रहे हैं
वेब डेस्क
एक तरफ तो संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की प्रमुख अफगानिस्तान पर विशेष सत्र बुलाकर वहां तालिबानी यातनाओं का कच्चा चिट्ठा सामने रख रही हैं तो वहीं दूसरी ओर तालिबानी लड़ाके अफगानिस्तान में सड़कों पर बंदूकें थामे लोगों को डरा—धमका रहे हैं, तुगलकी फरमान सुनाना जारी रखे हैं। 24 अगस्त को ही उस संकटग्रस्त क्षेत्र में जिहादी लड़ाकों का नया फरमान जारी हुआ है लड़कियां नेल पॉलिश न लगाएं। अगर किसी को ऐसा करते पाया जाता है, तो उसकी उंगलियां काट दी जाएंगी। इसके साथ ही औरतों को ऊंची ऐड़ी के सैंडल पहनने पर भी पाबंदी लगा दी गई है, इसलिए जिससे उनके चलने पर कोई अजनबी आहट न सुन पाए। यह फतवा कंधार में जारी किया गया है।
तालिबान की क्रूरता के ऐसे एक नहीं, अनेक फरमान आएदिन सुनने में आ रहे हैं। प्रेस कांफ्रेंस करके तालिबानी प्रवक्ता भले कितनी मासूम शक्ल बनाकर बड़ी-बड़ी बातें बोलता हो, लेकिन असल में यह पहले वाले तालिबान ही हैं, जो इस्लामवादी जिहाद के उन्माद में डूबे हैं। भले ही तालिबान खुद को सुधरा हुआ दिखाने की कोशिश करें, लेकिन रोजाना सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो और तस्वीरें साझा की जा रही हैं जो उनकी बर्बरता से पर्दा हटाती जा रही हैं।
अफगानिस्तान के अनेक युवाओं ने सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए बताया है कि तालिबान लड़ाके सड़कों पर बंदूक लेकर घूमते हुए पश्चिमी पहनावे में दिखने वाले लड़कों को डरा—धमका रहे हैं। जींस पहने लड़कों की सरेआम पिटाई की जा रही है। जींस पहनने पर शरिया के तहत राज करने की घोषणा करने वाले लड़ाकों ने पाबंदी की घोषणा की है। उन्होंने साफ कहा है कि उनके फरमान का उल्लंघन रने वालों को इसकी कड़ी सजा भुगतनी पड़ेगी।
इस संबंध में ‘द सन’ में एक खबर छपी है। इसके अनुसार, एक अफगान लड़के ने तालिबान की पशुता उजागर करते हुए सोशल मीडिया पर बताया है कि उसे और उसके दोस्तों को जींस पहनने की कड़ी सजा दी गई है। लड़के ने बताया है कि वह राजधानी काबुल में अपने दोस्तों के साथ सड़क पर जा रहा था, तभी सामने से आते तालिबानी लड़ाकों ने उन्हें रोका। लड़कों ने जींस पहन रखी थीं, लिहाजा तालिबान आतंकियों ने जींस पहनने को इस्लाम का अपमान ठहराते हुए पहले तो उनकी पिटाई की, फिर बंदूक दिखाकर धमकाया कि फिर ऐसी गलती की तो बुरा नतीजा होगा।
इसी तरह तालिबान लड़ाके महिलाओं को जगह-जगह रोककर धमकियां दे रहे हैं। ऐसे भी समाचार प्राप्त हुए हैं कि अब तक कई लड़कियों को अगवा करके दूसरे देशों में बेचा गया है, जबकि कुछ लड़कियों को जबरन आतंकियों से ब्याह दिया गया है। यह एक बड़ा कारण है कि अफगानिस्तान से ज्यादातर भाग निकलना चाहती हैं। संकट में फंसी अफगानिस्तान की आम महिलाओं को उम्मीद है कि कोई तो उनकी कातर पुकार सुनकर उनकी मदद करने के लिए आगे आएगा।
प्रेस कांफ्रेंस करके तालिबानी प्रवक्ता भले कितनी मासूम शक्ल बनाकर बड़ी-बड़ी बातें बोलता हो, लेकिन असल में यह पहले वाले तालिबान ही हैं, जो इस्लामवादी जिहाद के उन्माद में डूबे हैं। भले ही तालिबान खुद को सुधरा हुआ दिखाने की कोशिश करें, लेकिन रोजाना सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो और तस्वीरें साझा की जा रही हैं जो उनकी बर्बरता से पर्दा हटाती जा रही हैं।
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