सुदेश गौड़
इंदौर के चूड़िहार पिटाई केस में घटना के बाद सुनियोजित प्रदर्शन में पीएफआइ का हाथ सामने आया है। घटना इसलिए संदेहास्पद हो जाती है कि चूड़िहार तस्लीम हिंदू नाम रखकर चूड़िया पहनाता था और उसे पास दो आधार कार्ड भी मिले हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है
मध्य प्रदेश के उज्जैन में पाक समर्थित नारे लगाए जाने और फिर इंदौर में हिन्दू बन कर चूड़ी बेचने वाले एक युवक की पिटाई का मामला उतना साधारण नहीं है जितना ऊपर से दिख रहा है। इसे ‘टिप ऑफ द आइसबर्ग’ कहें तो गलत नहीं होगा। प्रारंभिक जांच में इन घटना के बाद प्रदर्शन के पीछे पीएफआइ व एसडीपीआइ का हाथ सामने आया है। सुरक्षा एजेंसियां इस दिशा में पूरी संजीदगी से काम भी कर रहीं हैं। इंदौर में युवक की पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद मुस्लिम समुदाय ने जिस सुनियोजित तरीके से थाने का घेराव कर जमकर उपद्रव किया, यह उसका पुख्ता सबूत है। पुलिस ने विधि अनुसार कार्रवाई करते हुए दोनों पक्षों पर मामला दर्ज किया है। पिटाई करने वाले लोगों को भी चिह्नित किया गया है। मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी पुष्टि करते हुए कहा है कि आरोपित तस्लीम ‘हिंदू बनकर चूड़ियां बेचता था’। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक उसके पास से दो आधार कार्ड मिलने से यह मामला देश की सुरक्षा से जुड़ गया है।
बाणगंगा थाना क्षेत्र में चूड़ी वाले की पिटाई के बाद सैकड़ों की संख्या में टोपी लगाए लोगों ने थाने का घेराव किया था। साथ ही आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि इंदौर की घटना में प्रदर्शन आपत्तिजनक थे। कलेक्टर ने कहा कि प्रदर्शन में एसडीपीआइ और पीएफआइ के लोगों का हाथ
सामने आया है। साथ ही एसडीपीआइ और पीएफआइ पर खुफिया विभाग नजर रख रहा है।
इंदौर के बाणगंगा इलाके के लोगों का कहना है कि यह चूड़ी बेचने के बहाने महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करता था। इसकी वजह से पिटाई की गई है। बाणगंगा थाना क्षेत्र के गोविंद नगर इलाके में युवक चूड़ी बेचने गया था। इसका असली नाम तस्लीम है। बाद में पीड़ित युवक ने कहानी गढ़ते हुए कहा कि कुछ लोगों ने जाति
पूछकर हमारी पिटाई कर दी है और पैसे भी छीन लिये हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, बाणगंगा क्षेत्र की न्यू गोविंद नगर बस्ती की निवासी एक युवती की शिकायत पर तस्लीम पर पॉस्को एक्ट सहित कई अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है। उधर मारपीट के मामले में इसी क्षेत्र के 3 लोगों के खिलाफ भी प्रकरण दर्ज किया गया है। इस मामले में राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दावा
करते हुए कहा है कि युवक हिंदू नाम रखकर चूड़ियां बेच रहा था और उसके पास से दो आधार कार्ड भी बरामद हुए हैं। अगर कोई आदमी अपना नाम, जाति और धर्म छुपाता है तो लोगों के मन में कड़वाहट आती है। हमारी बेटियां सावन के दौरान चूड़ियां पहनती हैं और मेंहदी लगाती हैं। चूड़ी विक्रेता के रूप में आया था, भ्रम की स्थिति थी और उसकी आईडी देखकर सच सामने आया।
तस्लीम का कहना था कि वह चूड़ी बेचने का काम करता था। रविवार करीब दो बजे कुछ लोग आए और उससे जाति पूछने लगे। जब उसने अपना नाम बताया तो पिटाई शुरू कर दी और चूड़ियां भी तोड़ दीं। लोगों का कहना है कि युवक चूड़ी बेचने के बहाने महिलाओं के साथ छेड़छाड़ कर रहा था। इस पूरी घटना का वीडियो भी वायरल हो गया है, जिसके बाद मुस्लिम लोगों ने थाने को घेर लिया। पुलिस ने किसी तरह लोगों को समझा कर वापस भेजा। एसपी आशुतोष बागरी ने लोगों से अपील की है कि सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो के चलते किसी भी तरह की अफवाह में न आएं। पुलिस अपनी कार्रवाई कर रही है। उन्होंने बताया कि चूड़ी विक्रेता ने यह आरोप भी लगाया कि लोगों ने उसके लिए सांप्रदायिक तौर पर आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया और उससे 10,000 रुपये की नकदी, मोबाइल फोन, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों के साथ ही करीब 25,000 रुपये मूल्य की चूड़ियां छीन लीं।
राजनीतिक रोटियां सेंकने लगी कांग्रेस
घटना की वीडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस नेता व शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने मध्य प्रदेश सरकार पर हमला बोला। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि यह वीडियो अफगानिस्तान का नहीं है बल्कि इंदौर का है। वाहवाही लूटने के लिए उन्होंने आगे लिखा है कि युवक से हमारी बात हुई है, उसके नुकसान की भरपाई मैं कर रहा हूं और कानूनी सहायता के लिए वकील भी उपलब्ध करवाया जाएगा। कांग्रेस की टीम पीड़ितों के साथ है। कुछ समय बाद कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने ट्वीट कर दावा किया कि पीड़ित लड़के तक लूटे गए सामान जितनी रकम और नया मोबाइल हमारे साथियों ने पहुंचा दिया है। उन्होंने कहा कि तस्लीम बेहद डरा हुआ है और
अपने घर हरदोई वापस जाना चाहता है।
कुमार विश्वास ने जब सच्चाई जानी, गलती सुधारी
पूर्व आप नेता और कवि डॉक्टर कुमार विश्वास ने भी शुरुआत में इस घटना की निंदा की है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि एक चूड़ी बेचनेवाले को घेरकर पीटते ये दर्जन भर लोग अगर इतने ही वीर हैं तो जरा सीमा पर जाकर दुश्मन के आगे जोर दिखाएं? आशा है कि सीएम शिवराज इस खुली अराजकता पर आप ख़ामोश नहीं रहेंगे। कानून-संविधान के खिलाफ जाने वाले किसी धर्म के हों, देशद्रोही हैं। कानून सब पर लागू हो। जब इंदौर आईजी हरि नारायण चारी मिश्र ने ट्वीट कर इंदौर में की घटना के बारे में सही तथ्य बताए तो कुमार विश्वास का ट्वीट बदल गया। उन्होंने सराहना करते हुए ट्वीट कर कहा कि धर्म, मज़हब, दल सबसे ऊपर क़ानून है। उन्होंने इंदौर के आईजी और मुख्यमंत्री को बधाई दी और आभार भी जताया।
ओवैसी ने उगला जहर
इस मामले पर जहर उगलते हुए असदुद्दीन औवेसी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि इंदौर में चूड़ियां बेचने वाले तस्लीम को एक उग्रवादी भीड़ ने बेरहमी से पीटा। अब पुलिस ने तस्लीम के खिलाफ़ ही प्राथमिकी दर्ज कर ली है। तस्लीम का जुर्म यह है कि वह मुसलमान होने के बावजूद चुप-चाप लिंच नहीं हुआ। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री भी खुल कर अपराधियों के लिए बहाने बना रहे हैं। चुनी हुई सरकारों और उग्रवादी भीड़ों में कोई फ़र्क नहीं रहा।
उज्जैन में पाक जिंदाबाद के नारे
पिछले दिनों मोहर्रम पर उज्जैन में पाकिस्तान के समर्थन में कुछ लोगों ने नारेबाजी की थी। उज्जैन एसपी सत्येंद्र शुक्ला के अनुसार पुलिस ने नारेबाजी करने के आरोप में 10 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है। मामला शहर के जीवाजीगंज थाना क्षेत्र का था, जहां गीता कॉलोनी में देर रात त्योहार मनाने के लिए लोगों की
भीड़ जुटी। इस दौरान 'या हुसैन' के नारों के बीच कुछ असामाजिक तत्वों ने उत्पात मचाया। उन्होंने भीड़ के बीच 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगा दिए। इन नारों से सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई।
वहीं, शुक्रवार को इस घटना पर स्पष्ट प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि उनकी सरकार ‘‘तालिबान जैसी ’’ मानसिकता को बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि भारत का हर नागरिक देशभक्त है, अपवाद छोड़ दें तो। लेकिन जो तालिबानी मानसिकता का समर्थन करेगा या राष्ट्र विरोधी गतिविधि करने का प्रयास करेगा, उसको कुचल दिया जाएगा।
पीएफआइ और एसडीपीआइ
ऐसा शायद ही कोई मौका हो जब देश में माहौल खराब करने के मामले में पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) का नाम सामने न आए। चाहे बाबरी मस्जिद गिराए जाने के समय की बात हो या सीएए और एनआरसी या हाथरस कांड को लेकर माहौल खराब करने का मामला हो, पीएफआइ इन चीजों के लिए जिम्मेदार ठहराई जाती रही है। कहा जाता है कि पीएफआइ ऐसे मौके पर मोटी रकम खर्च करके देश का माहौल खराब करने की तैयारी में रहती है और पीएफआइ ने अपनी गतिविधियां बढ़ाने के लिए 21 जून 2009 को राजनीतिक चेहरे के तौर पर सोशलिस्ट डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया (एसडीपीआइ) का गठन किया।
पीएफआइ एक इस्लामिक संगठन है। ये संगठन अपने को पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हक में आवाज उठाने वाला बताता है। संगठन की स्थापना 2006 में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट के उत्तराधिकारी के रूप में हुई। संगठन की जड़ें केरल के कालीकट में गहरी हैं और मुख्यालय दिल्ली के चर्चित शाहीनबाग में हैं। एक मुस्लिम संगठन होने के कारण इस संगठन की ज्यादातर गतिविधियां मुस्लिमों के इर्द गिर्द ही घूमती हैं। नागरिकता संशोधन कानून पर हिंसा फैलाने और आतंकी संगठन आईएसआई से सम्पर्क होने के शक में उत्तर प्रदेश सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की रिपोर्ट देश के गृह मंत्रालय को दी हुई है।
इस संगठन पर कई गैर-कानून गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप है। गृह मंत्रालय का कहना है कि इस संगठन के लोगों के संबंध जिहादी आतंकियों से हैं, साथ ही इस पर इस्लामिक कट्टरवाद को बढ़ावा देने का आरोप है।
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