उत्तराखंड के मुख्यमंत्री आवास पर देवप्रयाग विधायक विनोद कण्डारी और केदारनाथ की पूर्व विधायक शैलारानी रावत के नेतृत्व में केदारनाथ व बदरीनाथ के तीर्थ पुरोहितों के प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि चार धाम सहित सभी तीर्थ पुरोहितों के हक सुरक्षित रहेंगे। पंडा समाज का किसी भी प्रकार का अहित नहीं होने दिया जाएगा।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री आवास पर देवप्रयाग विधायक विनोद कण्डारी और केदारनाथ की पूर्व विधायक शैलारानी रावत के नेतृत्व में केदारनाथ व बदरीनाथ के तीर्थ पुरोहितों के प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि चार धाम सहित सभी तीर्थ पुरोहितों के हक सुरक्षित रहेंगे। पंडा समाज का किसी भी प्रकार का अहित नहीं होने दिया जाएगा।
श्री धामी ने कहा कि पूर्व राज्यसभा सदस्य मनोहर कांत ध्यानी को संबंधित तीर्थ पुरोहितों का पक्ष जानकर पूरी रिपोर्ट देने का आग्रह किया गया है। राज्य सरकार सभी को सुनेगी और उनकी चिंताओं का समाधान करेगी। उन्होंने कहा कि बातचीत होती रहनी चाहिए और इसी के माध्यम से राज्य सरकार रास्ता निकालेगी। बातचीत से सभी शंकाए दूर की जाएंगी और जहां सुधार की जरूरत होगी, राज्य सरकार सुधार करेगी।
उल्लेखनीय है कि चारों धाम के पंडा—पुरोहित सरकार द्वारा बनाये गए देवस्थानम बोर्ड से नाराज हैं। उनका आरोप है कि सरकार हिन्दू मंदिरों को अपने नियंत्रण में लेना चाहती है, जबकि सरकार कहती है कि देवस्थानम बोर्ड बन जाने से चार धाम के अलावा करीब 50 मंदिरों की हालत सुधारी जाएगी और इससे सभी तीर्थस्थलों में यात्री संख्या बढ़ेगी। वहां रहने ठहरने की व्यवस्था सुधरेगी। बोर्ड बन जाने से वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की तरह श्रद्धालुओं का सहयोग लेने के रास्ते पारदर्शी होंगे।
श्री धामी ने यह भी कहा कि बदरीनाथ मास्टर प्लान को मूर्त रूप देने से पूर्व सभी संबंधित पक्षों की भी बात सुनी जाएगी और उनकी शंकाओं का निवारण किया जाएगा। सभी के हित यथासंभव सुरक्षित रहेंगे। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने भी वार्ता के माध्यम से रास्ता निकाले जाने पर सहमति व्यक्त की।
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