गांव, गरीब और किसान हमेशा अटल जी की प्राथमिकताओं में रहे
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत दिल्ली

गांव, गरीब और किसान हमेशा अटल जी की प्राथमिकताओं में रहे

by WEB DESK
Aug 16, 2021, 12:09 pm IST
in दिल्ली
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

अटल बिहारी वाजपेयी जी सदैव कहा करते थे कि देश में स्वराज को सुराज में बदलकर सुशासन लाना संभव है। गांव, गरीब और किसान हमेशा से श्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्राथमिकताओं में रहे हैं। प्रधानमंत्री के रूप में अटलजी के जिस काम को सबसे ज्यादा अहम माना जा सकता है वह सड़कों के माध्यम से भारत को जोड़ने की योजना है।


नितिन गडकरी

अटल बिहारी वाजपेयी जी सदैव कहा करते थे कि देश में स्वराज को सुराज में बदलकर सुशासन लाना संभव है। गांव, गरीब और किसान हमेशा से श्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्राथमिकताओं में रहे हैं। प्रधानमंत्री के रूप में अटलजी के जिस काम को सबसे ज्यादा अहम माना जा सकता है वह सड़कों के माध्यम से भारत को जोड़ने की योजना है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को लागू करने में कई तरह की अड़चनें आईं, लेकिन उसकी परवाह नहीं करते हुए उन्होंने इस योजना को लागू कराकर ही दम लिया। यदि मुद्दा विकास से जुड़ा है तो वे कठोर निर्णय लेने से कभी नहीं हिचके। उनकी दूरदर्शिता, नेतृत्व क्षमता के कारण देश के विकास को नई दिशा मिली। वास्तव में अटलजी कुशल राजनेता थे।

स्वाधीनता के बाद पहली बार वाजपेयी जी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा महात्मा गांधी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की सोच का भारत बनाने का काम प्रारंभ किया गया। अटलजी की तरफ से गांवों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए जिस प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की बुनियाद डाली गई, उस काम को आज हमें 'भारत के विकास का राजपथ' कहने में गर्व महसूस होता है। मेरा सौभाग्य है कि मुझे राष्ट्र के दो महान चिंतकों महात्मा गांधी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की परिकल्पना को साकार करने वाली सोच को धरातल पर अमलीजामा पहनाने वाली योजना बनाने का जिम्मा मिला। दूरद्रष्टा अटलजी की प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना आज गांवों की तस्वीर और तकदीर बदलने वाली साबित हो रही है। वे जब देश के प्रधानमंत्री बने, तो उन्होंने सबसे पहला काम सम्पर्क विहीन गांवों पर ध्यान केन्द्रित करने का किया। किसी को अचरज होना स्वाभाविक है कि स्वाधीनता के पांच दशक बाद भी देश की 40 प्रतिशत आबादी के लिए सड़कें नहीं थीं।

वाजपेयी जी ने 1999 में मुझे दिल्ली बुलाया और अपनी यह सोच साझा की। उन्होंने इस अपेक्षा के साथ यह जिम्मेदारी दी कि 'यह काम जितना जल्दी हो सके, प्रारंभ कर दिया जाए।' ग्राम सड़क योजना के लिए उनकी निगरानी में कमेटी गठित की गई और उसका चेयरमैन मुझे बनाया गया। मेरी अध्यक्षता में जनवरी 2000 में तत्कालीन वित्त मंत्री श्री यशवंत सिन्हा, ग्रामीण विकास मंत्री श्री सुंदरलाल पटवा, शहरी विकास मंत्री श्री जगमोहन, योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री के.सी.पंत की उपस्थिति में पहली बैठक हुई, जिसमें ग्राम सड़क योजना का खाका तैयार किया गया। उस बैठक में मेरी तरफ से महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम द्वारा किए गए कार्यों की संक्षिप्त प्रस्तुति दी गई। इसके बाद 8 फरवरी और 28 फरवरी 2000 को दूसरी-तीसरी बैठक हुई। कमेटी की चौथी बैठक 2 मई, 2000 को हुई, जिसमें सभी पहलुओं पर विस्तार से विचार-विमर्श कर योजना को अंतिम रूप दिया गया।

यह रिपोर्ट तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेयी जी को सौपी गई और 25 दिसम्बर, 2000 को देश को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का उपहार मिला। मुझे याद है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का प्रारूप बनकर जब अटलजी के सामने आया तब एक प्रश्न यह खड़ा किया गया कि इसके लिए धन कहां से आएगा। अटलजी ने इसका समाधान जानना चाहा, तब मैंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए धन जुटाने के लिए पेट्रोल और डीजल पर सेस लगाने का सुझाव दिया। मैंने अटलजी से कहा कि आप इस पर निर्णय करिए, क्योंकि यह देश की तकदीर और तस्वीर बदलने का मौका है। इससे पीछे नहीं हटना चाहिए। मेरा यह सुझाव अटलजी को उपयुक्त लगा और उन्होंने तत्काल इसे लागू करने का निर्णय ले लिया। पेट्रोलियम पदार्थों पर सेस लगाने का सुझाव इतना कारगर रहा कि इसे राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए धन मुहैया कराने पर भी लागू कर दिया गया। वाजपेयी जी के समग्र विकास की सोच यही नहीं थमी, उन्होंने गांवों को सड़कों से जोड़ने की योजना प्रारंभ करने के तत्काल बाद देश के राष्ट्रीय राजमार्गों को समृद्धशाली बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का काम 2014 के बाद फिर गतिशील हुआ। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार एकबार फिर महात्मा गांधी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के सपनों का भारत गढ़ने की दिशा में बढ़ चली।

वाजपेयी जी बहुत दूरदर्शी थे। वे जानते थे कि देश को किस तरह से विकसित किया जाना चाहिए। उन्होंने सड़क विकास के साथ जल प्रबंधन के लिए देश की नदियों को आपस में जोड़ने की अभिनव पहल की थी। देश को कभी जल समस्या का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए उन्होंने नदियों के बीच समन्वय बिठाने की योजना बनाई। अटलजी के इस प्रयोग को हमने आगे बढ़ाने की कोशिश की है। केन-बेतवा और दमनगंगा-पिंजल तथा पार-तापी-नर्मदा नदियों को जोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना पर राज्यों के बीच काफी हद तक सहमति बन गई है। हमारे मंत्रालय द्वारा नदियों का उपयोग जल परिवहन में करने की दिशा में भी प्रयास किया गया।

अटलजी की जल प्रबंधन की सोच ही हमारे लिए गंगा की निर्मलता और अविरलता की प्रेरक बनी। अटलजी हमेशा कहा करते थे कि हमारे विकास की जो योजना बने वह भारतीय संस्कृति  और सभ्यता के अनुरूप होनी चाहिए। हमारी सरकार उसी अवधारणा पर गंगा को निर्मल बनाने का  कार्य कर रही है। अटलजी भारतीय राजनीतिक पटल पर ऐसा नाम है, जिन्होंने अपने कर्तत्व व कर्तत्व से व्यापक स्वीकार्यता और सम्मान हासिल किया। उन्होंने राजनीति को दलगत और स्वार्थ की वैचारिकता से अलग हटकर अपनाया। जीवन में आने वाली हर विषम परिस्थितियों और चुनौतियों को स्वीकार किया। उनकी दृढ़ राजनीतिक इच्छा शक्ति ने उन्हें अटल स्तंभ के रूप में अडिग रखा। अटलजी का ओजस्वी, तेजस्वी और यशस्वी व्यक्तित्व सदा देश के लोगों का मार्गदर्शन करता रहेगा।

 

(लेखक केद्रीय मंत्री हैं। लेख पाञ्चजन्य आर्काइव से लिया है।)
 


Follow Us on Telegram

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies