शिवसेना शुरू करवा रही है कत्लखाना!
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत महाराष्ट्र

शिवसेना शुरू करवा रही है कत्लखाना!

by WEB DESK
May 12, 2021, 03:58 pm IST
in महाराष्ट्र
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

जो शिवसेना छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम की माला दिन-रात जपती है, उसी की सरकार शिवाजी की जन्मभूमि शिवनेरी दुर्ग के पास बंद पड़े कत्लखाने को फिर से चालू करने के लिए पैसे का आवंटन कर चुकी है, लेकिन हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों के विरोध के कारण कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है

सत्ता के लिए कोई राजनीतिक दल किस हद तक गिर सकता है, इसका ताजा उदाहरण है महाराष्ट्र सरकार की अगुवाई करने वाली शिवसेना। जिस शिवसेना ने हिंदुत्व के नाम पर लोगों से वोट मांगे, वही अब हिंदुत्व-विरोधी कार्य कर रही है। ऐसा लगता है कि शिवसेना को अब न तो छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्शों से कोई मतलब रह गया है और न ही हिंदुत्व से।

ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि पिछले दिनों महाराष्ट्र सरकार के नगर विकास विभाग ने पुणे से लगभग 60 किलोमीटर दूर जुन्नर कस्बे के विकास के लिए 5,0000,000 रु. (पांच करोड़ रु.) का आवंटन किया है। इसमें से शिवाजी महाराज की जन्मभूमि शिवनेरी दुर्ग के पास बंद पड़े एक कत्लखाने को खुलवाने के लिए 1,10,00,000 रु. आवंटित किए गए हैं। बता दें कि शिवनेरी दुर्ग से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर जुन्नर कस्बा है। जुन्नर होते ही शिवनेरी दुर्ग जाया जाता है।

9 मई को लोगों को पता चला कि सरकार ने कत्लखाने को खुलवाने के लिए पैसे का आवंटन किया है। इसके बाद अनेक हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों ने इसका विरोध किया। विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, राष्ट्रीय वारकरी परिषद, समग्र हिंदू अघाड़ी, अखिल भारतीय कृषि गो सेवा संघ, हिंदू जनजागृति समिति जैसे संगठनों ने साफ कहा कि किसी भी हालत में बंद पड़ा कत्लखाना नहीं खुलना चाहिए। यदि ऐसा हुआ तो सरकार को हिंदुओं का प्रचंड विरोध झेलना पड़ेगा। लॉकडाउन को देखते हुए इन संगठनों के कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया का भी सहारा लिया और कुछ ही घंटों में पूरे महाराष्ट्र में यह खबर फैल गई। विरोध को देखते हुए कत्लखाने के लिए आवंटित पैसे के खर्च करने पर रोक लगा दी गई है, लेकिन आवंटन रद्द नहीं किया गया है।

अब लोग सवाल उठा रहे हैं कि महामारी के इस दौर में जिस जुन्नर कस्बे में एक अच्छा अस्पताल न होने के कारण सैकड़ों लोग मर रहे हैं, वहां बंद पड़े कत्लखाने के लिए इतनी बड़ी राशि किसके कहने पर दी गई? या फिर इसे खुलवाने की जरूरत ही क्या है? इन सबके लिए लोग राज्य सरकार और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता तथा जुन्नर के विधायक अतुल बेनके को जिम्मेदार मानते हैं।

अखिल भारतीय कृषि गो सेवा संघ (पुणे जिला) के अध्यक्ष स्वामी शिवशंकर ने बताया, ‘‘1960 में बने इस कत्लखाने को नियमों का पालन नहीं करने के कारण 2014 में बंद कर दिया गया था। ऐसा कहा जाता है कि जब से महाअघाड़ी की सरकार बनी है तब से जुन्नर के मुसलमान इसे चालू करवाने की कोशिश में लगे हैं। उन लोगों ने अनेक बार विधायक से भी गुहार लगाई।’’

इसलिए लोग मान रहे हैं कि विधायक के प्रयासों से ही मई के प्रथम सप्ताह में जुन्नर के विकास के लिए ‘जुन्नर नगरपालिका परिषद’ को महाराष्टÑ सरकार के नगर विकास विभाग से 5,0000,000 करोड़ रु. मिले। इनमें से जुन्नर की ईदगाह के लिए 20,00,000 रु., ईदगाह के रास्ते के लिए 30,00,000 रु., कत्लखाने के लिए1,10,00,000 रु., ईनामदार कब्रिस्तान की मरम्मत के लिए 10,00,000 रु., कुरैशी कब्रिस्तान के लिए 30,00,000 रु., उत्तरेश्वर सड़क की मरम्मत के लिए 10,00,000 रु., मारुति मंदिर के सभा मंडप के निर्माण के लिए 10,00,000 रु., शनैश्वर मंदिर के सभा मंडप के लिए 25,00,000 रु. एस.एम. जोशी सभागृह के लिए 1,25,00,000 रु. का आवंटन किया गया है। कुछ अन्य संस्थाओं को भी पैसे दिए गए हैं।

लोग कह रहे हैं कि विधायक को तो कत्लखाना शुरू करवाना था, लेकिन यदि अकेले कत्लखाने के लिए ही पैसा आवंटित होता तो और ज्यादा बवाल होता। इसलिए उन्होंने जुन्नर के कुछ अन्य भवनों के भी जीर्णोद्धार के लिए पैसा आवंटित करवाया।

हिंदू जनजागृति समिति, महाराष्ट्रऔर छत्तीसगढ़ के संगठक घनवट सुनील कहते हैं, ‘‘शिवाजी महाराज की जन्मभूमि हमारे लिए पुण्यभूमि है। इसका वंदन और संरक्षण होना चाहिए। वहां कत्लखाना शुरू करवाने का मतलब है, उन शिवाजी का अपमान, जिन्होंने सनातन धर्म और गोवंश की रक्षा को सबसे अधिक महत्व दिया था।’’

हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों के विरोध को देखते हुए जुन्नर में इन दिनों अतिरिक्त पुलिस बल को तैनात किया गया है। उल्लेखनीय है कि जुन्नर में कई स्थानों पर चोरी-छुपे पशुओं का वध होता है और वहां से महाराष्ट्र के कई शहरों में मांस भेजा जाता है। स्थानीय हिंदू पशुओं की इस अवैध हत्या पर रोक लगाने की मांग बरसों से कर रहे हैं। उनका कहना है कि शिवाजी ने गोहत्या पर रोक लगाने का काम किया था। इसलिए उनकी जन्मभूमि पर गोहत्या बंद होनी चाहिए।

पुणे के वकील और सामाजिक कार्यकर्ता मंगेश मछिन्द्र नढे कहते हैं, ‘‘यह बहुत ही आश्चर्य और दुर्भाग्य की बात है कि जिस शिवसेना का गठन छत्रपति शिवाजी के आदर्शों को बढ़ाने के लिए हुआ था, वही अब उनकी जन्मभूमि के पास बंद पड़े कत्लखाने को खुलवाना चाहती है।’’

जुन्नर में बंद कत्लखाना फिर कभी शुरू न हो, इसके लिए कई लोग कानूनी मार्ग पर भी निकल चुके हैं। स्वामी शिवशंकर कहते हैं, ‘‘शिवनेरी दुर्ग की पवित्रता को बनाए रखने के लिए जल्दी ही बॉम्बे उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल की जाएगी। इसमें मांग की जाएगी कि जुन्नर में बंद पड़े कत्लखाने को हमेशा के लिए बंद करने का आदेश दिया जाए।’’
इस प्रकरण ने उस धारणा को और बल दिया है, जिसमें कहा जाता है कि कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ सरकार बनाकर शिवसेना खांटी सेकुलर हो गई है। और राजनीतिक दलों का सेकुलर होने का अर्थ आप जानते ही हैं।

यह बहुत ही आश्चर्य और दुर्भाग्य की बात है कि जिस शिवसेना का गठन छत्रपति शिवाजी के आदर्शों को बढ़ाने के लिए हुआ था, वही अब उनकी जन्मभूमि के पास बंद पड़े कत्लखाने को खुलवाना चाहती है।
-मंगेश मछिन्द्र नढे, वकील और सामाजिक कार्यकर्ता, पुणे

शिवाजी महाराज की जन्मभूमि हमारे लिए पुण्यभूमि है। इसका वंदन और संरक्षण होना चाहिए। वहां कत्लखाना शुरू करवाने का मतलब है, उन शिवाजी महाराज का अपमान, जिन्होंने सनातन धर्म और गोवंश की रक्षा को सबसे अधिक महत्व दिया था।
-घनवट सुनील, संगठक, हिंदू जनजागृति समिति (महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़)
शिवनेरी दुर्ग की पवित्रता को बनाए रखने के लिए जल्दी ही बॉम्बे उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल की जाएगी। इसमें मांग की जाएगी कि जुन्नर में बंद पड़े कत्लखाने को हमेशा के लिए बंद करने का आदेश दिया जाए।
-स्वामी शिवशंकर, अध्यक्ष, अखिल भारतीय कृषि गो सेवा संघ (पुणे जिला)

शिवनेरी दुर्ग
शिवाजी का जन्म शिवनेरी दुर्ग में 19 फरवरी, 1630 को हुआ था। उन दिनों उनके पिता शाहजी बीजापुर के सुल्तान आदिल शाह की सेना में सेनापति थे। शाहजी निरंतर चल रहे युद्धों में व्यस्त रहते थे। इसलिए वे अपनी गर्भवती पत्नी जीजाबाई की सुरक्षा के लिए परेशान रहते थे। उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए ही उन्होेंने जीजाबाई को शिवनेरी भेज दिया, जो चारों ओर से खड़ी चट्टानों से घिरा एक अभेद्य किला था। इस किले के अंदर माता शिवाई का एक मंदिर था, जिनके नाम पर शिवाजी का नाम रखा गया। अब यह किला जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। मुगलों से ऐसे किलों की देखरेख करने की तो उम्मीद ही नहीं थी। अंग्रेजों ने भी इन किलों की देखेरख करने का कोई खास प्रबंध नहीं किया और बाद में भारत की सरकारों ने भी ऐसा ही किया। इस कारण ऐतिहासिक किलों के आसपास अतिक्रमण किया जा रहा है।

अरुण कुमार सिंह

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

बच्चों में अस्थमा बढ़ा सकते हैं ऊनी कंबल, अध्ययन में खुलासा

हमले में मारी गई एक युवती के शव को लगभग नग्न करके गाड़ी में पीछे डालकर गाजा में जिस प्रकार प्रदर्शित किया जा रहा था और जिस प्रकार वहां के इस्लामवादी उस शव पर थूक रहे थे, उसने दुनिया को जिहादियों की पाशविकता की एक झलक मात्र दिखाई थी  (File Photo)

‘7 अक्तूबर को इस्राएली महिलाओं के शवों तक से बलात्कार किया इस्लामी हमासियों ने’, ‘द टाइम्स’ की हैरान करने वाली रिपोर्ट

राजस्थान में भारतीय वायुसेना का Jaguar फाइटर प्लेन क्रैश

डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

किशनगंज में घुसपैठियों की बड़ी संख्या- डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

गंभीरा पुल बीच में से टूटा

45 साल पुराना गंभीरा ब्रिज टूटने पर 9 की मौत, 6 को बचाया गया

पुलवामा हमले के लिए Amazon से खरीदे गए थे विस्फोटक

गोरखनाथ मंदिर और पुलवामा हमले में Amazon से ऑनलाइन मंगाया गया विस्फोटक, आतंकियों ने यूज किया VPN और विदेशी भुगतान

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

बच्चों में अस्थमा बढ़ा सकते हैं ऊनी कंबल, अध्ययन में खुलासा

हमले में मारी गई एक युवती के शव को लगभग नग्न करके गाड़ी में पीछे डालकर गाजा में जिस प्रकार प्रदर्शित किया जा रहा था और जिस प्रकार वहां के इस्लामवादी उस शव पर थूक रहे थे, उसने दुनिया को जिहादियों की पाशविकता की एक झलक मात्र दिखाई थी  (File Photo)

‘7 अक्तूबर को इस्राएली महिलाओं के शवों तक से बलात्कार किया इस्लामी हमासियों ने’, ‘द टाइम्स’ की हैरान करने वाली रिपोर्ट

राजस्थान में भारतीय वायुसेना का Jaguar फाइटर प्लेन क्रैश

डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

किशनगंज में घुसपैठियों की बड़ी संख्या- डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

गंभीरा पुल बीच में से टूटा

45 साल पुराना गंभीरा ब्रिज टूटने पर 9 की मौत, 6 को बचाया गया

पुलवामा हमले के लिए Amazon से खरीदे गए थे विस्फोटक

गोरखनाथ मंदिर और पुलवामा हमले में Amazon से ऑनलाइन मंगाया गया विस्फोटक, आतंकियों ने यूज किया VPN और विदेशी भुगतान

25 साल पहले किया था सरकार के साथ फ्रॉड , अमेरिका में हुई अरेस्ट; अब CBI लायेगी भारत

Representational Image

महिलाओं पर Taliban के अत्याचार अब बर्दाश्त से बाहर, ICC ने जारी किए वारंट, शीर्ष कमांडर अखुंदजदा पर भी शिकंजा

एबीवीपी का 77वां स्थापना दिवस: पूर्वोत्तर भारत में ABVP

प्रतीकात्मक तस्वीर

रामनगर में दोबारा सर्वे में 17 अवैध मदरसे मिले, धामी सरकार के आदेश पर सभी सील

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies