आवरण कथा / उत्तर प्रदेश -राम जी का पहला पड़ाव
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

आवरण कथा / उत्तर प्रदेश -राम जी का पहला पड़ाव

by
Nov 27, 2017, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 27 Nov 2017 12:48:28


श्रीराम अयोध्या से वनवास के लिए निकले तो सबसे पहले  प्रयाग के पास शृंगवेरपुर में रुके थे। यहीं पर उन्होंने अपने वस्त्र, मुकुट आदि उतार कर सारथी सुमंत को देकर वापस अयोध्या भेजा था

प्रयाग से हरिमंगल

उत्तर प्रददेश की धार्मिक और सांस्कृतिक राजधानी प्रयाग अनादिकाल से देवताओं, ऋषियों और मुनियों के लिए आकर्षण का केंद्र रही है। इसे उनके यज्ञ, जप, तप, दान जैसे तमाम महत्वपूर्ण आयोजनों का साक्षी बनने का गौरव प्राप्त है। यही कारण है कि प्रयाग और उसके आसपास आज भी अनेक महत्वपूर्ण स्थल हैं, जहां हम अपनी धार्मिक, सांस्कृतिक धरोहरों को देखकर, उनके बारे में जान कर या उनसे जुड़ी कथाओं को अनुभूत कर सकते हैं। इसलिए प्रयाग आ रहे हैं तो कम से कम दो दिन का समय लेकर आएं।
 यात्रा की शुरुआत गंगा-यमुना के पावन संगम स्थल पर स्नान से करें। संगम और उसके आसपास मौजूद धरोहरों को देखने के बाद शृंगवेरपुर अवश्य जाएं। प्रयाग से 40 कि.मी. दूर लखनऊ मार्ग पर स्थित शृंगवेरपुर को महर्षि शृंगी की तपोभूमि एवं निषादराज गुह की राजधानी माना जाता है। लेकिन धर्म ग्रंथों में इसका महत्व प्रभु श्रीराम के वनवास प्रसंग से जुड़ा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार अपने पिता दशरथ की आज्ञा से वनवास के लिए चले श्रीराम ने पत्नी सीता और भाई लक्षमण के साथ पहला पड़ाव शृंगवेरपुर में किया, क्योंकि आगे गंगा नदी थी जिसे पार करके जंगल के रास्ते रथ को छोड़ कर पैदल यात्रा होनी थी। यहीं पर श्रीराम ने अपने वस्त्र, मुकुट आदि उतार कर सारथी सुमंत को देकर उन्हें वापस अयोध्या भेजा था। शृंगवेरपुर में गंगा नदी को पार करने के लिए श्रीराम ने निषाद राजा गुह से अनुरोध किया लेकिन वे पहले तैयार नहीं हुए। इसके लिए अलग-अलग ग्रंथों में कई कथाएं मिलती हैं, लेकिन सबका सार एक है कि निषादराज भगवान् श्रीराम का आशीर्वाद चाहते थे। इस कारण सभी लोगों को रात्रि शृंगवेरपुर में शीशम के वृक्ष के नीचे व्यतीत करनी पड़ी थी। निषादराज का अनुरोध जैसे ही स्वीकार हुआ, वह तैयार हो गए। गंगा पार कराने से पूर्व निषादराज ने प्रभु श्रीराम के पैर धोकर अपने नाव से गंगा पार कराई। जिस स्थान पर श्रीराम के पैरों को धोया गया था, वहां एक छोटा-सा प्रतीकात्मक मंंिदर है जिसके बाहर पैरों के निशान बने हैं। इस स्थान को रामचौरा के नाम से जाना जाता है।
शृंगवेरपुर की पुरातात्विक खुदाई में यहां शृंगी ऋषि का मंदिर सामने आया है। इस आधार पर कयास लगाए जाते हैं कि उन्हीं के नाम पर इसका नाम शृंगवेरपुर पड़ा होगा। धर्म ग्रंथों में वर्णन है कि शृंगी ऋषि ने ही राजा दशरथ के यहां पुत्रकामेष्टि यज्ञ करवाया था जिसके बाद उन्हें पुत्र रत्नों की प्राप्ति हुई थी। राजा दशरथ पुत्र प्राप्ति से इतने प्रसन्न हुए कि उन्होंने अपनी इकलौती बेटी शांता का विवाह शृंगी ऋषि से कर दिया। शृंगवेरपुर में आज शांता माई का सुंदर मंदिर है। इस स्थल से पर्यटकों को जोड़ने के लिए प्रदेश सरकार ने राम वन गमन मार्ग को बनवाने की योजना तैयार की है।
शृंगवेरपुर आधुनिक चकाचौंध से दूर बहुत ही शांत स्थान है, जहां आप गंगा घाट पर बनी सीढ़ियों पर बैठ कर द्रुत गति से अविरल बहती गंगा को दूर तक निहार सकते हैं। शांत चित्त बैठ कर आप तुलसीदास के रामचरितमानस के अयोध्या कांड में यहां के संदर्भ में आए विभिन्न प्रंसगों को महसूस कर सकते हैं। यहां पहुंचने के लिए बस और ट्रेन दोनों की सुविधाएं हैं। टेÑन की तुलना में बस ज्यादा मात्रा में सुलभ है।
मुख्य मार्ग से शृंगवेरपुर तक पहुंचने के लिए दिनभर आॅटो उपलब्ध हैं। वैसे तो यहां कभी भी जाया जा सकता है लेकिन यदि इस मनोरम स्थल का देर तक आनंद उठाना चाहते हैं और भगवान् राम के जीवन चरित के साथ तादात्म्यता की अनुभूति करने के इच्छुक हैं तो नवंबर से फरवरी तक का मौसम सबसे बेहतर है।    

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Uttarakhand Illegal Majars

हरिद्वार में 10 बीघा सरकारी जमीन पर बना दी अवैध मजार, हिंदू संगठनों में रोष, जांच के आदेश

Supreme court OBC reservation

केरल की निमिषा प्रिया को यमन में फांसी पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई, केंद्र से जवाब तलब

इंदिरा गांधी ने आपातकाल में की थी क्रूरता, संजय गांधी ने जबरन कराई थी नसबंदी: शशि थरूर

इस्राएल सेना चैट जीपीटी जैसा एक टूल भी बना रही है जिससे फिलिस्तीन से मिले ढेरों डाटा को समझा जा सके

‘खुफिया विभाग से जुड़े सब सीखें अरबी, समझें कुरान!’ Israel सरकार के इस फैसले के अर्थ क्या?

रात में भूलकर भी न खाएं ये 5 चीजें, हो सकती हैं गंभीर बीमारियां

Earthqake in Delhi-NCR

दिल्ली-एनसीआर में 4.4 तीव्रता का भूकंप, झज्जर रहा केंद्र; कोई हताहत नहीं

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Uttarakhand Illegal Majars

हरिद्वार में 10 बीघा सरकारी जमीन पर बना दी अवैध मजार, हिंदू संगठनों में रोष, जांच के आदेश

Supreme court OBC reservation

केरल की निमिषा प्रिया को यमन में फांसी पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई, केंद्र से जवाब तलब

इंदिरा गांधी ने आपातकाल में की थी क्रूरता, संजय गांधी ने जबरन कराई थी नसबंदी: शशि थरूर

इस्राएल सेना चैट जीपीटी जैसा एक टूल भी बना रही है जिससे फिलिस्तीन से मिले ढेरों डाटा को समझा जा सके

‘खुफिया विभाग से जुड़े सब सीखें अरबी, समझें कुरान!’ Israel सरकार के इस फैसले के अर्थ क्या?

रात में भूलकर भी न खाएं ये 5 चीजें, हो सकती हैं गंभीर बीमारियां

Earthqake in Delhi-NCR

दिल्ली-एनसीआर में 4.4 तीव्रता का भूकंप, झज्जर रहा केंद्र; कोई हताहत नहीं

आरोपी मौलाना जलालुद्दीन उर्फ छांगुर

बलरामपुर: धर्म की भूमि पर जिहादी मंसूबों की हार

kanwar yatra delhi

कांवड़ यात्रा 2025: मीट-मछली की दुकानें बंद, आर्थिक मदद भी, दिल्ली में UP वाला एक्शन

Punjab Khalistan police

पंजाब: पूर्व सैनिक गुरप्रीत सिंह गिरफ्तार, ISI को दे रहा था भारतीय सेना की खुफिया जानकारी

Pema Khandu Arunachal Pradesh Tibet

पेमा खांडू का चीन को करारा जवाब: अरुणाचल भारत का अभिन्न अंग, तिब्बत से सटी है सीमा

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies