जन गण मन - राम की अयोध्या वापसी
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

जन गण मन – राम की अयोध्या वापसी

by
Oct 16, 2017, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 16 Oct 2017 12:54:49

सभी हिंदू पर्व, विजय के उत्सव हैं। यह बात मन में गहरे तब उतरेगी जब हम पूजा, देव, देवियों को मनाना व्यक्तिगत मन्नतों और कामनाओं के पूरा होने से परे देखना शुरू करें। जब माता जानकी, साक्षात् मर्यादास्वरूपिणी का रावण जैसे ब्राह्मण और अतिविद्वान ने अपहरण किया और आग्रह तथा परामर्श के बाद भी वह नहीं माना तो शस्त्रधारी राम ने जनसंगठन के माध्यम से आक्रमण कर रावण का हनन किया था। सीता को वापस लाए थे। अत: अयोध्या वापसी। अत: दीपावली।
राम खाली हाथ नहीं लौटे थे। उन्होंनेे लंका पर आक्रमण के लिए क्षमा भाव नहीं दिखाया था। हिंदुओं ने हजारों वर्ष की परम्परा दीपावली और दशहरा, को विजय के उत्सव के रूप में मनाना भी कभी नहीं छोड़ा।
हिंदू होने का अर्थ नि:शस्त्र, बेजान होकर दुष्ट के अन्याय को सहन करते जाना नहीं है। हिंदू होने का अर्थ है पश्चाताप विहीन दुष्ट पर आक्रमण कर उसे दण्ड देना, उसका अंत करना, उसके प्रति दया नहीं दिखाना।
अत: दीवाली, अत: दशहरा। हारे हुए त्योहार नहीं मनाते।
विजय का त्योहार मनाने के लिए चाहिए पथ का निर्धारण, शत्रु की स्पष्ट पहचान, जनसंगठन द्वारा शक्ति संचय और आक्रमण की तैयारी।
सत्तर वर्ष किसी राष्ट्र की आयु में बिंदु का सहस्रांश भी नहीं होते। पर हिंदुओं की स्थिति देखिए। पाकिस्तान में अपमानित, असुरक्षित और दूसरे दर्जे के नागरिक। बांग्लादेश में खालिदा जिया शासन की तुलना में आज बेहतर स्थिति होगी, लेकिन हिंदू होने के नाते उन पर आघात, भेदभाव, अपमान, दुर्गा पूजा पंडालों का यत्र-तत्र ध्वंस, अपहरण की घटनाएं होती ही हैं। म्यांमार के रोहिंग्या हिंदू अलगाववादी आतंकी मुस्लिमों के प्रहारों का शिकार होकर शरणार्थी बने, आज भी उनका दर्द देखा नहीं जाता। मैं स्वयं गत सप्ताह उनके बीच था। बांग्लादेश में शरणार्थी के रूप में पलायन को मजबूर रोहिंग्या हिंदू स्त्री शिविरों में भी इतना डर है कि अनेक मांग भरना भी छोड़ बैठी हैं। कश्मीर से पलायन, म्यांमार से पलायन, यह पलायन कब से हिंदुओं की पहचान बनने लगी? क्या शरणार्थी होना अब हिंदू होने का एक स्वीकार्य परिणाम हो गया है?
याद करना होगा राजनीति में लाला लाजपत राय, वीर सावरकर और श्यामा प्रसाद मुखर्जी को, जिन्होंने स्पष्ट और बेलाग रूप में हिंदू रक्षा और हिंदू हित को अपने जीवन में मुख्य स्थान दिया। अगर हिंदू के बारे में क्षमा भाव से बोलेंगे, सेकुलर दबाव में रहेंगे, मिली-जुली भाषा का इस्तेमाल करेंगे, तो हिंदू की बात करना दिखावा मात्र होगा। स्वामी श्रद्धानंद प्रखर, असमझौतावादी हिंदू थे जिन्होंने शुद्धि आंदोलन द्वारा मुसलमान बन चुके हजारों हिंदुओं को वापस आर्य बनाया। वे योद्धा संन्यासी कहलाए। उन्होंने सही बात पर मुसलमानों का समर्थन भी किया। वे पहले हिंदू संन्यासी थे जिन्हें जामा मस्जिद, दिल्ली में हजारों मुसलमानों को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया गया। वीर सावरकर और डॉ. श्यामा प्रसद मुखर्जी हिंदू महासभा की प्रखर हिंदुत्व राजनीति के नक्षत्र थे। उन्होंने हिंदू हितों के लिए कभी समझौता नहीं किया, लेकिन हिंदू समाज में व्याप्त अंधविश्वास, कुरीतियों, पाखंड एवं छुआछूत पर कड़े प्रहार भी किए। आर्य समाज की पाखंड खण्डिनी पताका और सावरकर का पतित पावन मंदिर आंदोलन हिन्दू समाज को वीर बनाने वाला था। पर आज हिंदू जातिभेद एवं पाखंड पर बोलने वाला कोई नहीं दिखता, बल्कि जातिभेद बढ़ रहा है और अनुसूचित जातियों पर होने वाले अन्याय व अत्याचार की घटनाओं पर प्राय: चुप्पी साधे रखना 'सही' माना जाता है।
वह हिंदू नहीं जो समय की धार को बदलने का साहस न रखे। वह विवेकानंद वाणी जिसने वीर हिंदू पैदा किए, हिंदू कापुरुषता और भीरुता को झकझोरा, खत्म किया, पुस्तकों और भाषणों का विषय नहीं, व्यवहार का आदर्श मानक है। भारत में बीसियों सालों से आंतरिक सुरक्षा का अर्थ घर के भीतर आतंकी युद्ध का सामना करना हो गया है। क्यों? सीमा पर, सीमा के भीतर हमारे जवानों की शहादत दशकों से रोजमर्रा की सामान्य खबरों में शुमार हो गई है? क्यों? इसका जवाब आंकड़ों में नहीं, निर्णायक इच्छाशक्ति में ढूंढना होगा। ईर्ष्या, विद्वेष, कटुता, शत्रु से पहले भीतरी नापंसद तत्वों का खात्मा, ये हिंदू समाज की सामान्य विशेषताएं बन गई हैं। तरक्की रोटी, कपड़ा, मकान, बिजली, पानी मात्र से नहीं, राष्ट्रीय चिति समाज की आत्मा के सशक्तिकरण से मापी जाती है।
उत्तर पूर्वांचल का लगातार बढ़ता ईसाईकरण  (जहां कहते हैं, इंदिरा गांधी ने मदर टेरेसा तक को जाने नहीं दिया था, आज वह अरुणाचल, 30 प्रतिशत ईसाई हो गया है), कश्मीरी हिंदू शरणार्थियों (जिनके बारे में पाञ्चजन्य की आवरण कथा हाल ही में छपी है) की सुरक्षित, ससम्मान वापसी, जम्मू-कश्मीर के दूसरे झंडे को खत्म करना हमारी चिंता और चिंतन के राडार पर कहां आते हैं?
दीपावली शुभ हो। राम की अयोध्या वापसी शुभ हो। अयोध्या वापसी के साथ-साथ उन मूल्यों और संकल्पों की हमारे हृदय के भीतर पैठी अयोध्या में भी वापसी हो, जिनसे भारत व्याख्यायित होता है। तब होगी अयोध्या वापसी के दीयों को रोशनी सार्थक!
    (लेखक पूर्व राज्यसभा सांसद हैं)

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

Loose FASTag होगा ब्लैकलिस्ट : गाड़ी में चिपकाना पड़ेगा टैग, नहीं तो NHAI करेगा कार्रवाई

Marathi Language Dispute

‘मराठी मानुष’ के हित में नहीं है हिंदी विरोध की निकृष्ट राजनीति

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

Loose FASTag होगा ब्लैकलिस्ट : गाड़ी में चिपकाना पड़ेगा टैग, नहीं तो NHAI करेगा कार्रवाई

Marathi Language Dispute

‘मराठी मानुष’ के हित में नहीं है हिंदी विरोध की निकृष्ट राजनीति

यूनेस्को में हिन्दुत्त्व की धमक : छत्रपति शिवाजी महाराज के किले अब विश्व धरोहर स्थल घोषित

मिशनरियों-नक्सलियों के बीच हमेशा रहा मौन तालमेल, लालच देकर कन्वर्जन 30 सालों से देख रहा हूं: पूर्व कांग्रेसी नेता

Maulana Chhangur

कोडवर्ड में चलता था मौलाना छांगुर का गंदा खेल: लड़कियां थीं ‘प्रोजेक्ट’, ‘काजल’ लगाओ, ‘दर्शन’ कराओ

Operation Kalanemi : हरिद्वार में भगवा भेष में घूम रहे मुस्लिम, क्या किसी बड़ी साजिश की है तैयारी..?

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies