दोहों का अर्थशास्त्र
July 15, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

दोहों का अर्थशास्त्र

by
Jun 5, 2017, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 05 Jun 2017 13:13:30

दोहे सदियों से हमारी संस्कृति का अहम हिस्सा रहे हैं। खासकर साहित्य और आम बोलचाल में इनका खूब प्रयोग होता है। लेकिन विनायक सप्रे ने इन दोहों को न केवल अर्थशास्त्र की दृष्टि से देखा है, बल्कि अपनी पुस्तक 'दोहानॉमिक्स' में इन्हें निवेश से जोड़ने का बेहतरीन प्रयास किया है। लेखक का कहना है कि जीवन और निवेश, दोनों आसान और सुलझे हुए हो सकते हैं, पर ऐसा तभी संभव है जब हम अपनी जरूरतों के प्रति संवेदनशील बनें और आसपास के माहौल पर करीबी निगाह रखें। कबीर और रहीम ने यही तो किया उन्होंने लोगों के व्यवहार का बारीकी से आकलन किया और सरल तथा सटीक अंदाज में जीवन की उलझनों का समाधान बताया। विनायक सप्रे के अनुसार, अगर उनकी सलाहों की उचित व्याख्या की जाए तो ये मौजूदा दौर में भी निवेशकों के लिए प्रासंगिक हैं। उनके दोहे वैसी सामान्य गलतियों को रोकने में मददगार हो सकते हैं जो हम अपने वित्तीय जीवन में करते हैं। 'दोहानॉमिक्स' कबीर और रहीम के ऐसे ही 40 दोहों का संकलन है, जिनकी व्याख्या लेखक ने निवेश की दृष्टि से की है। साथ ही, पश्चिम के विशेषज्ञों के उद्धरणों को अपनी व्याख्या से जोड़कर पूरब और पश्चिम के बीच की बड़ी खाई को भी पाटने की कोशिश की है। उदाहरणार्थ-
मूड़ मुड़ाये हरि मिले, हर कोई लेओ मुड़ाये।
बार बार के मूड़ से भेड़ ना बैकुंठ जाये।।
लेखक ने कबीर के इस दोहे की व्याख्या के साथ पुस्तक की शुरुआत की है। वे कहते हैं कि कई बार हम दूसरे व्यक्ति के शोध और लक्ष्यों के आधार पर निवेश के फैसले ले लेते हैं जो हमारे अनुकूल नहीं होते और नुकसान उठाना पड़ता है। जिस प्रकार सिर मुंडाने से अगर मोक्ष मिल जाता तो सभी को मुंडन करा लेना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं होता, क्योंकि हर साल भेड़ों के बाल निकल जाते हैं, पर उन्हें मोक्ष प्राप्त नहीं होता। इसलिए निवेश करते समय भीड़ की देखादेखी नहीं करनी चाहिए, बल्कि अपने उद्देश्य को ध्यान में रखकर ही निवेश करना चाहिए।
मांगन मरण समान है, मत मांगो कोई भीख।
मांगन से तो मरना भला, यह सतगुरु की सीख।।
सातवें अध्याय में कबीर के इस दोहे को सेवानिवृत्ति योजना से जोड़कर विनायक सप्रे लिखते हैं, सेवानिवृत्ति योजना सर्वाधिक महत्वपूर्ण निवेश होती है। सेवानिवृत्ति का नियोजन किसी ने अच्छी तरह से नहीं किया तो बुढ़ापे में उसे अपने आत्मसम्मान से समझौता कर दूसरों पर निर्भर रहना पड़ सकता है। महंगाई का सर्वाधिक असर दवाओं पर पड़ता है और वृद्धावस्था में व्यक्ति काफी हद तक दवाओं पर निर्भर होता है। खासकर देश में लोगों की औसत आयु बढ़ रही है, इसलिए रिटायरमेंट प्लानिंग सबसे ज्यादा जरूरी है।
निज कर किया रहीम कही, सिधि भावी के हाथ।
पांसा अपने हाथ में, दांव न अपने हाथ।।
'कुछ भी स्थायी नहीं है' शीर्षक से 24वें अध्याय में रहीम के दोहे की व्याख्या में कहा गया है कि बैंक की ब्याज दर, शेयर बाजार की चाल किसी के वश में नहीं होती। अपने हाथ में सिर्फ नियमित निवेश करना, संयम रखना और लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना होता है। जिस प्रकार चौपड़ संभावनाओं का खेल है, उसी प्रकार संभावनाओं को फलीभूत करने के लिए नियमित निवेश जरूरी है।
पीछै लागा जाई था, लोक वेद के साथि।
आगैं वै सतगुरु मिल्या, दीपक दिया हाथि।।
35वें अध्याय में कहा गया है कि देश में लोगों के खर्च करने के तौर-तरीकों में बहुत बदलाव आ गया है। युवाओं की आय बढ़ने और भारतीय बाजार में विदेशी ब्रांडों के आने से सोच भी बदली है। पर बीते कुछ दशकों में बदलाव के बावजूद लोगों की जीवनशैली, निवेश के तौर-तरीके पुराने और परंपरागत ही हैं। कबीर कहते हैं कि वे पुराने ग्रंथों में लिखे विचारों पर ही चल रहे थे और पिछड़ते जा रहे थे।   भला हो सतगुरु मिल गए, जिन्होंने मेरे हाथ पर दीपक रख आगे का रास्ता दिखाया। 
इस तरह से हर अध्याय को एक दोहे से जोड़ा गया है। 'दोहानॉमिक्स' अंग्रेजी में है, लेकिन लेखन शैली सरल होने के कारण यह हिन्दी के पाठकों के लिए भी उपयोगी साबित हो सकती है। इसमें निवेश के व्यवहारिक पहलुओं को अलग-अलग रूप में प्रस्तुत किया गया है जिससे पाठकों को निवेश की बारीकियों को समझने में आसानी होगी और सही सलाह के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। पुस्तक के लेखक स्वतंत्र वित्तीय सलाहकार हैं।      ल्ल नागार्जुन

पुस्तक   :     दोहानॉमिक्स
(निवेशकों के लिए संत कबीर और रहीम के कालातीत सबक)                    
लेखक   :     विनायक सप्रे
पृष्ठ         :     202, मूल्य  :  399 रु.
प्रकाशक :     टीवी 18 ब्रॉडकास्ट      
लिमिटेड, 507, प्रभा किरण,17,
राजेंद्र प्लेस, नई दिल्ली- 110008

पुस्तक   :  राष्ट्रपुरुष नेताजी सुभाष चंद्र बोस                            (महाकाव्य)                 
लेखक   :     रामेश्वर नाथ मिश्र 'अनुरोध'
पृष्ठ         :     496, मूल्य   :    650 रु.
प्रकाशक :      प्रभात प्रकाशनी
    24/एच, बेचू चटर्जी स्ट्रीट,  
                    कोलकाता-700009
फोन       :    033-22123331/2264

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

समोसा, पकौड़े और जलेबी सेहत के लिए हानिकारक

समोसा, पकौड़े, जलेबी सेहत के लिए हानिकारक, लिखी जाएगी सिगरेट-तम्बाकू जैसी चेतावनी

निमिषा प्रिया

निमिषा प्रिया की फांसी टालने का भारत सरकार ने यमन से किया आग्रह

bullet trtain

अब मुंबई से अहमदाबाद के बीच नहीं चलेगी बुलेट ट्रेन? पीआईबी फैक्ट चेक में सामने आया सच

तिलक, कलावा और झूठी पहचान! : ‘शिव’ बनकर ‘नावेद’ ने किया यौन शोषण, ब्लैकमेल कर मुसलमान बनाना चाहता था आरोपी

श्रावस्ती में भी छांगुर नेटवर्क! झाड़-फूंक से सिराजुद्दीन ने बनाया साम्राज्य, मदरसा बना अड्डा- कहां गईं 300 छात्राएं..?

लोकतंत्र की डफली, अराजकता का राग

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

समोसा, पकौड़े और जलेबी सेहत के लिए हानिकारक

समोसा, पकौड़े, जलेबी सेहत के लिए हानिकारक, लिखी जाएगी सिगरेट-तम्बाकू जैसी चेतावनी

निमिषा प्रिया

निमिषा प्रिया की फांसी टालने का भारत सरकार ने यमन से किया आग्रह

bullet trtain

अब मुंबई से अहमदाबाद के बीच नहीं चलेगी बुलेट ट्रेन? पीआईबी फैक्ट चेक में सामने आया सच

तिलक, कलावा और झूठी पहचान! : ‘शिव’ बनकर ‘नावेद’ ने किया यौन शोषण, ब्लैकमेल कर मुसलमान बनाना चाहता था आरोपी

श्रावस्ती में भी छांगुर नेटवर्क! झाड़-फूंक से सिराजुद्दीन ने बनाया साम्राज्य, मदरसा बना अड्डा- कहां गईं 300 छात्राएं..?

लोकतंत्र की डफली, अराजकता का राग

उत्तराखंड में पकड़े गए फर्जी साधु

Operation Kalanemi: ऑपरेशन कालनेमि सिर्फ उत्तराखंड तक ही क्‍यों, छद्म वेषधारी कहीं भी हों पकड़े जाने चाहिए

अशोक गजपति गोवा और अशीम घोष हरियाणा के नये राज्यपाल नियुक्त, कविंदर बने लद्दाख के उपराज्यपाल 

वाराणसी: सभी सार्वजनिक वाहनों पर ड्राइवर को लिखना होगा अपना नाम और मोबाइल नंबर

Sawan 2025: इस बार सावन कितने दिनों का? 30 या 31 नहीं बल्कि 29 दिनों का है , जानिए क्या है वजह

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies