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'केरल में हिंसा पर खामोश क्यों हैं वामपंथी'

by
May 1, 2017, 12:00 am IST
in Archive
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दिंनाक: 01 May 2017 13:00:46

 

केरल में माकपा सरकार के संरक्षण में राष्ट्रभावी कार्यकर्ताओं पर हो रहे खूनी हमले एवं नरसंहार के विरोध में गत दिनों लोक अधिकार मंच, देहरादून द्वारा विशाल प्रदर्शन किया गया। मंच ने जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति महोदय को संबोधित करते हुए ज्ञापन सौंपा।

विरोध प्रदर्शन में मंच के संरक्षक श्री शशिकान्त दीक्षित ने कहा कि केरल में लगातार संघ के स्वयंसेवकों और हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ताओं की हत्या की जा रही हंै। अपने को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जोड़ने वाले वामपंथी इन घटनाओं पर क्यों खामोश रहते हैं? क्या उन्हें ऐसी वीभत्स घटनाएं दिखाई नहीं देती? कम्युनिस्ट गुंडों द्वारा अब तक सैकड़ों कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्या की जा चुकी हैं।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र शारीरिक शिक्षण प्रमुख श्री रणवीर ने कहा कि हिन्दू उदार और सहनशील हैं पर इसका अर्थ कायरता नहीं मान लेना चाहिए।    देहरादून (विसंकें)

'वामपंथियों का इतिहास क्रूरता-हिंसा का'

पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के मेरठ में राष्ट्र जागरण समिति द्वारा कमिश्नरी चौराहे पर केरल में वामपंथी हिंसा के विरोध में विशाल प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर संघ विचार परिवार के विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवकों ने भाग लिया। इस अवसर पर इतिहास संकलन समिति के क्षेत्र संगठन मंत्री ड़ॉ. विघ्नेश त्यागी ने कहा कि वामपंथियों का इतिहास क्रूरता व हिंसा का रहा है। विरोधियों को परास्त करने के लिये हत्या करना इनकी सहज पद्धति है। केरल के वामपंथी अपने राजनैतिक व वैचारिक प्रतिरोधियों विशेषकर हिन्दुओं के प्रति क्रूर व घिनौने व्यवहार करने से नहीं चूकते। सैकड़ों कार्यकर्ताओं की हत्या इसका उदाहरण हैं। राष्ट्र जागरण समिति के अध्यक्ष श्री जतन स्वरूप ने कहा कि वामपंथियों के विचार का आधार ही ईर्ष्या, द्वेष, घृणा व हत्या है। चीन में साम्यवादियों ने 5 करोड़ लोगों की हत्या की। रूस में 4 करोड़ की हत्या, कम्बोडिया में 30 लाख की हत्या की। उन्होंने कहा कि आज केरल की पीड़ा को सारा देश अनुभव कर रहा है। पर अब

समाज को जागरूक होकर इसका प्रतिकार करना होगा।                मेरठ (विसंकें)

 

वामपंथी विचार   के मूल में तानाशाही और हिंसा

केरल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के कार्यकर्ता लगातार वामपंथी हिंसा का शिकार हो रहे हैं। पिछले कुछ समय से हिंसक घटनाओं की वृद्धि से आहत उत्तर प्रदेश के आगरा के स्वयंसेवकों, बुद्धिजीवियों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पिछले दिनों शहर में विशाल धरना देकर केरल सरकार को उसके संवैधानिक दायित्वों का बोध कराया। हिन्दू हित रक्षण समिति के तत्वधान में आयोजित प्रदर्शन में बुद्धिजीवियों ने केरल में मार्क्सवादी हिंसा को मुख्यमंत्री पी़ विजयन के संरक्षण देने और राज्य सरकार द्वारा हिंसा को रोकने के लिए कोई कठोर कदम नहीं उठाए जाने पर चिंता व्यक्त की।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ब्रज प्रांत प्रचार प्रमुख श्री प्रदीप कुमार ने कहा कि केरल में जारी हिंसा में स्पष्ट तौर पर माकपा के कार्यकर्ताओं और नेताओं की संलिप्तता उजागर हुई है। लेकिन राज्य सरकार ने हिंसा को रोकने के लिए

कोई कठोर कदम नहीं उठाया है, बल्कि घटनाओं की लीपापोती करने का प्रयास जरूर किया है।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से उपस्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, ब्रज प्रांत संपर्क प्रमुख श्री अशोक कुलश्रेष्ठ ने हिंसा के आंकड़े रखते हुए कहा कि इस जंगलराज में महिलाएं और मासूम बच्चे भी सुरक्षित नहीं हैं। चिंता की बात यह भी है कि इन घटनाओं पर तथाकथित बुद्धिजीवी जगत में अजीब-सी खामोशी पसरी है।       ब्रज (विसंकें)

हिन्दुओं को प्रताडि़त करना बंद करें ममता

'विश्व हिन्दू परिषद के तत्वावधान में बजरंग दल द्वारा नई दिल्ली के जन्तर-मन्तर पर पिछले दिनों पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा हिन्दुओं के  उत्पीड़न के हजारों प्रर्दशनकारियों को सम्बोधित करते हुए विरुद्ध विशाल प्रदर्शन किया गया। बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक श्री मनोज वर्मा ने राष्ट्रपति महोदय व भारत सरकार से मांग की कि धारा 356 का प्रयोग करके राष्ट्र विरोधी, संविधान विरोध पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को बर्खास्त किया जाए। विश्व हिन्दू परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्री करुणा प्रकाश ने कहा कि वर्तमान  पश्चिम बंगाल सरकार हिन्दुओं का

उत्पीड़न करना बन्द करे और अपनी की हुई गलतियों पर ममता स्वयं माफी मांगेंगे और मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देकर अपने पापों का प्रायश्चित करें।    प्रतिनिधि

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