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लियोनेल मैसी का संन्यास-दिल दुखा, सम्मान बढ़ा

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Jul 4, 2016, 12:00 am IST
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दिंनाक: 04 Jul 2016 16:41:14

 

विश्व के महानतम फुटबॉल खिलाडि़यों में गिने जाने वाले अर्जेंटीना के लियोनेल मैसी ने एकाएक संन्यास लिया तो प्रशंसक निराशा में डूब गए किन्तु सवाल है कि शीर्ष खिलाड़ी के लिए संन्यास लेने का सबसे सही समय क्या हो?

प्रवीण सिन्हा

कोपा अमेरिका कप के फाइनल मैच के बाद सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलरों में एक लियोनेल मैसी की हताश मुद्रा सारी कहानी बताने के लिए काफी थी। अपने देश अर्जेन्टीना के लिए वह सब कुछ हासिल न कर पाने की टीस मैसी के चेहरे पर साफ झलक रही थी, जिसके वे वास्तव में हकदार थे। कुछ ही क्षणों बाद वर्तमान समय के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर लियोनेल मैसी के अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास लेने की खबर बिजली की तरह चारों ओर फैल गई। उसके बाद इससे अरबों फुटबॉलप्रेमी रुंआसे हो गए। फुटबॉलप्रेमियों को इतनी निराशा शायद तब भी नहीं हुई होगी जब कोपा अमेरिका कप के फाइनल में अर्जेन्टीना को चिली के हाथों हार का कड़वा घूंट पीना पड़ा था।

मैसी के संन्यास की खबर के बाद फुटबॉलप्रेमियों की ओर से एक ही सवाल उठ रहा था, अचानक से अभी संन्यास क्यों? उसके बाद चाहे वह अर्जेन्टीना के महानतम फुटबॉलरों में से एक डिएगो मैराडोना हों या अर्जेन्टीना के राष्ट्रपति मैरिसियो मैसरी या फिर मैसी के करोड़ों प्रशंसक, हरेक ने मैसी से अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में लौट आने की जो गुहार लगाई, वह उसके होने और न होने के अंतर का आभास कराने के लिए काफी है। अभी यह दावा करना मुश्किल है कि मैसी अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में लौटेंगे या नहीं, लेकिन एक महान खिलाड़ी को जैसे ही आभास हुआ कि वह देश के लिए कुछ विशेष नहीं कर सका या उसके कारण टीम को हार झेलनी पड़ी, उसने तुरंत ही अपने अंतरराष्ट्रीय करिअर पर विराम लगाने का फैसला कर लिया। अर्जेन्टीना की ओर से अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में सबसे ज्यादा गोल करने का कीर्तिमान स्थापित करने के बावजूद मैसी पर अक्सर आरोप लगता रहा कि वे देश को उतनी सफलताएं नहीं दिला   सके जितनी उन्होंने अपने बार्सिलोना क्लब   को दिलाईं।

मैसी ने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से तब संन्यास लिया जब वे कमोबेश अपने शिखर पर थे। हर ओर से आवाज उठ रही है-अभी ना जाओ मैसी, लौट आओ मैसी। कई विशेषज्ञों ने तो दावा किया है कि मैसी के बिना अर्जेन्टीना टीम के बारे में कल्पना भी नहीं की जा सकती। महान मैराडोना ने तो उम्मीद जतायी है कि मैसी निकट भविष्य में एक बार फिर से देश का परचम लहराएंगे। इस तरह से मैसी के संन्यास पर चर्चाओं का जो दौर अभी शुरू हुआ है, वह लंबा चलेगा। एक महान खिलाड़ी का अनायास अंतरराष्ट्रीय करिअर को विराम दे देना तकलीफ तो देता है, लेकिन अच्छा लगता है यह देख-सुनकर जब सच्चे फुटबॉल प्रेमी मैसी से पूछ रहे हैं कि अभी क्यों? मैसी के इस साहसिक निर्णय को सराहने को मन करता है। क्योंकि हमारे ईदगिर्द ऐसे अनेकों खिलाडि़यों के उदाहरण हैं जिनसे खेलप्रेमी पूछ रहे हैं कि (संन्यास) आखिर कब तक। कई ऐसे भारतीय महान खिलाड़ी हैं जो देश को सफलता तो नहीं ही दिला पा रहे हैं और संन्यास भी नहीं ले रहे हैं। यह भारतीय खेल को एक कदम आगे और दो कदम पीछे धकेलने का प्रयास भर है। अपने करिअर की ढलान पर चल रहे भारतीय खिलाड़ी सिर्फ अपने करिअर को लंबा खींचने या एक-दो ओलंपिक खेलों में और भागीदारी तय करने के प्रयास में देश के लिए कुछ कर गुजरने का दावा कर रहे हैं। पहलवान सुशील कुमार या महिला मुक्केबाज एम.सी. मैरीकॉम क्या ये साबित करना चाहते हैं कि लियोनेल मैसी और उनमें कोई अंतर नहीं है। सबसे पहले यह स्पष्ट है कि लियोनेल मैसी महानतम खिलाडि़यों में से एक हैं। ठीक उसी तरह सुशील कुमार और मैरीकॉम भारत के महानतम खिलाडि़यों में शामिल हैं। रियो ओलंपिक में भाग लेने के लिए सुशील को अदालत का दरवाजा तक खटखटाना पड़ा, जबकि मैरीकॉम ओलंपिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में हारने के बावजूद संन्यास न लेने की जिद पर अड़ी हुई हैं। सुशील और मैरीकॉम को सिर्फ मैसी ही नहीं, देश के महानतम क्रिकेटर सुनील गावस्कर से भी सबक लेना चाहिए जिन्होंने अपने करिअर में तमाम ऊंचाइयां हासिल करने के बाद अंतरराष्ट्रीय करिअर को विराम दे दिया। उस समय गावस्कर से भी सारे खेलप्रेमी यही पूछ रहे थे कि अभी क्यों? देश के महान ऑलराउंडर कपिलदेव ने जब अपने अंतरराष्ट्रीय करिअर को विराम देने में देर लगाई थी तो चारों ओर से संन्यास पर सवाल खड़े होने लगे थे। इसी तरह सचिन तेंदुलकर के एकदिवसीय करिअर को लेकर भी खेलप्रेमियों ने सवाल उठाए थे। महान खिलाड़ी के समय पर संन्यास लेने पर गर्व होता है और किसी महान खिलाड़ी से उसके संन्यास लेने की योजना के बारे में पूछे जाने पर तकलीफ।

 

मेरे लिए राष्ट्रीय टीम का साथ यहीं खत्म होता है। मैं जो कर सकता था, मैंने किया। चैंपियन न बन पाने का ख्याल तकलीफ देता है।

-लियोनेल मैसी, संन्यास लेने के बाद

मुझे लगता है कि मैसी अपने निर्णय पर फिर से विचार करेंगे और खेल में वापस आ जाएंगे। करोड़ों फुटबॉलप्रेमी यही चाहते हैं।

                   -लुइस सुआरेज, स्ट्राइकर, उरुग्वे

मैं मैसी के संन्यास की खबर से अचंभित हूं। मैं चाहूंगा कि वे अपने निर्णय को वापस लें।

                          -मैरिसियो मैक्री, राष्ट्रपति,अर्जेन्टीना

मैसी निकट भविष्य में एक बार फिर से देश का परचम लहराएंगे। फुटबॉलप्रेमी उनकी ओर देख रहे हैं।

                         -डिएगो मैराडोना, महान फुटबॉल खिलाड़ी

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