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क्या गलती थी अखिला-अंजना की?

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Jun 27, 2016, 12:00 am IST
in Archive
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दिंनाक: 27 Jun 2016 15:44:53

 

 

केरल में सत्तारूढ़ माकपा ने दो वंचित बहनों अखिला और अंजना को मामूली-सी बात पर जेल भिजवाकर यह बता दिया कि जो भी उनके विरुद्ध आवाज उठाएगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा

पाञ्चजन्य ब्यूरो
वामपंथियों का दोहरा चरित्र एक बार फिर से सामने आया। इस बार इनका यह रूप केरल में दिखा। सत्तारूढ़ माकपा के कार्यकर्ताओं ने मामूली-सी बात पर वंचित समाज की दो सगी बहनों-अखिला और अंजना को जेल भिजवा दिया। कन्नूर के थलासेरी में रहने वालीं अखिला की उम्र 30 वर्ष और अंजना की आयु 25 वर्ष है। 11 जून को दोनों बहनों को केरल पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अखिला के साथ उसकी 18 महीने की बेटी भी जेल में बंद रही। हालांकि अब दोनों को जमानत मिल गई है। आरोप है कि दोनों ने 11 जून को थलासेरी स्थित माकपा कार्यालय में तोड़फोड़ और वहां मौजूद कार्यकर्ताओं से मारपीट की थी। थलासेरी के माकपा विधायक ए़ एम़ शमशेर कहते हैं, ''दोनों बहनें पार्टी कार्यालय में जबरन घुस आई थीं और उसके बाद कानून ने अपना काम किया।''
जबकि कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि दोनों बहनें माकपा के लोगों के तानों से तंग आकर उनसे बात करने के लिए उनके कार्यालय पहुंची थीं। उल्लेखनीय है कि माकपा के कार्यकर्ता लगभग एक वर्ष से इन दोनों  का  मजाक उड़ाते रहे हैं। इसकी प्रमुख वजह है उनके पिता और कांग्रेस नेता एऩ राजन का चुनाव हार जाना। बता दें कि राजन पिछले वर्ष हुए स्थानीय चुनाव में माकपा नेता करई राजन के विरुद्ध कांग्रेस के उम्मीदवार थे। चुनाव परिणाम आने के बाद से ही माकपा के लोग राजन और उनकी दोनों बेटियों को सार्वजनिक रूप से अपमानित करने लगे थे। कन्नूर जिला के कांग्रेस अध्यक्ष के़ सुरेंद्रन कहते हैं, ''वे दोनों कार्यकर्ताओं से यह आग्रह करने गई थीं कि उन्हें मजाक का विषय न बनाया जाए और अकेले छोड़ दिया जाए, क्योंकि उन्हें काफी समय से ताने मार-मारकर मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा था।'' लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं को उन दोनों बहनों का कार्यालय पहुंचना इतना बुरा लगा कि उन्होंने पुलिस बुलाकर उन्हें गिरफ्तार करवा दिया।  
पिछले दिनों एक टी.वी. बहस के दौरान माकपा के एक नेता ने दोनों बहनों को अराजक तत्व बता दिया। इससे परेशान अंजना ने आत्महत्या करने की कोशिश की।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष वी़ एम़ सुधीरन  कहते हैं, ''अखिला और अंजना पर लगाए गए आरोप मजाक ही हैं। दो लाचार महिलाएं माकपा के दफ्तर में माकपा के कार्यकर्ताओं के साथ मार-पीट कैसे कर सकती हैं? उन पर लगाए गए आरोप निराधार और हास्यास्पद हैं।''
भाजपा विधायक ओ. राजगोपाल कहते हैं, ''सत्ता के नशे में चूर माकपा ने दो निर्दोष बहनों को जेल भेज दिया।  इससे वामपंथियों का दोहरा चरित्र लोगों के सामने आया। जो वामपंथी वंचितों की रक्षा के नाम पर छाती पीटते हैं, वे लोग इन दोनों वंचित बहनों की गिरफ्तारी पर चुप क्यों हैं?''
 इस मामले से एक बात तो साफ हो गई कि वामपंथी अपने विरोधियों को दुश्मन से कम नहीं मानते। फिर चाहे विरोधी  संघ के स्वयंसेवक हों, भाजपा या कांग्रेस के कार्यकर्ता हों या फिर और कोई …। वे अपने विरोधियों को खत्म करने के लिए हर वह तरीका अपनाते हैं, जो उन्हें कारगर लगे।     

अखिला और अंजना पार्टी कार्यालय में जबरन घुस आई थीं और उसके बाद कानून ने अपना काम किया।  —ए़ एम़ शमशेर, माकपा विधायक

 जो वामपंथी वंचितों की रक्षा के नाम  पर छाती पीटते हैं, वे लोग इन दोनों वंचित बहनों की गिरफ्तारी पर चुप हैं, क्योंकि यह काम माकपा ने ही किया है।
-ओ. राजगोपाल, भाजपा विधायक
 दो लाचार महिलाएं माकपा के दफ्तर में माकपा के कार्यकर्ताओं के साथ मार-पीट कैसे कर सकती हैं? उन पर लगाए गए आरोप निराधार और हास्यास्पद हैं।
-वी़ एम़ सुधीरन, अध्यक्ष, केरल कांगे्रस

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