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नई दिल्ली। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला 27 से 29 मई तक पंजाब के रोपड़ में रयात बाहरा विश्वविद्यालय परिसर में संपन्न हुई। कार्यशाला में देश के 27 प्रांतों से आए 205 प्रतिभागी विख्यात शिक्षाविदों, विश्वविद्यालयों के कुलपतियों व कई विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए।
कार्यशाला में मुख्य अतिथि प्रख्यात शिक्षाविद् एवं रा.स्व.संघ के सम्पर्क प्रमुख श्री अनिरुद्ध देशपांडे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा पर अनेक आयोग बने। उनके द्वारा आदर्श शिक्षा की बात उठायी गई किन्तु परिणाम प्रभावी नहीं रहे। सर्वत्र आदर्श शिक्षा की कमी व मातृभाषा के प्रति तुच्छता का वातावरण पूर्ववत बना हुआ है।
न्यास के राष्ट्रीय सचिव श्री अतुल कोठारी ने कहा कि नई शिक्षानीति शीघ्र ही आने वाली है। नीति का क्रियान्वयन अच्छे ढंग से हो, इस पर विचार करना होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री दीनानाथ बत्रा ने की। उन्होंने कहा कि हमारी प्राचीन परम्परा विचार और चिंतन की रही है, विचार से तत्वबोध होता है। तत्वबोध को हम जीवन में उतारने का प्रयास करें।
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कार्यशाला में शिक्षाविद् डॉ. चांदकिरण सलूजा को पं. मदनमोहन मालवीय शिक्षाविद् सम्मान से अलंकृत किया। आचार्य देवव्रत ने कहा कि गुरु का पद बहुत जिम्मेदारी का है। गुरु चिराग होता है, जो जलकर प्रकाश देता है। वर्तमान समय की आवश्यकता है शिक्षा में बदलाव हो।
इस अवसर पर भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी के उपाध्यक्ष एवं पूर्व सांसद श्री अविनाश राय खन्ना, डॉ. तेजेन्द्र धारीवाल, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर के कुलपति डॉ. कपिलदेव मिश्र, इन्दिरा गांधी विश्वविद्यालय रेवाड़ी के कुलपति डॉॅ. एस. सी. बंसल, डॉ. सुरेश टंडन, डॉ. एस. सी. बैदी एवं रयात बाहरा विश्वविद्यालय के चेयरमैन गुरविन्दर सिंह बाहरा विशेष रूप से उपस्थित थे।
राष्ट्रीय कार्यशाला में शिक्षाविद् श्री दीनानाथ बत्रा एवं श्री अतुल कोठारी को पुन: राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय सचिव के रूप में निर्वाचित किया गया, साथ ही अन्य राज्यों के संयोजक भी चुने गए। प्रतिनिधि
मानचित्रावली का लोकार्पण
नई दिल्ली। 1 जून को रा.स्व.संघ के सरकार्यवाह श्री भैय्याजी जोशी ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, जनपथ, दिल्ली में मध्यप्रदेश की कृषि मानचित्रावली का लोकार्पण किया। इस अवसर पर केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री राधामोहन सिंह, भाजपा के शीर्ष नेता व सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी, भारतीय किसान संघ के संगठन मंत्री श्री दिनेश कुलकर्णी और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष श्री रामबहादुर राय उपस्थित थे।
मानचित्रावली के संपादक और समाजनीति समीक्षण केंद्र के निदेशक श्री जे.के़ बजाज ने मानचित्रावली की विषय-वस्तु प्रस्तुत की। इस मानचित्रावली में मध्यप्रदेश के कृषि क्षेत्र के समस्त पक्षों का विस्तृत एवं सचित्र वर्णन व पिछले डेढ़ दशक में कृषि में हुए अभूतपूर्व विकास का प्रामाणिक चित्रण है। पिछले डेढ़ दशक में एक नयी हरित क्रांति ही हुई है। इस कृषि मानचित्रावली समारोह में दतिया एवं टीकमगढ़ जिलों की संसाधन मानचित्रावलियों का लोकार्पण भी किया गया। प्रतिनिधि
बेटियों के पक्ष में दारूल उलूम का फतवा
प्रसिद्घ इस्लामिक शिक्षण संस्था दारूल उलूम देवबंद ने फतवा जारी कर गर्भ में लड़कियों की हत्या किए जाने को इस्लाम विरोधी एवं हराम घोषित किया है। दारूल उलूम के जनसंपर्क प्रमुख अशरफ उस्मानी ने बताया कि मुस्लिमों में लड़कियों के अनुपात में गिरावट आ रही है। 2001 में एक हजार लड़कों पर लड़कियों का अनुपात 950 था। 2011 में यह गिरकर 943 रह गया। जाहिर है कि मुस्लिमों में भू्रण की जांच और गर्भपात कराने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। संस्था के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने इसे हत्या करने जैसा घिनौना कृत्य
कहा है।
अशरफ उस्मानी ने पांचजन्य को बताया कि इस अहम फतवे में प्रधान मुफ्ती मौलाना हबीबुर्रहमान आजमी, मुफ्ती जैनुल इस्लाम और मुफ्ती महमूद बुलंदशहरी ने भ्रूण जांच और लड़कियों की गर्भ में हत्या किए जाने को स्पष्ट तौर से नाजायज, इस्लाम विरोधी और गुनाह करार दिया है। मुफ्तियों की इस पीठ ने यह भी कहा कि इस्लाम में औरत के गर्भ में पल रहे भ्रूण की जांच कराना और लड़का या लड़की के आधार पर भेद करना उचित नहीं है। भ्रूण जांच एवं गर्भपात दोनों नाजायज और मजहब विरोधी हैं। इस्लाम वर्षों से लड़कियों की भ्रूण हत्या को नाजायज और इस्लाम विरोधी बता रहा है। दारूल उलूम कई मौकों पर इस फतवे को जारी कर चुका है। ध्यान रहे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 मई, 2016 को सहारनपुर की रैली में कहा था कि सरकार 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान चला रही है जिससे देश के हर समुदाय और वर्ग का हित जुड़ा हुआ है। सुरेन्द्र सिंघल
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