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आज विश्व जल संकट के दौर से गुजर रहा है। इस संकट से निबटने के लिए देश के कई शिक्षण संस्थान जल संरक्षण एवं प्रबंधन को लेकर पाठ्यक्रम चला रहे हैं। इनके माध्यम से जहां युवा अपना करियर संवार सकते हैं, वहीं उन्हें नई बुलंदियों को छूने का अवसर मिलता है
अश्वनी मिश्र
स्वच्छ पेयजल और पानी का बढ़ता दोहन आज विश्व के सामने एक समस्या बन गया है। पश्चिमी देश पहले ही पानी की गंभीर कमी से जूझ रहे हैं तो भारत भी इसी जद में है। समय-समय पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों एवं विभिन्न रिपोर्टों में भी इस विषय पर गंभीर चिंता जताई जाती रही है तो वहीं इनके द्वारा जल संरक्षण से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर गंभीरता से अध्ययन करके अवसरों का सृजन भी किया जा रहा है।
पानी की किल्लत को देखते हुए इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता कि आने वाले समय में स्वच्छ पेयजल की बहुत ही कमी होगी। इसे देखते हुए जल प्रबंधन के क्षेत्र में हमारे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं। देशभर के विभिन्न संस्थान जल संरक्षण से संबंधित पाठ्यक्रम चला रहे हैं। इसमें वर्षा जल संरक्षण (वाटर हारवेस्टिंग), वाटरशेड मैनेजमेंट जैसे पाठ्यक्रम प्रमुख हैं। इन पाठ्यक्रमों में युवाओं को पानी के संरक्षण, उसके अपव्यय, वैकल्पिक जलस्रोतों के नए माध्यम और नई प्रणालियों को विकसित करना सिखाया जाता है।
कार्य : जल प्रबंधन के तहत वर्षा का जल, बाढ़ का पानी, औद्योगिक इकाइयों से निकले पानी का कुशल प्रबंधन एवं संरक्षण करना होता है, ताकि दूषित व विषाक्त पानी को उपयोग लायक बनाया जा सके। इसके इतर पानी में मौजूद अपशिष्ट कारकों की पहचान व उसे शुद्ध बनाने की प्रक्रिया भी वाटर मैनेजमेंट का एक हिस्सा है।
योग्यता : जल प्रबंधन में तकनीकी और गैर तकनीकी दो तरह के कार्यक्षेत्र होते हैं। तकनीकी क्षेत्र के तहत कार्य करने वाले उम्मीदवारों के पास सिविल, मैकेनिकल और केमिकल इंजीनियरिंग स्तर की योग्यता होनी चाहिए। जबकि गैर तकनीकी क्षेत्र में उम्मीदवारों के लिए न्यायिक, सामाजिक, वित्तीय, औद्योगिक एवं प्रबंधकीय क्षेत्र में कार्य करने का मौका होता है। उम्मीदवार हाइड्रोलॉजी, फ्ॅलड मैनेजमेंट, सिंचाई, जल प्रबंधन आदि क्षेत्र में डिप्लोमा या डिग्री स्तरीय पाठ्यक्रमों को करके जल प्रबंधन के क्षेत्र में करियर संवार सकते हैं।
कहां मिलेगी नौकरी : इस कोर्स को करने के बाद युवाओं को कॉरपोरेट कंपनियों के पर्यावरण संकाय में रोजगार मिलता है। वहीं सरकारी क्षेत्र में जैसे, एनटीपीसी, एनएचपीसी, आईडब्ल्यूएआई जैसे विभागों में भी युवाओं के लिए स्थान रिक्त होते हैं। इसके अलावा जल संरक्षण के क्षेत्र में कार्य कर रहे स्वयंसेवी संगठनों में भी जल प्रबंधन के क्षेत्र में कुशल युवाओं के लिए कार्य करने का अवसर होता है। इनमें तकनीकी एवं गैर तकनीकी दोनों पाठ्यक्रमों के उम्मीदवारों को अवसर दिया जाता है। उम्मीदवार शोध, ज्योलॉजिकल इंजीनियरिंग, माइक्रोबायोलॉजी, केमिकल इंजीनियरिंग क्षेत्रों में कार्य करके अपने भविष्य को उज्ज्वल बना सकते हैं। इसके अलावा पैकेजिंग इंडस्ट्री ने पानी को नया रूप प्रदान कर दिया है। ऐसे में जल प्रबंधन के क्षेत्र में माहिर युवाओं के लिए बोतलबंद पानी का निर्माण करने वाली निजी कंपनियों के द्वार खुले हैं।
क्या होगा पद : जल संरक्षण, कार्यक्रम विशेषज्ञ,जल संसाधन विशेषज्ञ,अपशिष्ट जल प्रबंधक।
वेतन : कोर्स को करने के बाद युवा सरकारी क्षेत्र में जाते हैं तो यहां वेतन की शुरुआत ही 30,000 रुपये से होती है। लेकिन वहीं निजी क्षेत्र में शुरुआती दौर में15 से 20,000 रुपये मिल जाते हैं।
संस्थान
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़
इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, दिल्ली
अन्नामलाई विश्वविद्यालय, चेन्नई
पटना विश्वविद्यालय, पटना
दिल्ली अभियांत्रिकी महाविद्यालय, दिल्ली
गोविंद वल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय, पंतनगर, उत्तराखंड
इलाहाबाद एग्रीकल्चर डीम्ड इंस्टीट्यूट, नैनी, इलाहाबाद ल्ल
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