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नई दिल्ली: विगत दिनों विहिप कार्यालय श्री संकटमोचन आश्रम हनुमान मंदिर रामाकृष्णपुरम में भारत संस्कृत परिषद की बैठक संपन्न हुई। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए विहिप के अन्तरराष्ट्रीय महामंत्री श्री चंपत राय ने कहा कि संस्कृत संस्कारों की प्रेरक है और इसमें निहित ज्ञान-विज्ञान अक्षय कोश है। संस्कृत संभाषण से ज्यादा आज भारतीय वेद विद्याओं के प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है, दिवंगत अशोक सिंघल जी की संस्कृत परिषद से यही अपेक्षा थी। विहिप के संगठन महामंत्री श्री दिनेश चन्द्र ने कहा कि संस्कृत अपनी शक्ति के बल पर ही टिकी है। भारत संस्कृत परिषद के महामंत्री आचार्य राधाकृष्ण मनोड़ी ने पंजाबी बाग, दिल्ली में 9 जून से होने वाले अ.भा. संस्कृत संभाषण शिविर की रूपरेखा रखी और अध्यक्ष प्रो. महेन्द्र कुमार मिश्र ने परिषद की कार्ययोजना का वृत्त रखा। भारत संस्कृत परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सूर्य प्रकाश ने दिल्ली के विद्यालयी पाठ्यक्रम से अरविन्द केजरीवाल सरकार द्वारा संस्कृत भाषा को हटाने के किसी भी षड्यंत्र के खिलाफ व्यापक जनआंदोलन छेड़ने का आह्वान किया। प्रतिनिधि
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