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नई दिल्ली। जेएनयू में 9 फरवरी को घटित राष्ट्र विरोधी घटना के विरोध में दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षक संगठन एनडीटीएफ द्वारा 25 फरवरी को कांस्टीट्यूशन क्लब में प्रेस वार्ता आयोजित की गई। पत्रकारों को संबोधित करते हुए एनडीटीएफ के अध्यक्ष तथा दिल्ली विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद के सदस्य प्रो. अजय कुमार भागी ने कहा कि अपनी स्वायत्तता को बचाने का सबसे अच्छा तरीका है कि हम स्वयं अनुशासित रहें। स्वायत्तता के नाम पर देशद्रोही कार्य करने के बाद कहा जा रहा है 'हमारे ऊपर हमला हो रहा है।' इसको न्यायोचित नहीं कहा जा सकता। जेएनयू में जिस तरह के नारे लगाए गए वहां सौ के लगभग विद्यार्थी थे, उत्तेजना भड़कने से वहां की स्थिति खतरनाक हो सकती थी। इसलिए जेएनयू के दोषियों के खिलाफ कानूनन सख्त से सख्त कार्रवाई हो। 1995 से यहां बार-बार छोटी-बड़ी इस तरह की कई घटनाएं होती रही हैं, और अब वह खुलकर सामने आई हैं। एक बार जब दंतेवाड़ा में माओवादियों द्वारा सीआरपीएफ के 76 जवानों को मारा गया तो जेएनयू में उसे 'सेलिब्रेट' किया गया। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सबसे कारगर तरीका है कि विवि पैमाना तय करे, उसके बाद भी वहां पर इस तरह की घटनाएं होती हैं तो जांच कर तय किया जाए कि उस पर क्या कार्रवाई हो।
प्रो. भागी ने कहा कि एनडीटीएफ द्वारा राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी को इस पर एक ज्ञापन दिया गया है जिस पर दिल्ली विश्वविद्यालय के 1,0000 शिक्षकों की सहमति के हस्ताक्षर हैं। प्रेस वार्ता में प्रो. भागी के साथ अधिवक्ता तथा दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद के सदस्य श्री राजेश गोगना, एनडीटीएफ के महासचिव डा. वीएस नेगी भी थे। -विसंके, दिल्ली
भारतीय ज्ञान व पश्चिम का विज्ञान
हैदराबाद। तेलुगु विश्वविद्यालय सभागार में 28 फरवरी को मीडियाकर्मियों और पत्रकारों के लिए आयोजित गोष्ठी 'भारत क्या है' विषय पर बोलते हुए प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ. बजरंगलाल गुप्त ने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय ने पश्चिम के विज्ञान और भारत के ज्ञान को संयुक्त कर बदलते समय में आगे बढने की बात कही थी। उनका सिद्धांत था- ''शरीर, बुद्धि, प्रतिभा और आत्मा एक व्यक्ति को बनाती है लेकिन ये सब एकीकृत हैं, इन्हें अलग-अलग नहीं किया जा सकता।''
पूर्व आईपीएस श्री रामचन्द्र राजू ने कहा कि भारत में संयुक्त परिवार प्रथा हमारी ताकत थी जिसका खत्म होना शुभ लक्षण नहीं है।
इस अवसर पर आंध्र प्रदेश सरकार के पूर्व मुख्य सचिव श्री आई.वी.आर. कृष्ण राव व श्री मल्लिकार्जुन सहित इलेक्ट्रानिक व प्रिंट मीडिया से जुड़े कई पत्रकार उपस्थित थे। – प्रतिनिधि
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