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उदयपुर। बजरंगदल, उदयपुर महानगर के देबारी खंड की ओर से जेएनयू में हुई राष्ट्र विरोधी घटना के विरोध में देबारी गांव के चौराहे पर सैकड़ों लोगों ने जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान देशविरोधियों के पुतलों को जलाया गया।
कार्यक्रम में विश्व हिन्दू परिषद् के उदयपुर महानगर अध्यक्ष गोपालकृष्ण गौड़ ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के घटनाक्रम को विस्तार से बताया। बजरंग दल के जिला संयोजक संजय बोड़ा ने कहा कि राष्ट्रविरोधी ताकतों से संगठित समाज ही निपट सकता है। बजरंगदल इस प्रकार की राष्ट्र विरोधी घटनाओं को किसी भी सूरत में सहन नहीं करेगा।
विरोध प्रदर्शन में विश्व हिंदू परिषद के महानगर मंत्री भारत नागौरी, मुकेश लौहार, नागेन्द्र सिंह, भीम सिंह, दीपक प्रजापत, लोकेश व हेमेन्द्र सहित सैकड़ों बजरंगदल कार्यकर्ता मौजूद थे। -प्रतिनिधि
'गद्दारों का समर्थन बौद्घिक आतंकवाद'
27 फरवरी को राष्ट्रीय जागरण मंच की भोपाल इकाई द्वारा बौद्घिक आतंकवाद पर एक संगोष्ठी आयोजित की गई। गोष्ठी को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य श्री इन्द्रेश कुमार ने कहा कि आजादी के बाद योजनाबद्घ रूप से कहा गया कि आर्य
विदेशी हैं।
कम्युनिस्ट, पश्चिम के विद्वान तथा हमारे यहां के पैसों से बिकने वाले लोग हमें हमारी जड़ों से काटने में लग गए। श्री इन्द्रेश कुमार ने कहा कि कम्युनिस्टों और कांग्रेसियों का देश को बदनाम और भ्रष्ट बना देने का यह अभियान आज तक जारी है।
पाकिस्तान के खिलाफ जो पांच युद्घ हुए, उनमें 22-23,000 जिंदगियों का नुकसान हुआ, लेकिन छद्मयुद्ध में 60 साल से लगातार दो लाख से अधिक जिंदगियों का नुकसान हुआ है।
प्रख्यात साहित्यकार व धर्मपाल शोधपीठ के संयोजक श्री रामेश्वर मिश्र पंकज ने कहा कि देश में कुछ बौद्घिक लंपटों को सरकारों का संरक्षण मिला, जो लगातार देश की बुनियाद को खोखला करते रहे। – प्रतिनिधि
'अदालतों का काम भारतीय भाषाओं में हो'
इलाहाबाद। हमारे कानून और न्यायप्रणाली का आधार भारतीय भाषाओं में ही है इसलिए न्यायालयों में हिन्दी सहित सभी भाषाओं का प्रयोग जरूरी है। सर्वोच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्रीमती ज्ञानसुधा मिश्र ने मुख्य अतिथि के रूप में ये विचार इलाहाबाद विश्वविद्यालय के विधि संकाय एवं भारतीय भाषा अभियान द्वारा आयोजित गोष्ठी में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आजादी के कई दशक बाद भी भारतीय भाषाओं को अपेक्षित सम्मान प्राप्त नहीं हुआ है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.एल. हंगलू ने कहा कि विश्व के सभी छोटे-बड़े देशों ने अपनी भाषाओं के माध्यम से ही स्वयं को समृद्ध किया है। इस अवसर पर भारतीय भाषा अभियान के संरक्षक श्री अतुल कोठारी और संयोजक अरुण भारद्वाज ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
– प्रतिनिधि
असम में देशविरोधियों के खिलाफ प्रदर्शन
गुवाहाटी। 27 फरवरी को जेएनयू और जाधवपुर विश्वविद्यालय में हुए देशविरोधी कृत्य के विरोध में हजारों लोगों ने तिरंगे के साथ दिघालीपुखुरी प्वाइंट से चांदमारी तक एक विशाल मार्च निकाला। देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में हुए देशद्रोह के प्रकरण के विरोध में पैट्रियोटिक पीपल्स फ्रंट असम (पीपीएफए) के आह्वान पर गुवाहाटी का प्रबुद्ध समाज बड़ी संख्या में उपस्थित था। प्रदर्शन में वक्ताओं ने जेएनयू, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया और बाद में प. बंगाल के जाधवपुर विश्वविद्यालय में लगे देशद्रोही नारों की कड़ी निंदा की।
इस रैली में प्रसिद्ध पत्रकार धीरेन्द्रनाथ चक्रवर्ती, प्रकाशक गिरिपद देवचौधरी व धीरज गोस्वामी, सेवानिवृत्त शीर्ष प्रशासक रोहिणी बरुआ, फिल्म निर्माता मंजू बोरा, पूर्व सैन्य अधिकारी रंजन दत्ता, फिल्म समीक्षक उत्पल दत्ता, लोकप्रिय गायिका बबीता सरमा, शिक्षाविद् जगदीन्द्र रायचौधरी इत्यादि सहित वृद्ध, महिला एवं युवा बड़ी संख्या में उपस्थित थे। – प्रतिनिधि
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