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अन्नाद्रमुक और भाजपा ने एयरसेल-मैक्सिस सौदे में भूमिका के लिए चिदंबरम के बेटे कार्ति के खिलाफ की कार्रवाई की मांग
टी. एस. वेंकटेशन
अन्नाद्रमुक ने वक्त की नब्ज थामकर एक तीर से दो शिकार किए हैं। सूत्रों के मुताबिक अन्नाद्रमुक की इस रणनीति के पीछे कांग्रेस, खासकर चिदंबरम, जिन्हें पार्टी सुप्रीमो जयललिता पसंद नहीं करतीं, को हाशिए पर लाने की मंशा तो है ही, वह विधानसभा चुनावों के पहले द्रमुक-कांग्रेस गठबंधन की राह भी मुश्किल बनाना चाहती है। अन्नद्रमुक के सूत्र कहते हैं, ''यही कारण है कि पिछले चंद महीनों के दौरान विपक्षी दलों, खासकर द्रमुक और कांग्रेस की ओर से पार्टी और इसके नेतृत्व के खिलाफ की जा रही आलोचनाओं और गंभीर आरोपों के बावजूद हमारी मैडम ने कुछ नहीं कहा।''
1 मार्च को अन्नाद्रमुक सदस्यों ने एयरसेल-मैक्सिस मुद्दे पर पूर्व केंद्रीय मंत्री पी़ चिदंबरम के बेटे कार्ति के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। अन्नाद्रमुक सांसदों ने संसद में हंगामा किया जिससे कार्यवाही रोकनी पड़ी। वे अखबार लहराते हुए सदन के बीच नारे लगाने लगे। कार्ति पर आरोप थे कि उन्होंने ''दुनिया के कई हिस्सों में व्यापार साम्राज्य खड़ा कर रखा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) तथा आयकर विभाग की घोटाले से जुड़ी छापेमारी में मिले दस्तावेजों से यह सच सामने आया है।'' बहुचर्चित एयरसेल-मैक्सिस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन और उनके भाई कलानिधि (द्रमुक प्रमुख करुणानिधि के भतीजे और केंद्रीय मंत्री दिवंगत मुरसोलि मारन के बेटे) से सन नेटवर्क समूह की कंपनियों के लेन-देन की जांच के बाद पूछताछ की थी। मई, 2012 में राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने तत्कालीन गृह मंत्री चिदंबरम पर आरोप लगाया था कि उनके परिवार के एक सदस्य की फर्म (एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग) ने कथित तौर पर एयरसेल को भुगतान किया था। यह सौदा दूरसंचार कंपनी में मलेशियाई कंपनी मैक्सिस द्वारा किए एक अहम निवेश व उसके स्वामित्व परिवर्तन के ठीक पहले हुआ था।
यह सब 2006 के एक मामले से जुड़ा है जब एयरसेल के मालिकाना हक के हस्तांतरण का मामला तत्कालीन वित्त मंत्री चिदंबरम के पास था। चिदंबरम ने 7 मार्च, 2006 को मैक्सिस को एयरसेल में निवेश की मंजूरी दे दी थी। ईडी एडवांटेज कंसल्टिंग के लेन-देन की जांच कर रहा है, जिसने कथित तौर पर एयरसेल को 26 लाख रु. दिए। माना जा रहा है कि एडवांटेज कंसल्टिंग को एयरसेल-मैक्सिस सौदे से लाभ हुआ था। चिदंबरम एयरसेल-मैक्सिस सौदे के साथ कार्ति के किसी भी संबंध से इनकार करते रहे हैं।
1 दिसंबर, 2015 को ईडी और आयकर जांच शाखा ने कार्ति की कंपनियों पर छापे मारे। जब्त दस्तावेजों की जांच से पता चला कि 2006-2011 के बीच कार्ति ने बेशुमार संपत्ति खरीदी थी। ज्यादातर लेन-देन, संपत्तियों की खरीद और अधिग्रहण एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग सिंगापुर प्रा.लि. के जरिए किया गया। पुख्ता जानकारी के अनुसार उम्मीद है कि ईडी और आयकर विभाग 'हवाला' की रोकथाम संबंधी संयुक्त राष्ट्र समझौतों के अनुसार 14 देशों से इस मामले में और जानकारी हासिल करने के लिए संपर्क करेगा। 2जी मामले में विशेष अदालत ने पहले ही सिंगापुर स्थित कार्ति की कंपनी के लेन-देन ब्यौरे को हासिल करने के लिए सिंगापुर सरकार को 'लेटर रोगेटरी' जारी कर रखा है।
सूत्रों के मुताबिक कार्ति की सिंगापुर स्थित फर्म ने श्रीलंका के एक बड़े रिजॉर्ट लंका फॉर्च्यून रेजिडेंसीज के अधिकांश शेयर खरीद लिए थे। छापे के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों के आधार पर कर अधिकारियों को कार्ति की सिंगापुर स्थित कंपनी और श्रीलंका की फर्म के शेयरधारकों के बीच अधिग्रहण समझौते के कागजातों का पता चला। दिसंबर में हुई छापेमारी में श्रीलंका स्थित वित्तीय फर्म यूनियन डेवेलपमेंट एंड इन्वेस्टमेंट कंपनी प्रा.लि. में किए निवेश संबंधी विभिन्न दस्तावेज भी जब्त किए गए। कार्ति की सिंगापुर फर्म ने दक्षिण अफ्रीका में अंगूर के तीन बाग और फार्म-ग्रैबो में रोवे फार्म, एसन में केप आर्किड एंड विनयार्ड्स प्रा. लि. और शराब और स्टड फार्म जेंडविलीट एंटरप्राइजेज खरीदे जिनके लिए पैसा दुबई के रास्ते गया था। कार्ति के स्वामित्व वाली सिंगापुर स्थित कंपनी ने दक्षिण अफ्रीका की निकोल्स स्टेन एंड एसोसिएट्स के साथ भी लेन-देन किया। यह बात भी पता चली कि दुबई स्थित डेजर्ट ड्यून्स प्रा. लि. ने कार्ति की सिंगापुर स्थित कंपनी एडवांटेज में भी निवेश कर रखा है। जांच अधिकारियों ने 17 लाख सिंगापुर डॉलर के लेन-देन की परतें भी उघाड़ीं।
एयरसेल-मैक्सिस सौदे में 'मनी लांड्रिंग' और हवाला संबंधी जांच के सिलसिले में ईडी ने अगस्त 2015 में कार्ति से जुड़ी एक कंपनी के निदेशकों को समन जारी किया था
एजेंसी की जांच में यह बात सामने आने के बाद कि एडवांटेज स्ट्रैटेजिक ने एयरसेल टेलीवेंचर्स को 26 लाख रुपये दिए थे, उसे समन भेजा था
एयरसेल-मैक्सिस सौदे की जांच ईडी और सीबीआई, दोनों कर रहे हैं
अरुण जेटली ने नेता प्रतिपक्ष रहते हुए मई 2012 में आरोप लगाए थे कि चिदंबरम परिवार के एक सदस्य के स्वामित्व की एक कंपनी ने एयरसेल को कथित पैसे दिए थे
उघाड़ीं।
सूत्रों के अनुसार एडवांटेज की सिंगापुर शाखा ने फिलीपींस की कंपनियों के साथ मिल इंटरनेशनल प्रीमियर टेनिस लीग (एशिया) की फ्रेंचाइजी हासिल करने के लिए करार किया था। ये कंपनियां हैं-एसएम एरीना कॉम्पलेक्स कारपोरेशन, स्पोर्ट्स एंटरटेनमेंट इवेंट्स और मैनेजमेंट इंक। एडवांटेज का सिंगापुर की अन्यक रियल एस्टेट कंपनी, रियल बियोन्ड प्रा. लि. के साथ भी लेन-देन था जिसकी मलेशिया में तीन शाखाएं हैं। आरोप है कि इससे आए पैसे से थाईलैंड में जमीन खरीदने के 16 सौदे हुए। ईडी की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए कि एडवांटेज की सिंगापुर इकाई ने ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड (बीवीआई) में एक फर्म स्थापित की, जिसका नाम समरसेट सर्विसेज लिमिटेड है। इसने बीवीआई में फुल इनोवेशंस लिमिटेड नाम की एक और फर्म में 4,00,000 सिंगापुर डॉलर का निवेश किया। बीवीआई में गिबेन ट्रेडिंग लिमिटेड के साथ भी इसने सौदे किए जिसके कार्यालय स्विट्जरलैंड में हैं। सिंगापुर की एक और कंपनी यूनिसन ग्लोबल इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के साथ 5 लाख सिंगापुर डॉलर के कारोबार की जानकारी भी है। सिंगापुर स्थित कार्ति की कंपनी ने ग्रैविटास इन्वेस्टनमेंट्स, मैच प्वाइंट इंटरनेशनल टेनिस इवेंट्स के साथ टेनिस टीम 'मनीला मावेरिक्स' खरीदने के लिए करार किया। ईडी के सूत्रों ने कहा कि सौदा 12 लाख अमेरिकी डॉलर का था जिसका भुगतान 10 किस्तों में हुआ।
कार्ति की सिंगापुर वाली कंपनी ने मलेशिया में वहां की मुद्रा में 19 लाख का फ्लैट खरीदा था। अटकलें हैं कि एडवांटेज ने मलेशिया में कैफे कॉफी डे की कई फ्रेंचाइजी ली हैं। एजेंसियों ने पाया कि कार्ति की सिंगापुर वाली कंपनी के मलेशियाई कंपनियों से कई लेन-देन हैं। 2006 में एयरसेल का अधिग्रहण करने वाली मैक्सिस का मुख्यालय मलेशिया में है। छापों में विदेशी मुद्रा में 30 करोड़ रु. से भी अधिक के भुगतान के दस्तावेज मिले।
सूत्रों के मुताबिक कार्ति की सिंगापुर स्थित कंपनी ने चेन्नै रिजर्व-बिजनेस एडवांटेज चेकिंग की मद में बैंक ऑफ अमेरिका के एक खाते में 50,000 डॉलर भेजे। यह राशि न्यूयार्क की डेलावेयर कारपोरेशन कंपनी से जुड़ी किचेन इंक के खाते में गई जो परिवर्तनीय 'प्रोमिसरी नोट' जारी करती है।
एडवांटेज ने ये सभी मोटे लेन-देन, निवेश और विदेशी कंपनियों व संपत्तियों का अधिग्रहण एयरसेल-मैक्सिस सौदे के बाद किया। यह जानकारी सर्वोच्च न्यायालय को दी गई है जहां एयरसेल-मैक्सिस सौदे से जुड़े घोटाले का मामला चल रहा है। सीबीआई और ईडी, दोनों ने आरोप पत्र में कहा है कि मैक्सिस को एयरसेल के अधिग्रहण के लिए तत्कालीन वित्त मंत्री चिदंबरम द्वारा विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी देना सरासर गैरकानूनी था।
कांग्रेस सदस्य कार्ति चिदंबरम कहते हैं, ''मेरा कारोबार पूरी तरह नियम-कानूनों के अनुकूल है।'' एक बयान में उन्होंने कहा, ''एक समाचारपत्र ने मेरे खिलाफ कुछ आरोप लगाए हैं, जिसका मैं पहले ही समुचित तरीके से खंडन कर चुका हूं। मैंने व्यक्तिगत तौर पर और कारोबार के दौरान सभी नियम-कानूनों का पूरी तरह पालन किया है।''
पिछले सप्ताह चिदंबरम पर आरोप लगे कि उन्होंने इशरत जहां मुठभेड़ मामले के आरोप पत्र के साथ छेड़छाड़ की। जब नरसिंह राव प्रधानमंत्री थे, तब भी फेयर ग्रोथ फाइनेंशियल सर्विसेज के मामले में चिदंबरम निशाने पर आए थे। इस कंपनी में चिदंबरम के 15,000 शेयर थे और उनकी पत्नी ने भी इस कंपनी के शेयरों में एक लाख रु. निवेश किया हुआ था। (यह कंपनी हर्षद मेहता की थी।) चिदंबरम के नजदीकी कांग्रेसी सूत्रों का कहना है कि यह सब उनके नेता को निशाना बनाने की मोदी सरकार की साजिश है, क्योंकि यह चिदंबरम ही थे जिन्होंने इशरत मुठभेड़ और गोधरा दंगों के मामले में मोदी को निशाने पर लेने की कोशिश की थी। इन सूत्रों ने आरोप लगाए कि केंद्र सरकार राजनीतिक तौर पर ''चिदंबरम को खत्म कर देना चाहती है।'' पिछले सप्ताह गृह मंत्रालय से जुड़े दो वरिष्ठ अधिकारी खुलकर सामने आए, अब इसी क्रम में ईडी की जांच के लीक हुए विवरण से साफ है कि चिदंबरम और उनके बेट का विश्वभर में फैले कारोबार में कथित गोरखधंधे के कारण निशाने पर आ गए है और अन्नाद्रमुक के सांसदों ने यह मुद्दा हाथोहाथ ले लिया है।
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