'पिछड़ेपन का दोष नेताओं का'
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

'पिछड़ेपन का दोष नेताओं का'

by
Feb 29, 2016, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 29 Feb 2016 12:25:16

आरक्षण पर देश में बना या बनाया गया माहौल चिंताजनक है। इस विषय में एक सवाल बार-बार पूछा जा रहा है  कि क्या संविधान के आरक्षण विषयक प्रावधान का पुनरावलोकन होना चाहिए? उत्तर है-हां और ना। क्योंकि मूलत: भारतीय संविधान में आरक्षण का प्रावधान अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्गों के लिए सामाजिक न्याय के तहत किया गया है। सैकड़ों वर्ष तक यह वर्ग सामाजिक न्याय से वंचित, अस्पृश्यता जैसे सामाजिक अन्यायों से जूझता रहा।
इस प्रावधान के पुनर्मूल्यांकन हेतु पूछा जा सकता है कि क्या अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग में आने वाले सभी लोगों को इसका समान लाभ मिला है? क्या यह वर्ग शिक्षित हुआ? क्या सामाजिक, न्यायिक सुरक्षा इन तक पहुंची? क्या इन्हें आर्थिक उन्नति के मार्ग पर लाने में समाज एवं शासन सफल हुआ है?
इन सभी प्रश्नों के उत्तर के लिए प्रावधान का पुनरावलोकन नहीं बल्कि उसके क्रियान्वयन के मॉडल और तरीके की समीक्षा होनी चाहिए। जरूरतमंदों तक आरक्षण पहुंचाने की जिम्मेदारी केवल शासन की नहीं है।
सवाल है कि यह आरक्षण कब तक चलेगा? इसका उत्तर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय सरसंघचालक श्री बालासाहब देवरस ने इन शब्दों में दिया-''जब तक समाज चाहता है तब तक, जब तक वह समाज (एससी/एसटी) खुद आरक्षण को नहीं नकारता तब तक आरक्षण का साधन रहना चाहिए।'' इसमें संदेह नहीं है कि आरक्षण सामाजिक न्याय का प्रावधान है।
पिछले कुछ वर्षों से कई वर्गों के लोगों ने विभिन्न राज्यों में आरक्षण की मांग पर तनाव खड़ा किया है। राष्ट्रीय संपत्ति को नुक्सान पहंुचाया है। देश के लोकतंत्र को झुठलाया है। ऐसे लोगों को अपने समाजों का इतिहास खंगालना चाहिए। उसमें हरियाणा के जाट हों या महाराष्ट्र के मराठा, या अन्य राज्यों का और कोई समाज। ये समाज सामाजिक स्तर पर ऊंची जातियां मानी जाती हैं। स्वतंत्रता के बाद ज्यादातर इन्हीं जातियों के प्रतिनिधियों  का शासन रहा है।
इसके बावजूद अगर इस समाज के लोग पिछड़े रहे तो इसका जिम्मेदार किसे ठहराना चाहिए? उनके समाज के बड़े खुद सत्ता भोगते रहे और अपने समाज के लोगों को पिछड़ा बनाए रखा। क्या यह इनका पाप नहीं? क्या इन सत्ताधारियों से इन प्रश्नों का जवाब नहीं मांगा जाना चाहिए? अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए समाज को भड़काना कहां तक उचित है? हरियाणा का जाट आरक्षण आंदोलन मानो आरक्षण का साधन बन गया था।  लेकिन सर्वोच्च न्यायालय पहले ही जाट आरक्षण को संविधान के परिप्रेक्ष्य में नकार चुका है।
क्या समाज की स्थिति सुधारने का कोई और कोई उपाय नहीं है? उपाय है और समाज ही यह कर सकता है। जैसे,  क्षत्रिय समाज ने कभी आरक्षण की मांग नहीं की। उस समाज के उच्च शिक्षित, आर्थिक रूप से सक्षम लोग मिलकर स्कूल-कॉलेज चलाते हैं। उद्योग-व्यवसाय करने के इच्छुक युवाओं को आर्थिक मदद देते हैं। यही उचित मार्ग है अपने समाज को पीडि़त अवस्था से बाहर लाने का।
भारतीय समाज व्यवस्था में तथाकथित उच्चवर्गीय समुदाय भी जब आरक्षण की मांग करता है तो इसका मतलब है कि थोड़ा-बहुत ही सही, पर पिछड़ापन तो है। लेकिन ऐसे में उस वर्ग के समृद्ध लोगों को सहायता का हाथ बढ़ाना चाहिए। गरीबी रेखा से नीचे के वर्ग के लिए सरकारी योजना है, उसका भी लाभ मिल सकता है।  
बहरहाल, संवैधानिक ढांचे में फिलहाल 'जाट आरक्षण' के लिए कोई गुंजाइश नहीं दिखती। विशेषज्ञों का मानना है कि यह आंदोलन राजनीति से प्रेरित है। लोग शांति से विचार करें। देश का नुक्सान अपना ही नुक्सान है। इस बारे में शांति से विचार करें। आरक्षण न्याय का मुद्दा है न कि संघर्ष का!
 सुवर्णा रावल-लेखिका भटके विमुक्त विकास परिषद
की अध्यक्ष हैं

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

माता वैष्णो देवी में सुरक्षा सेंध: बिना वैध दस्तावेजों के बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

माता वैष्णो देवी में सुरक्षा सेंध: बिना वैध दस्तावेजों के बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

Britain NHS Job fund

ब्रिटेन में स्वास्थ्य सेवाओं का संकट: एनएचएस पर क्यों मचा है बवाल?

कारगिल विजय यात्रा: पूर्व सैनिकों को श्रद्धांजलि और बदलते कश्मीर की तस्वीर

four appointed for Rajyasabha

उज्ज्वल निकम, हर्षवर्धन श्रृंगला समेत चार हस्तियां राज्यसभा के लिए मनोनीत

Kerala BJP

केरल में भाजपा की दोस्तरीय रणनीति

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies