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केरल के निकाय चुनावों में कम्युनिस्ट पार्टी, कांगे्रस और मीडिया द्वारा भाजपा के विरुद्ध चौतरफा दुष्प्रचार करने के बावजूद यहां की जनता ने भाजपा के पक्ष में अपना फैसला सुना दिया। इससे स्पष्ट है कि केरल में भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जादू मतदाताओं के सिर चढ़कर बोल रहा है। यह केन्द्र सरकार द्वारा देश के विकास के लिए निरंतर कार्य करते रहने और कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत का परिणाम है। निकाय चुनावों को सफल कराने में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने राज्य के हर नुक्कड़ चौराहे तक संपर्क साधकर इस चुनाव को सफल बना दिया। इसके चलते भाजपा केरल की जनता और मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रही है।
भाजपा को यह सफलता उस समय मिली कि जब देश में विपक्षी दलों द्वारा उत्तर प्रदेश के दादरी कांड और असहिष्णुता के नाम पर केन्द्र सरकार का विरोध जारी है। इसके बावजूद निकाय चुनावों में भाजपा ने विजय प्राप्त कर नया इतिहास दर्ज किया है। छह निगम पार्षदों के साथ पलक्कड़ में भाजपा अकेले सबसे बड़े राजनीतिक दल के रूप में उभरकर आयी है। तिरुअनंतपुरम निगम में भाजपा 34 सीटों पर विजयी रही है, जबकि पिछले चुनाव में भाजपा को मात्र 6 ही सीटों पर जीत मिल सकी थी। 16 ग्रामपंचायतों पर भाजपा ने कब्जा जमा लिया है। राजनीतिक विश्लेषकों ने भाजपा की इस जीत को नया इतिहास रचने वाला बताया है। कासरगोड में सभी तीन पंचायतों पर भाजपा काबिज हो गई है। कोझीकोड में भाजपा ने 7 सीटों पर विजय प्राप्त की, जबकि वहां पर भाजपा की ओर से पहले किसी ने कोई प्रतिनिधित्व नहीं किया था। कोल्लम में 5 और त्रिशूर में 6 सीटों पर विजय मिली है। भाजपा ने विभिन्न ग्रामपंचायतों और नगरपालिकाओं में मुस्लिम बहुल क्षेत्र मलप्पुरम में भी अपना खाता खोला है। कुछ ग्रामपंचायतों और नगरपालिकाओं में त्रिशंकु स्थिति बन गई है जिसमें भाजपा निर्णायक भूमिका निभाएगी। भाजपा ने तीन नगरपालिकाओं-पलक्कड़ के ओटापालम, त्रिशूर जिले के कुनमकुलम और कन्नूर जिले के थालास्सेरी में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। भाजपा ने न केवल पहली बार कुछ स्थानों पर अपना खाता खोला है, बल्कि अत्तिंगल, नेदुमंगड़, नेयातिन्कारा, वरकला, करुनागपल्ली, कोट्टरकारा, पांथलम, थिरुवल्ला, कयनकुलम, चेंगानूर, अल्लपुझा, हरिप्पड़, इत्तुमनूर, कोट्टायम, छनचांगाना, वायकोम, पाला, थोडुपुझा, मूवाट्टूपुझा, अलूवा, इल्लूर, पेरुम्बवूर, पिरावम, मन्नारक्कड़, पतोबी, चेरपुलासरी, पोन्नानी और कोट्टक्कल नगरपालिकाओं में जीत दर्ज की है। वडाकरा और कोझीकोड में भाजपा के दो प्रत्याशियों ने महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज कराई है। भाजपा ने कोझीकोड की दो नई नगरपालिकाओं फेरोक और मुक्कोम में सफलता पाई है। पहली बार सुल्तान बथेरी और वयानाड में जीते प्रत्याशियों ने अपनी क्षमता का परिचय दिया है, विशेषकर एलडीएफ के गढ़ इरीट्टी और पन्नूर में। कासरगोड जिले की ग्रामपंचायत में भाजपा ने सबसे अधिक सीटों पर सफलता प्राप्त की है। इस जिले में बदियाडुक्का, बेलुर, कराडुका, मधुर और पपईवलिज ग्रामपंचायत पर भाजपा सबसे बड़े राजनीतिक दल के रूप में उभरकर आयी है। भाजपा पहली बार तिरुअनंतपुरम जिले की चार ग्रामपंचायतों पर राज करेगी। इसके अलावा पथानामथिट्टा जिले में भी चार ग्रामपंचायतों पर भाजपा को विजय मिली है। कुलंदा, कुटुआ, नेदुम्पुरम और थेक्केकारा में पार्टी विजयी रही है। त्रिशूर की पावरट्टी और अविनिसेरी पंचायत में भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में जीत कर आई है। इसी तरह इरुथमपथी ग्रामपंचायत पलक्कड़ में भाजपा अकेले सबसे बड़े राजनीतिक दल के रूप में जीतकर आई है। निकाय चुनावों में भाजपा ने इतिहास रचकर जहां पलक्कड़ में सबसे बड़े दल के रूप में सफलता पाई है, वहीं कोदुंगलौर, कासरगोड, मवेलिक्कारा, त्रिपुनिथुरा, शोरनुर, थनूर और पाराप्पनंगाड़ी में भाजपा दूसरे स्थान पर रही है। वर्तमान में भाजपा के 807 ग्रामपंचायत सदस्य, 236 नगर निगम सदस्य, 51 निगम पार्षद, 28 ब्लॉक पंचायत सदस्य और 3 जिला पंचायत सदस्य हैं। इस चुनाव परिणाम से राज्य में शासन कर रहे कांग्र्रेस-यूडीएफ गठबंधन को करारा झटका लगा है। केरल निकाय चुनाव में माकपा और एलडीएफ के रहते हुए भाजपा ने त्रिकोणीय मुकाबले में बड़ी सफलता प्राप्त की है। निकाय चुनावों में भाजपा की जीत से आभास हो रहा है कि भाजपा वर्ष 2016 के विधानसभा चुनावांे में अच्छा प्रदर्शन करेगी। इन निकाय चुनावों को 2016 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पूर्व 'सेमी फाइनल' के रूप में देखा जा रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि चुनाव परिणाम राज्य की सरकार बदलने का संकेत दे रहे हैं। – प्रदीप कृष्णन
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