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गत दिनों वनवासी कल्याण परिषद द्वारा प्रान्तीय जनजाति क्रीड़ा महोत्सव राजस्थान प्रान्त के मंदारेश्वर विद्या निकेतन में संपन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता परिषद् के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री सोमयाजुलु थे।
श्री सोमयाजुलु ने कहा कि अपने देश के प्रति माता का भाव दृढ़ कर अटल राष्ट्र भाव विकसित करना हमारा काम है। आज बालासाहब देशपाण्डे के सपनांे को साकार करने के लिए वनवासी कल्याण परिषद देेेेश के प्रत्येक वनवासी क्षेत्र में पहुंचकर कार्य करने का प्रयास कर रही है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश के गृहमंत्री गुलाबचन्द कटारिया ने कहा कि लिम्बाराम जैसे तीरंदाज वनवासी कल्याण परिषद की देन हैं। सरकार के अनेक प्रयास और अत्यधिक धन खर्च करने के बाद भी वनवासियों तक पूर्णरूप से शिक्षा नहीं पहुंच पाई जबकि परिषद सीमित संसाधनों में उन तक पहुंचकर कार्य करके दिखा रही है।
रामस्नेही सम्प्रदाय से जुड़े स्वामी रामकिशोर महाराज ने कहा कि शिक्षा व सेवा के माध्यम से जनजातीय समाज को इस राष्ट्र की मुख्यधारा मंे जोड़ने का पुण्य कार्य किया जा रहा है, जो सराहनीय है। कार्यक्रम के अध्यक्ष सांसद मानशंकर निनामा, विशिष्ट अतिथि परमेश्वर अग्रवाल, विजयसिंह व प्रदेश अध्यक्ष हरिकृष्ण डामोर सहित पूर्व अतिरिक्त जिलाधिकारी रामचन्द्र खराड़ी श्री तोता सिंह व्यवसायी, रामचन्द्र खराडी, जी़ एस. हाडा ने पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर देवेश त्रिवेदी, मोहनलाल पारगी व गोपाल कुमावत आदि भी उपस्थित रहे।
ल्ल प्रतिनिधि
आर्य निर्मात्री सभा का अधिवेशन
विगत दिनों राष्ट्रीय आर्य निर्मात्री सभा का प्रांतीय सम्मेलन महाराजा अग्रसेन कॉलेज रोहिणी नई दिल्ली के सभागार में सम्पन्न हुआ। आचार्य परमदेव मीमांसक ने कहा कि आज आर्य समाज के कार्यकर्त्ताओं को सजग रहने की आवश्यकता है। आचार्य हनुमत्प्रसाद 'उपाध्याय' ने कहा कि वेद मार्ग पर चलकर ही श्रेष्ठ जीवन जीया जा सकता है। देशभर से आए प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए आ. सतीश, आ. राजेश और आ. देवेन्द्र ने भारतीय परम्परागत मूल्यों के साथ श्रेष्ठ आचरण अपनाने पर बल दिया। भ्रष्टाचार, गोहत्या, साम्प्रदायिक उन्माद, कन्या भ्रूण हत्या, पर्यावरण चुनौती तथा समाज में व्याप्त असहनशीलता का समाधान खोजने के लिए जीवन जीने की भारतीय पद्धति को अपनान के साथ देशभर में संस्कृति और परम्परा के निमित्त आर्य युवकों को व्यापक अभियान छड़नेे का आह्वान किया गया। ल्ल प्रतिनिधि
श्रद्धाञ्जलि
प्रेरक व्यक्तित्व थे विनयशील विनय जी
श्री बड़ा बाजार कुमारसभा पुस्तकालय, कोलकाता के पूर्व अध्यक्ष स्व. विनयकृष्ण रस्तोगी को पुस्तकालय कक्ष में आयोजित स्मृति सभा में भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। उपस्थित जन ने उनकी निष्ठा और सर्वसमावेशी वृत्ति को याद किया।
वक्ता के रूप में उपस्थित श्री जुगल किशोर जैथलिया ने कहा कि स्व.विनय जी का जीवन और व्यवहार कार्यकर्त्ताओं के लिए प्रेरक रहा है। उनके राष्ट्रवादी चिंतन ने ऊर्जा प्रदान की है। वे सदैव दूसरे की समस्याओं को अपनी समस्या मानकर हल करने का प्रयास तो करते ही थे साथ ही पूरा संबल प्रदान करते थे। कार्यक्रम में उपस्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री केशवराव दीक्षित ने कहा कि विनय जी का उत्साह और निष्ठा विशिष्ट थी। वे अपने नाम के अनुरूप ही विनय प्रवृत्ति के थे। उनके अंदर एक बड़ा गुण था कि वे मौन रहकर सतत् कार्य करते रहते थे और समाज के लिए जीते थे।
इस अवसर पर सर्वश्री महावीर बजाज, नंदलाल सिंहानिया, भंवरलाल, अरुण प्रकाश, राजेन्द्र प्रकाश बंसल, भागचन्द जैन, रविकृष्ण रस्तोगी ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन पुस्तकालय के अध्यक्ष डॉ. प्रेमशंकर त्रिपाठी ने किया। ल्ल प्रतिनिधि
नारायण प्रसाद मंूदड़ा नहीं रहे
समाजसेवी एवं श्री छोटीखाटू नागरिक समिति के पूर्व अध्यक्ष स्व. नारायण प्रसाद मंूदड़ा की स्मृति में एक श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। कोलकाता के डीडवाना नागरिक सभा कार्यालय में दशरथ भण्डारी की अध्यक्षता में उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कुमारसभा के मंत्री श्री महावीर बजाज ने स्व.नारायण मंूदड़ा द्वारा किए गए सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों से प्रेरणा लेने का आह्वान करते हुए कहा कि उन्होंने अपने जीवन में गांवों के विकास के लिए अद्वितीय कार्य किए उनकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है और उनके कार्य अनुकरणीय हैं। इस अवसर पर अनेक गणमान्यजन उपस्थित थे।
ल्ल प्रतिनिधि
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