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नाम : स्टीफन नैप उपाख्य श्री नंदनानंदन दास, डेट्रॉयट अमरीका
क्या हैं : वेदों के शोधकर्ता
संस्कृति सूत्र : भारतीय दर्शन के ज्ञाता
परिवर्तन का क्षण : श्रीमद्भगवद्गीता का अध्ययन
स्टीफन नैप उपाख्य श्री नंदनानंदन दास वैदिक फ्रेंड्स एसोसिएशन (डेट्रॉयट, मिशिगन, अमरीका) के अध्यक्ष हैं। वे पिछले 30 वर्ष से वैदिक अध्यात्म और तुलनात्मक धार्मिक अध्ययनों पर विभिन्न दृष्टिकोणों से शोध कर रहे हैं। वे इन आध्यात्मिक विधियों से प्रत्यक्ष तौर पर जुड़े रहे हैं। ए़ सी़ भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद के आशीर्वाद और अपने गुरु के माध्यम से ज्ञान प्राप्त करने वाले श्री नंदनानंदन दास ब्रह्म-माधव-गौड़ीय सम्प्रदाय से संबंधित हैं। वैदिक संस्कृति और दर्शन, वैदिक विज्ञान और वैदिक अध्यात्म से संबंधित विषयों पर वे 27 से अधिक पुस्तकों का लेखन कर चुके हैं। वे कहते हैं, 'हां, मैं भारतीय नहीं हूं, लेकिन कभी-कभी मैं यह भूल जाता हूं। लेकिन हर वह व्यक्ति जो मुझे जानता है, वह यह भी जानता है कि अपने पिछले जन्म में मैं भारतीय था और आज भी उसी लक्ष्य के लिए काम कर रहा हूं़.़।'
स्टीफन नैप का जन्म एक ईसाई परिवार में हुआ था। उन्होंने परिवार के साथ रहते हुए बाइबिल की शिक्षाओं को ग्रहण करने के लिए उसका गंभीरता से अध्ययन किया। लेकिन तरुणावस्था आते-आते उनके मन में वे प्रश्न उमड़ने लगे, जिनका उत्तर ईसाई शास्त्रों में सरलता से नहीं मिल सका। इससे वे अन्य दर्शनों और धर्मशास्त्रों की ओर प्रवृत्त हुए। उन्होंने विश्वभर की तमाम तरह की गूढ़ विद्याओं और दर्शन आदि का अध्ययन किया। जब उन्होंने पहली बार भगवद्गीता पढ़ी, तो उन्हें लगा कि उन्हें अपने इन तमाम प्रश्नों का उत्तर मिल गया है, जिनके लिए वह भटक रहे थे। गीता पढ़ने के बाद से उनकी उस सबके प्रति समझ भी बदल गई, जो उन्होंने आज तक सीखा था। इससे प्रेरित होकर उन्होंने वैदिक विज्ञान की खोज में चारों वेदों पर शोध शुरू किया, जो आज भी जारी है। आज भी वह वैदिक दर्शन और वैदिक परम्पराओं के गहरे आध्यात्मिक, ऐतिहासिक, वैज्ञानिक और सैद्धांतिक ज्ञान को संग्रहित और संरक्षित करने के काम में दिन-रात लगे हुए हैं। उनकी लिखी गई पुस्तकों की विशाल सूची ही किसी को भी रोमांचित कर देने के लिए काफी है।
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