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भारतीय विचार मंच, गुजरात द्वारा 9 मई को अमदाबाद में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रसिद्ध विचारक, लेखक और चिंतक तारक फतह ने कहा कि हम एक बहुत ही कठिन दौर से गुजर रहे हैं। हम जिस नफरत की फिजा में जी रहे हैं, उसका फायदा उठाकर अंग्रेजांे ने हमें बांट दिया। पाकिस्तान बनने के साथ ही 10 लाख लोग 1947 मंे और 30 लाख लोग 1971 मंे मारे गए। उसके बाद अब हर दिन लगभग 100 लोग बलूचिस्तान में मारे जा रहे हैं। ऐसा किसी ने भी नहीं सोचा था। हम सभी भारतीयों को साथ ही रहना होगा। उन्होंने कहा कि भारत का दुश्मन मुसलमान नहीं, बल्कि पाकिस्तान है। हम दाउद को जगह-जगह खोज रहे हैं, अरे पाकिस्तान में तो कितने ही दाउद मौजूद हैं। इस क्षेत्र में जो भी समस्या है उसका केन्द्र इस्लामाबाद में है। यहीं से आई़ एस़ आई़ को खाद-पानी मिलता है और जिहादियों को हौसला।
उन्होंने कहा कि औरंगजेब, जिसने अपने पिता, बेटे और बहन का कत्ल किया, हमारा नेता नहीं हो सकता है। जब तक देवबंद से यह आवाज नहीं आती कि 'दारा शिकोह जिंदाबाद' और 'औरंगजेब मुर्दाबाद' तब तक हमें पता होना चाहिए कि वे किसके साथ हैं। उन्होंने कहा कि यह वह भारत है जिसने मुसलमानों को पनाह दी। जब मक्का में मस्जिद नहीं थी, तब मदीना के बाद दूसरी मस्जिद भारत मंे बनाने की इजाजत हिन्दू राजा ने दी थी। औरंगजेब हमारा दुश्मन था। औरंगजेब के नाम से इस देश मे कोई जगह नहीं होनी चाहिए। यह ऐसा देश है जिसने हर मत-पंथ के लोगांे को पनाह दी। लेकिन सत्य एक ही होता है और सत्य यह है कि मुसलमानों ने 700-800 वर्ष तक इस देश पर बड़े जुल्म किए हैं। एक मुसलमान होने के नाते आज मैं इसके लिए आपसे माफी मांगता हूं। इस अवसर पर बड़ी संख्या में आम लोग उपस्थित थे।
ल्ल विश्व संवाद केन्द्र, गुजरात
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