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सुरेंद्र सिंघल
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आए दिन छोटी-छोटी बातों पर तनाव की स्थिति खड़ी करना आम हो गया है। सांप्रदायिकता को हवा देने का सिलसिला इस क्षेत्र में पिछले दो-तीन वर्षों से जारी है। सपा सरकार के संरक्षण में मुसलमानों को लगता है कि वे कुछ भी कर लें और किसी भी हद तक चले जाएं उनका कुछ भी बिगड़ने वाला नहीं है।
उ. प्र. में सांप्रदायिक सद्भाव एवं तनाव मुक्त वातावरण कायम रखने की बुनियादी जिम्मेदारी राज्य सरकार और उसकी नौकरशाही की है, लेकिन दुर्भाग्य से वे अपनी जिम्मेदारी को निभाते नहीं दिख रहे हैं। बड़ौत, बागपत एवं कांधला क्षेत्र में गत एक मई को हुई रेल की घटना और उसे आधार बनाकर दो मई की सुबह कैराना के सपा विधायक नाहिद हसन की अगुआई में तीन से पांच हजार लोगों की भीड़ ने कांधला क्षेत्र के बुढ़ाना रोड पर रेलवे फाटक पर पांच घंटों से भी ज्यादा रेलमार्ग अवरुद्ध कर बीकानेर-हरिद्वार रेल पर पथराव किया और जमकर हुड़दंग मचाया। रेलवे की हजारों रुपए की संपत्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बाद कांधला थाने पर जाकर भी तोड़-फोड़ एवं आगजनी की गई। इस दौरान पुलिस-प्रशासन मूकदर्शक बना रहा। इस बाबत पूछे जाने पर पुलिस महानिरीक्षक मेरठ जोन आलोक शर्मा का कहना था कि पुलिस का रवैया सही था और कानून के दायरे में था। कोई भी कानून पुलिस को हजारोें की भीड़ पर गोली चलाने की अनुमति नहीं देता है। उन्होंने माना कि लोगों का वहां जमा होना और उनकी हरकत घोर आपत्तिजनक एवं गैरकानूनी थी। उनसे सवाल किया गया कि पांच घंटे से भी ज्यादा कांधला स्टेशन पर उपद्रवियों ने जिस तरह से उत्पात मचाया और पुलिस-प्रशासन मूकदर्शक बना रहा। यदि ऐसी हालत में हिन्दू भी सामने आ जाते तो क्या होता? पुलिस महानिरीक्षक का कहना था कि स्थिति बेहद विस्फोटक हो जाती। उन्हें इस बात पर आपत्ति थी कि मामले की समीक्षा करने वाले लोग मौके की नजाकत को समझने के बजाय घर बैठकर 'पोस्टमार्टम' कर रहे थे। पुलिस महानिरीक्षक सहारनपुर रेंज डॉ़ अशोक कुमार राघव का कहना था कि पुलिस ने मुकदमे दर्ज किए हैं। कानून के मुताबिक कड़ी कार्रवाई की जाएगी। रेलवे सुरक्षा बल के शामली थाना प्रभारी अजय कुमार ने तीन मई को सपा विधायक नाहिद हसन समेत दो हजार अज्ञात लोगांे के विरुद्ध रेलवे परिचालन में बाधा पहुंचाने की रपट दर्ज कराई है। कांधला थाना पुलिस ने वहां के पूर्व चेयरमैन हाजी इस्लाम समेत 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ थाने में आगजनी और तोड़फोड़ का मुकदमा दर्ज कराया गया। रेलवे पुलिस के सहायक सुरक्षा आयुक्त प्रकाश पांडा ने कहा कि सपा विधायक नाहिद हसन की गिरफ्तारी को रेलवे की गुप्तचर टीम ने शामली में डेरा डाल रखा है। वह स्वयं इस मामले की समीक्षा कर रहे हैं। उधर उ. प्र. के पुलिस महानिदेशक अरविंद कुमार जैन ने जीआरपी के थाना शामली, बड़ौत, मेरठ, लोनी एवं देवबंद आदि पुलिस चौकियों पर सतर्कता बरतने के निर्देश अपर पुलिस महानिदेशक रेलवे को दिए हैं। उन्होंने इस मामले की जांच विशेष दल से कराने और दोषियों के खिलाफ गुंडा एक्ट एवं रासुका के तहत कार्रवाई किए जाने के निर्देश भी दिए हैं। पश्चिमी उ. प्र. के लोगांे में इस बात को लेकर भय बना हुआ है कि वहां न जाने कब किस छोटी सी घटना को तूल देकर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ दिया जाए। ध्यान रहे कि वर्ष 2013 में मुजफ्फरनगर और शामली में भड़की हिंसा में 65 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी और 85 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। चिंता की बात यह है कि माहौल खराब करने वाले तत्वों को नियंत्रित नहीं किया जा रहा है और न ही पिछली घटनाओं से सरकार और प्रशासन कोई सबक लेता दिख रहा है।
घटनाक्रम
ल्ल पांच लोग तब्लीग जमात के रूप में एक मई की शाम पांच बजे पुरानी दिल्ली से सहारनपुर के लिए जनता एक्सप्रेस रेल में सवार हुए थे
ल्ल रेल के बड़ौत पहुंचने से कुछ पहले ही जमात में शामिल करीब 45 वर्षीय मो. फारुख अली रेल में शौच के लिए गया। डिब्बे में भीड़ के चलते फारुख की वहां लोगों से कहासुनी हो गई
ल्ल रेल से उतरकर सभी कांधला पुलिस थाने पहुंचे और फारुख की ओर से चार-पांच अज्ञात युवकों के खिलाफ मारपीट करने, उसकी दाढ़ी नोंचने एवं उसकी जेब मंे रखे 20 हजार रुपए छीनने का मामला दर्ज करा दिया
ल्ल मुसलमानों की भीड़ ने कानून ताक पर रखकर कांधला कस्बे में जबरदस्त तनाव पैदा कर दिया और वहां से गुजरने वाली रेलों को चुन-चुन कर निशाना बनाया
ल्ल 2 मई को कांधला स्टेशन के बाहर खड़ी रेलों में बैठे हजारों लोग बिलबिलाते मदद की गुहार लगाते रहे
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