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केन्या के गैरीसा यूनिवर्सिटी कॉलेज में गत 2 अप्रैल की तड़के आतंकियों द्वारा ईसाई छात्रों को निशाना बनाया गया। हमले के दौरान आतंकवादी संगठन अल-शबाब के आतंकी छात्रावास में सो रहे सभी छात्रों को जगाकर बाहर लाए और सभी के नाम पूछे। इसके बाद आतंकियों ने मुस्लिम छात्रों को छोड़ दिया और ईसाई छात्रों को गोलियों से भूनना शुरू कर दिया। सभी स्वचलित हथियारों से लैस थे। आतंकी एके-47 जैसे अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे। इस हमले में 147 छात्रों की मौत हो गई, जबकि 80 घायल हैं। करीब 15 घंटें तक पुलिस और सेना के ऑपरेशन में चारों आतंकियों को मार गिराया गया। कीनिया के राष्ट्रपति उरु केन्यात्ता ने हमले में मारे गए लोगों के परिजनों से संवेदना जताई है और सुरक्षा बलों की तत्काल भर्तियां और ट्रेनिंग का आदेश दिया है। इस बीच केन्या की सुरक्षा एजेंसियों ने इस आतंकी हमले के सूत्रधार की पहचान करते हुए उसका नाम मोहम्मद महमूद बताया है। उसके ऊपर पहले से ही 2 लाख 20 हजार डॉलर का इनाम घोषित है। मोहम्मद के और भी कई नाम है। वह केन्या के एक मदरसे में दीनी तालीम देता है। उसे केन्या में एक बस पर हुए हमले का भी जिम्मेदार माना जाता है, जिसमें 28 लोगों की हत्या कर दी गई थी।
विश्वभर में हमले की निंदा
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने केन्या में हुए आतंकी हमले की जिंदा की है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने इस हमले की निंदा की और इसे 'आतंकवादी' हमला बताया है। उन्होंने कहा संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद और चरमपंथी हिंसा से निपटने के लिए केन्या को हर संभव मदद देने को तैयार है। अमरीका ने भी ने हमले की निंदा की है और केन्या को आश्वासन दिया है कि वह आतंकी संगठन अल-शबाब से निपटने के लिए उसे हर तरह की मदद मुहैया कराएगा।
1998 के बाद दूसरा सबसे बड़ा हमला
केन्या में 1998 में अमरीका दूतावास पर हुए हमले के बाद यह सबसे बड़ा हमला है। आतंकी संगठन अल-शबाब केन्या सरकार द्वारा सोमालिया में सेना भेजे जाने से नाराज है जो वहां उसके खिलाफ ऑपरेशन चला रही है। गैरीसा यूनिवर्सिटी सोमालिया से लगी अशांत सीमावर्ती केन्याई इलाके में स्थित है। अल शबाब के प्रवक्ता शेख अली मोहम्मद रेज ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि इस तरह के हमले जारी रहेंगे। ल्ल
सुनामी की चेतावनी से
दहशत
पापुआ न्यू गिनी के तट पर भूकंप के तेज झटके आने के बाद प्रशांत महासागर के कुछ तटीय इलाकों में सूनामी की चेतावनी जारी की गई है। पापुआ न्यू गिनी के पूर्वोत्तर में स्थित शहर कोकोपो के पास 7.7 तीव्रता का ये भूकंप आया। इस संबंध में प्रशांत महासागर सूनामी चेतावनी केंद्र का कहना है कि तीन मीटर तक ऊंची सूनामी की लहरें कोकोपो से एक हजार किलोमीटर तक इलाके को अपनी चपेट में ले सकती हैं। इसके अलावा रूस, चीन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और इंडोनेशिया तक सूनामी पहुंच सकती है। पापुआ न्यू गिनी आपदा केंद्र के कार्यकारी निदेशक मार्टिन बोस ने बताया 'राजधानी पोर्ट मोरेस्बी में मौजूद अधिकारी अपने साथियों से संपर्क की कोशिश में हैं और भूकंप के बाद से अब तक किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है। स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है।' ल्ल
स्वदेश पहुंचे 300 भारतीय
ंयुद्ध प्रभावित यमन में फंसे भारतीयों को वापस लाने का काम शुरू हो चुका है। गत 2 अप्रैल को 300 से अधिक भारतीय स्वदेश पहुंचे। भारतीय वायुसेना का एक विमान 168 भारतीयों को लेकर केरल के कोच्चि हवाईअड्डे पर पहुंचा। जबकि भारतीय वायुसेना के दूसरे विमान से करीब 190 भारतीय मुंबई हवाईअड्डे पर पहुंचे। यमन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए भारतीय नौसेना और वायुसेना मिलकर अभियान चला रहे हैं। सरकार द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन राहत के तहत सभी भारतीयों को गत 31 मार्च को भारतीय नौसेना के युद्धपोत 'आईएनएस सुमित्रा' से यमन के अदन से निकालकर पड़ोसी देश जिबूती लाया गया था। उसके बाद से वहां से इन सभी को वायुसेना के विमानों से भारत लाया गया। कोच्चि पहुंचे लोगों का केरल के प्रवासी मामलों के मंत्री के.सी. जोसफ, लोक निर्माण मंत्री इब्राहिम कुंजू और एर्नाकुलम के जिलाधिकारी ने स्वागत किया। मुंबई में छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे यात्रियों को घर पहुंचाने की मुफ्त व्यवस्था महाराष्ट्र सरकार ने की है।
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