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देश की पहली महिला आईपीएस अधिकारी किरण बेदी को भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया है। बेदी सामाजिक स्तर पर पिछले 26 वर्षो से सक्रिय हैं और महिला सुरक्षा से लेकर भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर विभिन्न मंचों से आवाज उठाती रही हैं। किरण बेदी के भाजपा में शामिल होने को लेकर सबसे ज्यादा सवाल टीम केजरीवाल ने उठाए, क्योंकि इस बात की उम्मीद आम आदमी पार्टी के नेताओ को भी नहीं थी कि बेदी भाजपा में शामिल होंगी और भाजपा उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाएगी। भाजपा की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार किरण बेदी से पाञ्चजन्य ने की विशेष बातचीत। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश-
– आपने राजनीति में आने और भाजपा में शामिल होने का फैसला क्यों किया? आपके विरोधी आपके इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं?
मैंने कभी राजनीति में आने की नहीं सोची थी लेकिन पिछले कुछ वर्षो में जिस प्रकार से देश में राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियां बदली हैं उसने मुझे भी बदला। अन्ना हजारे का आंदोलन सामाजिक आंदोलन था इसलिए मैंने और तमाम लोगों ने उसमें बढ चढ़ कर भाग लिया। अन्ना हजारे राजनीति नहीं चाहते थे लेकिन अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी बनी तो मुझसे भी उन्होंने पार्टी में शामिल होने और राजनीति में आने को कहा था लेकिन तब भी मैंने राजनीति में आने का फैसला नहीं लिया। मुझे उम्मीद थी कि आम आदमी पार्टी दिल्ली में अच्छी राजनीति करेगी अच्छा शासन देगी जिससे देश और आम लोगों का भला होगा, लेकिन उनकी राजनीतिक शैली से मुझे ही नहीं पूरी दिल्ली को निराशा हुई। जिस तरह से गणतंत्र दिवस से पहले राजपथ के निकट धरने की राजनीति की गई उससे मुझे बहुत दुख हुआ। इसके बाद लोकसभा चुनाव में देश की जनता ने नरेंद्र मोदी और भाजपा को भारी बहुमत के साथ जिताया और मोदी जी देश के प्रधानमंत्री बने। चुनाव से लेकर पीएम बनने तक उनकी मैंने भी बात सुनी तो मुझे लगा मोदी जी देश के विकास की बात कर रहे हैं और सकारात्मक राजनीति कर रहे हैं। जब मैं भाजपा में शामिल होने से पहले उनसे मिली तब भी उन्होंने मुझ से सिर्फ बेहतर शासन, भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन और देश का विकास इस एजेंडे पर ही बात की। उनका विजन मुझे पसंद आया। मैंने फैसला किया कि मैं मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा के साथ चलूंगी। मैं दिल्ली को टकराव और नकारात्मक राजनीति से बचाना चाहती हूं।
– लेकिन आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के नेता आप पर मौकापरस्ती का आरोप लगा रहे हैं?
मैं मौकापरस्त होती तो अन्ना हजारे के आंदोलन के तुरंत बाद ही राजनीति शुरू कर देती जैसा दूसरे लोगों ने किया। लोग जानते हैं मैं सामाजिक स्तर पर कई वर्षों से सक्रिय हूं मैं चाहती तो पहले भी राजनीति में आ सकती थी। मुझे विदेशों में भी कार्य करने के निमंत्रण मिलते रहते हैं। मैं राजनीति में आई हूं तो सब कुछ छोड़ कर आई हूं। दिल्ली में किसने मौकापरस्ती की राजनीति की यह भी दिल्ली देख चुकी है। कांग्रेस के समर्थन से दिल्ली में आम आदमी पार्टी के सरकार बनाने के फैसले को क्या कहा जाएगा मौकापरस्ती या राजनीति या कुछ और? मैं किसी पर आरोप लगाना नहीं चाहती और न मैं नकारात्मक राजनीति करना चाहती हूं। मैंने हमेशा ईमानदारी और मेहनत से काम किया है। मैंने जिदंगी में जो भी पाया मेहनत से पाया। भाजपा में शामिल होने का फैसला मेरा खुद का है इसलिए यदि मैं और मेरी पार्टी चुनाव हारी तो जिम्मेदारी मेरी होगी और जीतेगी तो मेरी पूरी पार्टी जीतेगी।
-आपको सीधे मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बना दिया गया। आपको दिल्ली में भाजपा का चेहरा बना दिया गया। इसे लेकर भी सवाल उठ रहा है?
जब मैं भाजपा में शामिल हुई तो मुझे भी नहीं बताया गया था कि मैं मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार बनूगी। हां मुझ से चुनाव लड़ने पर जरूर चर्चा की गई थी तब मैंने भी कहा कि अब मैं भाजपा की कार्यकर्ता हूं पार्टी जो कहेगी मैं वह करूंगी। भाजपा के शीर्ष नेताओं और संसदीय बोर्ड ने मुझे मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने का फैसला लिया तो मैंने उसे भी एक जिम्मेदारी के रूप में लिया है। जहां तक चेहरे की बात है मुझे पार्टी ने जिम्मेदारी दी है लेकिन भाजपा का चेहरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। चेहरा भाजपा है कमल निशान है। भाजपा के पास मोदी जैसा चेहरा है जिनके नेतृत्व और नीयत पर दिल्ली और देश को भरोसा है। मैं भाजपा के विकास के एजेंडे को लेकर चुनाव लड़ रही हूं।
– दिल्ली के विकास का रोड मैप तैयार किया है आपने?
देश की राजधानी दिल्ली को देश का दिल बनाना ही भाजपा का लक्ष्य है। दिल्ली अपराधमुक्त होगी, स्वस्थ होगी, शिक्षित होगी, सुशासन होगा तब देश और भी अच्छा होगा। यदि पहले की तरह केंद्र सरकार से टकराव की राजनीति होगी तो उसका असर दिल्ली के विकास पर पडेगा। पिछले एक-डेढ़ साल में जो टकराव की राजनीति हुई उससे दिल्ली का नुकसान हुआ। विकास रुका। इसलिए हमारा प्रयास है दिल्ली मोदी के साथ चले भाजपा के विजन से चले। यदि मैं मुख्यमंत्री बनी तो मैं अपने मंत्रियों और अधिकरियों के साथ लोगों के बीच जाऊंगी और सीधा संवाद कर समस्याओं का समाधान करूंगी। मुख्यमंत्री कार्यालय को जवाबदेह बनाया जाएगा। सरकारी विभाग जवाबदेह बनें इसके लिए श्वतेपत्र जारी किया जाएगा। स्वंयसेवी संस्थाओं को भी दिल्ली में भागीदारी दी जाएगी। गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का विकास भाजपा के मुख्य एजेंडे हंै। मोदी जी ने खुद वायदा किया है कि दिल्ली में कोई झुग्गी नहीं रहेगी और सबको पक्के मकान मिलेंगे। जहां झुग्गी वहीं मकान का वायदा है। किसी गरीब को बेघर नहीं किया जाएगा। एक सम्पूर्ण शिकायत निवारण केंद्र बनेगा। बिजली- पानी से संबंधित जो मुद्दे हैं उन्हे नीतिगत ढंग से सुलझाया जाएगा। मैं उनकी तरह नहीं हूं जो सिर्फ जनता से झूठे वायदे करते हैं मैं वही बात करूंगी जो व्यावहारिक होगी।
-दिल्ली की असल समस्या अपराध है। महिलाओं की सुरक्षा बड़ा मद्दा है। दिल्ली में लोग सुरक्षित रहें, इसके लिए क्या करेंगी?
मैं महिला हूं और चालीस वर्षो तक पुलिस सेवा में रही हूं इसलिए महिला सुरक्षा के विषय को बेहतर ढंग से समझती हूं। महिला सुरक्षा का सवाल मेरे एजेंडे में सबसे ऊपर है। मैं स्वयं कामकाजी रही हूं इसलिए कामकाजी महिलाओं की समस्याओं को भी अच्छे ढंग से जानती हूं। महसूस कर सकती हूं इसलिए मैं मानती हूं कि छह पी को मिलकर काम करना होगा। यह छह पी हैं जनता यानी समाज,राजनीतिक, पुलिस अदालत,जेल और प्रेस तथा सिविल डिफेंस को मिलकर काम करना होगा। दिल्ली को अपराध मुक्त बनाने के लिए सुरक्षा सूचकांक बनाएंगे। जिससे कि पता चल सके कि राजधानी के विभिन्न इलाकों में अपराध की स्थिति क्या है। इससे अपराध की प्रकृति व कारण का विश्लेषण कर उसे दूर करने में सहायता मिलेगी। मेरी और मेरी पार्टी की सरकार की पूरी कोशिश होगी कि हम दिल्ली के लोगों को एक सुरक्षित और बेहतर दिल्ली दे सकंे।
-सवाल उठ रहा है कि भाजपा में शामिल होने से पहले अण्णा हजारे से विचार विमर्श नहीं किया। अण्णा नाराज हैं क्या?
नहीं अण्णा नाराज क्यों होंगे? अन्ना राजनीति को कीचड़ मानते हैं उन्हें राजनीतिक दलों में विश्वास नहीं । पिछले कई माह में मैंने कई बार उनसे संपर्क करने की कोशिश कि लेकिन बात नहीं हो पाई। मैंने कई बार फैसले स्वयं लिए हैं। राजनीति और भाजपा में शामिल होने का फैसला भी मेरा अपना है समाज और देश को ध्यान में रखकर लिया है। राष्ट्र सेवा के लिए भाजपा में शामिल हुई हूं। राष्ट्र और समाज सेवा के लिए निश्चित रूप से अन्ना का भी आशीर्वाद रहेगा।
-आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल आपको सार्वजनिक बहस की चुनौती दे रहे हैं। उनका दावा है कि आम आदमी पार्टी ही व्यवस्था में परिवर्तन ला सकती है। क्या कहना है आपका?
सार्वजनिक बहस का न तो माहौल है और न ही समय। मैंने कहा है कि विधानसभा में बहस करूंगी वही उचित मंच है। मैं मुद्दों पर भी बहस करूंगी और काम भी करूंगी। जनता काम चाहती है और मैं काम में अधिक विश्वास करती हूं। व्यवस्था में परिवर्तन काम करने से आता है भागने या सिर्फ बातें करने से नहीं। मैं रिएक्शन में नहीं एक्शन में विश्वास करती हूं। पिछले एक साल में दिल्ली में सिर्फ तमाशे हुए। एक साल में जो भी हुआ उससे परेशानी हुई।ल्ल दिल्ली में भाजपा का मुकाबला किससे हैं, कांग्रेस से या आम आदमी पार्टी से?
मैं अंतर साफ देख रही हूं। एक तरफ भाजपा सकारात्मक राजनीति और विकास के उदेश्य के साथ जनता के बीच जा रही है तो दूसरी तरफ नकारात्मक और टकराव की राजनीति करने वाले हैं। केंंद्र में भाजपा की सरकार है और दिल्ली में भी भाजपा की सरकार बनेगी क्योंकि दिल्ली की जनता जानती है कि पिछले साल जब केंद्र में कांग्रेस की संप्रग सरकार थी और दिल्ली में आआपा की सरकार तो कैसी टकराव की राजनीति हुई थी। उसी टकराव की राजनीति का परिणाम हुआ कि दिल्ली में फिर से चुनाव हो रहे हैं। इसलिए निश्चित रूप से दिल्ली की जनता भाजपा को पूर्ण बहुमत के साथ दिल्ली में शासन का मौका देगी। दिल्ली में भी भाजपा सरकार होगी तो दिल्ली के विकास को और तेज गति मिलेगी।
-विरोधी भाजपा को सांप्रदायिक सोच वाली पार्टी कहते हैं। आप ने आम आदमी पार्टी और दूसरी पार्टियों के बजाए भाजपा में शामिल होने का ही फैसला क्यों किया?
पहली बात यह कि भाजपा सांप्रदायिक नहीं बल्कि देशभक्त पार्टी है। भाजपा कहती है देश पहले- इंडिया फर्स्ट। इसी से साफ हो जाता है कि भाजपा की सोच देश के लिए है। जहां तक भाजपा को चुनने का सवाल है तो देश ने भाजपा को चुना है देश की जनता ने प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा को चुना है इसलिए मैंने भी भाजपा में शामिल होने का फैसला किया तो सोच समझकर किया। भाजपा का नेतृत्व दूसरे दलों के मुकाबले अधिक विश्वास वाला है। जब से मोदी सरकार बनी है देश में कई बेहतर काम हुए हैं। स्थिरता है निवेशकों में विश्वास लौटा है। ऊंचे पदों पर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा है।
-हाल ही में आपने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रशंसा की है। आपके विरोधी कह रहे हैं यह राजनीति है?
नहीं ऐसा नहीं है। राजनीति तो वे कर रहे हैं। जब से भाजपा में शामिल हुई हूं मुझ से भाजपा-संघ की विचारधारा को लेकर तरह-तरह के सवाल पूछे जा रहे हैं कि क्या भाजपा-संघ हिन्दुत्व की राजनीति कर रहे हैं? ऐसे सवालों पर विराम लगाने के लिए मैंने स्पष्ट रूप से कहा है कि भाजपा विकास की राजनीति कर रही है। देश और समाज की राजनीति कर रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बारे में जब मुझसे सवाल किया गया तो मैंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राष्ट्रवादी संगठन है और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। मैं संघ और स्वयं सेवकों की कार्यशैली को पहले से जानती हूं जो लोग नहीं जानते हैं वहीं संघ की आलोचना करते हैं। संघ में अनुशासित लोग हैं जो मजबूती के साथ राष्ट्रनिर्माण के लिए काम करते हैं।
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