जब राजेन्द्र बाबू बने पहले राष्ट्रपति
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

जब राजेन्द्र बाबू बने पहले राष्ट्रपति

by
Jan 27, 2015, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 27 Jan 2015 13:06:24

26 जनवरी,1950 गणतंत्र दिवस विशेष-
हड्डियां गलाने वाले जाड़े के बाद 26 जनवरी,1950 को राजधानी में मौसम बेहद खुशनुमा था। बादलों के पीछे कई दिनों तक छिपे रहने के बाद सूर्य नारायण ने दर्शन दिए थे। उस दिन राजधानी की फिजाओं में पर्व का उल्लास था। देश अपने नए संविधान को लागू कर रहा था। भारत गणतंत्र राष्ट्र के रूप में सामने आ रहा था। इस मौके पर लोग बधाई ले और दे रहे थे।
देश के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने जा रहे डा़ राजेन्द्र प्रसाद के लिए तो यह खासा व्यस्त दिन था। वे सुबह करीब आठ बजे राजघाट पहुंच गए बापू की समाधि पर नमन करने के लिए। वहां से वे सीधे राष्ट्रपति भवन पहुंचे शपथ ग्रहण करने के लिए। उन्हें ठीक नौ बजे देश के गवर्नर जनरल सी़ राजगोपालाचारी ने देश के पहले राष्ट्रपति के पद की शपथ दिलाई। यह सारा आयोजन भव्य दरबार हाल में हुआ। इस ऐतिहासिक शपथ ग्रहण समारोह के साक्षी बने 500 अतिविशिष्ट गण।
इनमें इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकणार्े,उनकी श्रीमती जी, देश के पहले प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने का इंतजार कर रहे पंडित नेहरू, लौहपुरुष सरदार पटेल, संविधान सभा के सदस्य और दूसरी तमाम गणमान्य हस्तियां शामिल थीं। डा़ राजेन्द्र प्रसाद ने काली अचकन, झक सफेद चूड़ीदार पायजामा और गांधी टोपी पहनी हुई थी। राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद उन्होंने अंग्रेजी और हिन्दी में संक्षिप्त भाषण भी दिया। उन्होंने कहा- आज स्वतंत्र भारत के इतिहास का बेहद खास दिन है। हमें इस दिन परमपिता परमात्मा और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति अपनी कृज्ञता प्रकट करनी चाहिए। उनके सत्याग्रह के प्रयोग के चलते देश के लाखों स्त्री,पुरुष स्वाधीनता आंदोलन से जुड़े। जिसके फलस्वरूप देश को स्वाधीनता मिली और अब हम गणतंत्र राष्ट्र की स्थापना कर सके। राष्ट्रपति के बाद प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने और उनके बाद उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों ने शपथ ली।
जब राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल में आयोजन चल रहा था, उस वक्त बाहर अपार जनसमूह एकत्र हो चुका था। बड़ी तादाद में लोग पड़ोसी राज्यों से आए हुए थे। वे बाहर खड़े होकर गांधी जी की जय और वंदेमातरम् के गगनभेदी नारे लगा रहेथे। ये ही लोग राजघाट में पहुंचकर बापू के प्रति अपनी कृज्ञता भी दिखा रहे थे। सन 1936 बैच के आईसीएस अधिकारी बदरूद्दीन तैयबजी के ऊपर जिम्मेदारी थी कि वे सुबह दरबार हाल और शाम को इरविन स्टेडियम ( ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम) में होने वाले सार्वजनिक कार्यक्रम के प्रबंध को देखें। उन्होंने करीब 15 साल पहले इस लेखक को बताया था कि उन्हें इन दोनों आयोजनों को आयोजित करवाने की जिम्मेदारी खुद पंडित जवाहरलाल नेहरू ने दी थी। पंजाब कैडर के आईसीएस अधिकारी तैयबजी साहब का 1995 में निधन हो गया था।
सुबह के कार्यक्रम के बाद अब शाम के वक्त इरविन स्टेडियम में होने वाले सार्वजनिक समारोह की तैयारियां शुरू हो गई थीं। शाम करीब पांच बजे डा़ राजेन्द्र प्रसाद घोड़ो की बग्घी में बैठकर आयोजन स्थल पर आए। वह रास्ता कनाट प्लेस होते हुए इरविन स्टेडियम आए थे। जिधर से वे गुजरे वहां पर भी हजारों की संख्या में सभी आयु वर्ग के लोग उनका अभिवादन कर रहे थे। उधर पहले से ही खचाखच भीड़ थी, पर भीड़ पूरी तरह से नियंत्रित थी। किसी तरह की अराजकता कहीं नहीं थी। राष्ट्रपति जैसे ही स्टेडियम आए उन्हें 31 तोपों की सलामी दी गई। श्री तैयब ने बताया था कि राष्ट्रपति भवन की तरह इधर भी डा़ राजेन्द्र प्रसाद ने संक्षिप्त भाषण दिया। उन्होंने देश की जनता का आह्वान किया कि वे राष्ट्रपिता के सपनों के भारत का निर्माण करने के लिए अपनी सारी ऊर्जा झोंक दें। राष्ट्रपति के भाषण के बाद राजधानी के कुछ स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने कुछ देर तक सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए। राजधानी के जाकिर हुसैन कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य प्रो़ रियाज उमर ने उस आयोजन को अपने पिता के साथ देखा था।
उस दिन को याद करते हुए प्रो़ उमर बताने लगे कि जब इरविन स्टेडियम में कार्यक्रम चल रहा था, उस वक्त वहां पर गिनती के ही पुलिसकर्मी मौजूद थे। जैसे ही कार्यक्रम समाप्त हुआ और राष्ट्रपति वहां से गए, लोगों ने नेहरू जी को घेर लिया। वे आम और खास लोगों से मजे-मजे में 10-15 मिनट बातें करते रहे। उधर कनाट प्लेस में लाला नारायण प्रसाद (89) अपने मित्रों के साथ भारत के गणतंत्र राष्ट्र के रूप में सामने आने पर आनंद की स्थिति में थे।
वर्तमान में राजधानी के इन्द्रप्रस्थ कॉलेज प्रबंध समिति के प्रमुख लाला नारायण प्रसाद को याद है उस शाम की जब कनाट प्लेस रोशनी से नहाया हुआ था। कनाट प्लेस के साथ-साथ बाकी प्रमुख बाजार और इमारतों पर भी रोशनी की गई थी। सारी दिल्ली 26 जनवरी,1950 की रात को जगमग थी। उन्होंने इस तरह का मंजर इससे पहले सिर्फ 15 अगस्त,1947 को ही देखा था -विवेक शुक्ला

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

मतदाता सूची पुनरीक्षण :  पारदर्शी पहचान का विधान

दिल्ली-एनसीआर में 3.7 तीव्रता का भूकंप, झज्जर था केंद्र

उत्तराखंड : डीजीपी सेठ ने गंगा पूजन कर की निर्विघ्न कांवड़ यात्रा की कामना, ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के लिए दिए निर्देश

काशी में सावन माह की भव्य शुरुआत : मंगला आरती के हुए बाबा विश्वनाथ के दर्शन, पुष्प वर्षा से हुआ श्रद्धालुओं का स्वागत

वाराणसी में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पर FIR, सड़क जाम के आरोप में 10 नामजद और 50 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज

Udaipur Files की रोक पर बोला कन्हैयालाल का बेटा- ‘3 साल से नहीं मिला न्याय, 3 दिन में फिल्म पर लग गई रोक’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

मतदाता सूची पुनरीक्षण :  पारदर्शी पहचान का विधान

दिल्ली-एनसीआर में 3.7 तीव्रता का भूकंप, झज्जर था केंद्र

उत्तराखंड : डीजीपी सेठ ने गंगा पूजन कर की निर्विघ्न कांवड़ यात्रा की कामना, ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के लिए दिए निर्देश

काशी में सावन माह की भव्य शुरुआत : मंगला आरती के हुए बाबा विश्वनाथ के दर्शन, पुष्प वर्षा से हुआ श्रद्धालुओं का स्वागत

वाराणसी में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पर FIR, सड़क जाम के आरोप में 10 नामजद और 50 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज

Udaipur Files की रोक पर बोला कन्हैयालाल का बेटा- ‘3 साल से नहीं मिला न्याय, 3 दिन में फिल्म पर लग गई रोक’

कन्वर्जन की जड़ें गहरी, साजिश बड़ी : ये है छांगुर जलालुद्दीन का काला सच, पाञ्चजन्य ने 2022 में ही कर दिया था खुलासा

मतदाता सूची मामला: कुछ संगठन और याचिकाकर्ता कर रहे हैं भ्रमित और लोकतंत्र की जड़ों को खोखला

लव जिहाद : राजू नहीं था, निकला वसीम, सऊदी से बलरामपुर तक की कहानी

सऊदी में छांगुर ने खेला कन्वर्जन का खेल, बनवा दिया गंदा वीडियो : खुलासा करने पर हिन्दू युवती को दी जा रहीं धमकियां

स्वामी दीपांकर

भिक्षा यात्रा 1 करोड़ हिंदुओं को कर चुकी है एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने का संकल्प

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies