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बेंगलुरू में 28 दिसम्बर की रात हुए विस्फोट में एक महिला की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य लोग मामूली रूप से घायल हो गए। कम क्षमता वाला विस्फोट रेस्तरां 'कोकोनट ग्रोव' के बाहर किया गया था जिसमें आईईडी का प्रयोग किया गया था। मामले की एनआईए ने जांच शुरू कर दी है। विस्फोट के पीछे सिमी का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है। इसके बाद से बेंगलुरू सहित दूसरे राज्यों मंे भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
गत 28 दिसम्बर की रात करीब 8:30 बजे रेस्तरां के बाहर यह धमाका हुआ था जिसमें भवानी नामक महिला की मौत हो गई थी, जो कि चैन्ने से एक जन्मदिन समारोह में भाग लेने मैसूर आई थी। विस्फोट के समय वह अपने भतीजे कार्तिक के साथ थी। उनका 15 वर्ष का बेटा और 12 वर्ष की बेटी है और उनके पति कारोबारी हैं। उन्हें 28 दिसम्बर को ही चैन्ने लौटना था। कर्नाटक सरकार ने भवानी की मृत्य पर पांच लाख रुपए की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। जांच एजेसिंयों का मानना है कि इस विस्फोट में सिमी का हाथ है क्योंकि कम तीव्रता वाले धमाके पहले भी सिमी द्वारा किए जा चुके हैं। इसके पीछे काफी दिनों से फरार चल रहे सिमी के पांचों आतंकियों पर शक जताया जा रहा है। पहले भी इन आतंकियों को लेकर कई राज्यों को खुफिया विभाग द्वारा अलर्ट जारी किया जा चुका है। गत 17 दिसम्बर को ही केन्द्र की ओर से महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक में आतंकी हमले की आशंका के मद्देनजर अलर्ट जारी किया गया था। जांच में जुटी एजेंसियों का मानना है कि बेंगलुरू में विदेशी आईटी कंपनियां खासकर अमरीकी कंपनियां काफी हैं, इसे ध्यान में रखकर भी बेंगलुरू को निशाना बनाया गया है। एनआईए के विशेष महानिदेशक नवनीत वासन ने भी बेंगलुरू पुलिस को जांच में पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है। विस्फोट के बाद बेंगलुरू के विरासत स्थल सहित प्रमुख स्थलों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। गौरतलब है कि वर्ष 2008, 2010 और 2013 में भी बेंगलुरू में विस्फोट हो चुके हैं। इस विस्फोट के बाद से मध्य प्रदेश एटीएस भी सक्रिय हो चुकी है क्योंकि सिमी के पांचों आतंकी मध्य प्रदेश की जेल से ही फरार हुए थे और उज्जैन में मिले विस्फोटक व बेंगलुरू धमाके में काफी समानता भी पाई गई है। ल्ल प्रतिनिधि
पोस्टर पर मुलायम 'गायब'
सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव को गुमशुदा बताते हुए आजमगढ़ संसदीय क्षेत्र में उनके पोस्टर चिपका दिए गए हैं। जनता का आरोप है कि मुलायम सांसद बनने के बाद से क्षेत्र में लोगों का हाल जानने नहीं पहुंचे हैं। कुछ समय पूर्व भाजपा ने मुलायम के गायब होने को लेकर लालटेन लेकर प्रदर्शन किया था, लेकिन अब की बार तो शहर में उनके लापता होने के पोस्टर दीवारों पर चिपका दिए गए।
हैरानी की बात यह है कि पोस्टर पर लिखा गया है कि सांसद की जानकारी देने वाले को इनाम भी दिया जाएगा। लोगों में इस बात का काफी रोष है कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक अपने ससंदीय क्षेत्र में तीन बार आ चुके हैं तो मुलायम को अपने संसदीय क्षेत्र में जाने की फुर्सत नहीं मिली। ल्ल प्रतिनिधि
वनवासियों को बना दिया ईसाई
ओडिशा। सुंदरगढ़ जिले के लहूनीपड़ा ब्लॉक के बालिसूड़ा गांव में गत 25 दिसम्बर को वनवासियों को ईसाई बनाने का मामला प्रकाश में आया है। यहां 16 परिवारों के 85 लोगों का कन्वर्जन करा दिया गया। इस संबंध में पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी है।
ईसाई मिशनरी धन-बल का लालच देकर वनवासियों का कन्वर्जन कराने में जोर-शोर से जुटे हए हैं। हाल ही में बालिसूड़ा गांव में कुछ पादरियों ने मिलकर गांव के ही रहने वाले योगश्वर, चामूरु, रामा, बिरनाइ, धनेश्वर, कृष्ण, किण्डीराय, नारायण, सूबेदार, कान्हू, पाण्डू, बामिया, सामकी, पाण्डवचरण, जयसिंह और मादरा सहित 85 लोगों का कन्वर्जन करवा दिया। इन सभी को यीशु के नाम पर तरह-तरह के प्रलोभन दिए गए, जैसे कि ईसाई बनने के बाद यीशु की प्रार्थना मात्र करने से ही बीमारी ठीक हो जाती है। इस अंधविश्वास के चलते लोग धड़ल्ले से कन्वर्जन करवा लेते हैं।
लहूनीपाड़ा के ब्लॉक विकास अधिकारी (बीडीओ) रबीन्द्र प्रधान ने स्वयं गांव पहंुचकर मामले की जांच की। प्रशासन के प्रति रोष व्यक्त करते हुए गांव के लोगों ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर प्रदर्शन भी किया। पुलिस ने पास्टर आर. महंत, के. दास और काइला बड़ाइक से पूछताछ की है।
कुछ वर्ष पूर्व गांव का ही रहने वाला बीर सिंह मूंड़ा ईसाई बन गया था, लेकिन उसने पुलिस के समक्ष लिखित में दिया था कि वह गांव के दूसरे लोगों को कन्वर्जन के लिए प्रेरित नहीं करेगा। इसके बाद कुछ समय बाद उसने पास्टर व पादरियों के साथ मिलकर स्थानीय लोगों को बहलाकर उनका कन्वर्जन करवा दिया।
-पंचानन अग्रवाल
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