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राज्य समाचार-
केन्द्र सरकार द्वारा प्रकाशित रपट में पश्चिम बंगाल के सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले 22 लाख छात्र-छात्राएं शौचालय की सुविधा से वंचित हैं। यानी 15.69 फीसद छात्रों को शौचालय की सुविधा नहीं है। सितम्बर तक दिए गए आंकड़ों के अनुसार देश में दस लाख 94 हजार 431 सरकारी विद्यालयांे में शौचालय
नहीं हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गत 2 अक्तूबर को 'स्वच्छ भारत' अभियान के तहत केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने विद्यालयों में शौचालयांे के निर्माण पर जोर देते हुए सभी राज्यों के शिक्षा मंत्री एवं सचिवों के साथ बैठक की। इसके बाद सर्व शिक्षा अभियान के तहत राज्यों से एकत्रित की गई रपट में पश्चिम बंगाल की दयनीय स्थिति उजागर हुई है। हज हाउस बनाने, आलीया विश्वविद्यालय के लिए नया परिसर, बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त 614 मदरसों को करोड़ों रुपये की राशि का अनुदान देने, इमामों को आर्थिक सहायता देेने में पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने जितनी तत्परता दिखाई उतनी विद्यालयांे को स्वच्छ रखने के अभियान में नहीं दिखाई।
वर्तमान में पश्चिम बंगाल में सितम्बर, 2014 तक के आंकड़ों के अनुसार 81915 विद्यालयों में शौचालय नहीं हैं। राज्य के 20 जिलों में सबसे ज्यादा पिछड़ा जिला पश्चिमी मिदनापुर है, जहां 8504 विद्यालयों में शौचालय नहीं हैं। केन्द्र सरकार की रपट के अनुसार कोलकाता के 2074 विद्यालयों में शौचालय की व्यवस्था तक नहीं है। वहीं 13608 सरकारी कन्या विद्यालयों में शौचालय नहीं हैं, जहां हैं भी वहां बदतर हालत हैं। इन विद्यालयों की संख्या 9087 है। पश्चिमी मिदनापुर के विद्यालयांे में बिजली तक की सुविधा नहीं है। जिले में 8500 शिक्षा प्रतिष्ठान हैं। उनमें से केवल 3000 विद्यालयों में बिजली की व्यवस्था है। जिले में कुल 1263 माध्यमिक विद्यालय हैं और 18 मदरसे हैं। जिला विद्यालय परिदर्शक संघमित्र माकुड़ ने कहा कि विद्यालयांे में बिजली व्यवस्था के लिए प्रयास जारी हैं। -बासुदेब पाल
अरनिया में पाकिस्तान की नापाक हरकत, सेना का मुंहतोड़ जवाब
4 आतंकी ढेर, तीन सैनिक शहीद, पांच नागरिक भी मारे गए
पाकिस्तान पोषित आतंकियों ने एक बार फिर अपने नापाक इरादे के चलते अरनिया सेक्टर में सेना के बंकर पर कब्जा कर आतंकी हमले को अंजाम दे डाला। सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए चार आतंकियों को ढेर कर दिया, लेकिन इस दौरान पांच नागरिक और सेना के तीन जवान शहीद हो गए।
आतंकियों ने भारत की सीमा में प्रवेश कर अरनिया सेक्टर में पिंडी गांव के निकट सेना के दो बंकरों पर कब्जा कर लिया, जो कि काफी समय से खाली पड़े हुए थे। आशंका जताई गई है कि आतंकी गत 26 नवम्बर की रात भारत की सीमा में घुसे थे। इन सभी ने सेना की वर्दी पहनी हुई थी और 27 नवम्बर की सुबह खेतों में काम रहे ग्रामीणों पर ताबड़तोड़ गोलियां चलानी शुरू कर दीं। आतंकी हमले में पांच नागरिकों की मौत हो गई। आतंकी हमले की सूचना मिलने पर सेना ने मोर्चा संभालकर कार्रवाई शुरू कर दी। सेना द्वारा चलाए गए अभियान में हेलीकॉप्टर और टैंक भी शामिल किए गए। आतंकियों 24 घंटे से भी अधिक चली गोलीबारी में आखिर मंे सेना ने चारों आतंकियों को मार गिराया। इस बीच सेना आतंकियों के चंगुल से एक स्थानीय नागरिक को मुक्त कराने में भी सफल रही। इस कार्रवाई में सेना के तीन जवान भी शहीद हो गए। इनकी पहचान नायक कुलविन्दर सिंह, जगसीर सिंह और बलविंदर सिंह के रूप में की गई है। अगले दिन मामून कैंट में पश्चिमी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल के.जे. सिंह ने शहीदों को पूरे सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उनके शव घर भेज दिए गए। बताया जा रहा है कि आतंकी, प्रधानमंत्री की गत 28 नवम्बर को पुंछ और उधमपुर में होने वाली चुनावी सभा को ध्यान में रखकर बड़ा हमला करना चाहते थे, लेकिन सेना की मुस्तैदी के चलते आतंकियों की बड़ी साजिश नाकाम हो गई।
उधर चुनावी सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने अरनिया की आतंकी घटना का जिक्र किए बिना कहा कि मतदाताओं के बढ़ते उत्साह से साफ हो चुका है कि जम्मू-कश्मीर की जनता अब आतंकियों से डरने वाली नहीं है। सेना की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों को जितना तनाव झेलना पड़ता है, उतना कहीं और नहीं। वह अपने लिए एक पल भी नहीं जी पाते। अंत में उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में एक ऐसी सरकार बनेगी, जो कि सैनिकों के लिए चिंता करेगी। -प्रतिनिधि
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