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पश्चिम बंगाल के बर्द्धमान जिले में 2 अक्तूबर को एक मकान में हुए विस्फोट में दो आतंकियों की मौत हो गई। पुलिस ने आतंकियों की पत्नियों सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। आतंकी त्योहार के मौके पर पश्चिम बंगाल में दहशत फैलाना चाहते थे। घटनास्थल से इस्लामी साहित्य, जिहाद व अमरीका के वर्ल्ड टे्रड सेंटर पर हुए हमले से जुड़ी वीडियो क्लिपिंग, मोबाइल फोन, सिम कार्ड और काफी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है। पुलिस धमाके के मुख्य अभियुक्त अब्दुल कलाम और कौसर की सरगर्मी से तलाश कर रही है। इनके रेखाचित्र(स्केच) भी जारी किए गए हैं।
बर्द्धमान जिले के खगरागढ़ में रहने वाले हसन चौधरी के दो मंजिला मकान में गत 2 अक्तूबर की दोपहर करीब 12 बजे जोरदार धमाके के बाद खिड़की से धुआं निकलने पर पुलिस व दमकल विभाग को एक राहगीर ने फोन कर सूचना दी थी। धमाके में मारे गए आतंकियों की पहचान नादिया जिले के करीमपुर निवासी शकील अहमद और पूर्वी मेदिनीपुर निवासी सोवन मंडल के रूप में की गई है। विस्फोट में जख्मी हुए इनके तीसरे साथी हसन साहेब की पहचान बीरभूम जिला निवासी के रूप में हुई है। शकील मूल रूप से बंगलादेश के ढाका का रहने वाला था, जो कि शादी के बाद करीमपुर रहने लगा था। उसने नदिया जिला निवासी अपने ससुर को पिता बताकर मतदाता पहचानपत्र व राशन कार्ड तैयार कराया हुआ था। जांच में खुलासा हुआ है कि शकील बंगलादेश के कट्टरपंथी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बंगलादेश (जेएमबी) का नेता था। उसके बंगलादेशी संगठन से जुड़े होने के संकेत मिले हैं क्योंकि मकान से बरामद पर्चे में बंगला भाषा में चेचेन्या में सक्रिय आतंकियों को मदद की बात लिखी है। शकील के सम्बंध सिमी से जुड़े होने की भी आशंका है। पहली मंजिल का मकान शकील अहमद ने 4700 रुपए प्रति माह किराए पर लिया था। आतंकियों ने यहां कपड़े के व्यवसाय और बुर्के तैयार करने के नाम पर मकान लिया था। बर्द्धमान के पुलिस अधीक्षक एसएमएच मिर्जा ने बताया कि इस धमाके के हादसे में मारे गए शकील और सोवन आतंकी संगठन से जुड़े थे। इस मकान में धमाके के समय तीन पुरुष, दो महिलाएं और बच्चे थे। घटनास्थल से 55 ग्रेनेड, 40 डेटोनेटरबड़ी मात्रा में घडि़यों के डायल, सिम कार्ड, विस्फोटक सामग्री, विस्फ ोटक तैयार करने वाला रसायन, बैटरी, तार, विस्फोटक तैयार करने संबंधी किताब, इस्लामी साहित्य, बंगला, उर्दू, अरबी भाषा में छपी किताबें, जिहादी प्रशिक्षण के वीडियो और बर्द्धमान जिले के नक्शे बरामद किए गए हैं। विस्फोट में अमोनियम नाइट्रेट का प्रयोग किया गया था।
पुलिस ने शकील की पत्नी रजिया उर्फ रूमी बीबी और अलीमा बीबी को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। रजिया ने बताया कि वे यहां पर पिछले तीन माह, जबकि अलीमा डेढ़ माह से रह रही थी। दोनों ने बम बनाने का प्रशिक्षण मिलने की बात को स्वीकार किया है। दोनों महिलाओं को स्कूल में पढ़ने के समय से विस्फोटक तैयार करने के गुर आते हैं। न्यायालय ने इन्हें रिमांड के लिए पुलिस को सौंप दिया। घटना वाले दिन इन दोनों महिलाओं ने हाथ में पिस्तौल दिखाकर विस्फोट के बाद बचाव के लिए वहां जाने वालों को रोका था। वे बोल रही थीं कि अंदर जाने की किसी को जरूरत नहीं है। महिलाओं ने आग में मोबाइल फोन, जरूरी कागजात भी डाल दिए थे, जिन्हें पुलिस ने अधजली हालत में बरामद किया था। बरामद मोबाइल फोन और सिम कार्ड मुर्शिदाबाद के जांगीपुर से खरीदे गए थे। सीआईडी ने इस मामले मंे हसेन मुल्ला को भी गिरफ्तार कर लिया, जो कि विस्फोट वाले मकान में अकसर आता-जाता था और आतंकियों को क्षेत्रीय स्तर पर मदद करता था। इसके बाद अस्पताल में उपचार करा रहे हसन साहेब को भी गिरफ्तार कर लिया गया, जो कि धमाके में झुलस गया था। पुलिस अब मंगलकोट इलाके में रहने वाले अब्दुल कलाम और कौसर की सरगर्मी से तलाश कर रही है क्योंकि विस्फोट के बाद उसके फोन पर सात बार फोन किया गया था। पुलिस शकील को किराये पर मकान दिलाने वाले मदरसा के शिक्षक यूसुफ अली से भी पूछताछ कर रही है। पुलिस गत 8 अक्तूबर कोे बर्द्धमान रेलवे स्टेशन के निकट बाबूरबाग लिचूतल्ला और बादशाही रोड स्थित दो मकानों में छापेमारी कर हथियार, ड्राइविंग लाइसेंस, डायरी और अन्य सामान बरामद किया है। आशंका जताई जा रही है कि इस मिशन से जुड़े अन्य सदस्य पर्दाफाश होने पर काफी मात्रा में हथियार लेकर भागे हैं। जांच में पता लगा है कि यहां कौसर के साले कादिर ने हबीबुल रहमान बनकर किराए पर मकान लिया था। इसकी गारंटी एक मौलवी ने ली थी, उसकी भी तलाश जारी है।
कई भाषा का साहित्य बरामद
घटनास्थल से जांच एजेंसियों को उर्दू, अरबी और बंगला भाषा में प्रकाशित पुस्तकें मिली हैं। इनमें अफगानिस्तान और बगदाद में जारी जिहाद का समर्थन करने का निर्देश दिया गया है। अधिकारियों का मानना है कि यह सामग्री बंगलादेश में प्रकाशित कराई गई है। अल-कायदा प्रमुख अल जवाहिरी का बंगला भाषा में प्रकाशित भाषण भी मिला है। जिहादियों द्वारा अपहृत लोगों के सिर काटने, आत्मघातियों को प्रशिक्षण आदि देने के वीडियो भी मिले हैं।
मदरसा बना आतंकियों के प्रशिक्षण का केन्द्र
धमाकों की जांच में जुटी पश्चिम बंगाल सीआईडी को गिरफ्तार महिलाओं ने पूछताछ में बताया है कि उन्हें मंगलकोट स्थित मदरसे में प्रशिक्षण दिया जाता था, जो कि सिमुलिया में स्थित है। मदरसे में करीब 40 महिलाएं आती थीं और किसी अन्य को वहां प्रवेश नहीं करने दिया जाता था।
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महिला ने बताया है कि उन्हें मदरसे में भी आतंकी प्रशिक्षण दिया जाता था। धमाकों का आरोपी अब्दुल कलाम भी मदरसे में आता-जाता था। गौरतलब है कि इससे पूर्व केरल और आंध्र प्रदेश के मदरसों में भी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के मामले प्रकाश में आते रहे हैं। शकील की पत्नी रजिया ने तो पति के मरने पर आंसू तक नहीं बहाए। बताया गया है कि दोनों महिलाएं काफी कट्टर हैं।
साक्ष्य मिटाने के लगे आरोप
धमाके से अगले दिन एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। इस सम्बंध में घायल हसन साहेब से जांच दल ने पूछताछ भी की। फोरेंसिक जांच टीम ने गत 5 अक्तूबर को घटनास्थल से नमूने इकट्ठे किए। इसके बाद दामोदर नदी का निरीक्षण किया, जहां पर मकान से मिले ग्रेनेड व अन्य विस्फोटक सामग्री को नष्ट कर दिया गया था। आरोप है कि मकान से बरामद विस्फोटक सामग्री को पुलिस ने नष्ट कर दिया। यही नहीं विस्फोट के एक दिन बाद मामले की सूचना केन्द्रीय एजेंसियों को दी गई। विपक्ष द्वारा ममता सरकार का विरोध करे जाने पर 8 अक्तूबर को अनलॉफुल एक्टीवीटिज प्रिवेशन एक्ट(यूएपीए) के तहत कार्रवाई शुरू की गई, जबकि एनआईए से जांच कराने पर सरकार ढुलमुल बनी हुई है। -बासुदेव पाल / राहुल शर्मा
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