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गत दिनों जबलपुर के समन्वय सेवा केन्द्र में सेवा संगम आयोजित हुआ। सेवा संगम को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचारक श्री रामदत्त चक्रधर ने कहा कि हमें उपेक्षित और पीडि़त वर्ग के लिए संवेदनशील रहना चाहिए। जिस तरह से नदियां स्वयं का पानी नहीं पीती हैं, बल्कि दूसरों की प्यास बुझाती हैं, ठीक उसी तरह ईमानदार स्वयंसेवी संस्थाएं भी अपने हितों का परित्याग करके दूसरों की भलाई का काम करती हैं। महामण्डलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी जी महाराज ने सेवा कार्य को दैवीय कार्य बताया।
सेवा संगम दो सत्रों में चला। दूसरे सत्र को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय सेवा भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सूर्य प्रकाश टोंक ने कहा कि सेवा कार्य तभी सार्थक होते हैं जब समाज में सकारात्मक परिवर्तन दिखें। सेवा संगम में एक प्रदर्शनी भी आयोजित हुई, जिसका उद्घाटन राष्टीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सेवा प्रमुख श्री सुहासराव हिरेमठ ने किया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री सुन्दर लक्ष्मण, कार्यालय सचिव श्री सुरेश अग्रवाल, पश्चिम मध्य क्षेत्र के प्रभारी श्री गोरेलाल, सह क्षेत्र प्रचारक श्री अरुण जैन, प्रांत प्रचारक श्री राजकुमार मटाले, सह प्रांत सम्पर्क प्रमुख श्री अनिल डागा सहित लगभग 400 महिला-पुरुष कार्यकर्ता उपस्थित रहे ।
ल्ल प्रतिनिधि
हैदराबाद में वनवासी कल्याण आश्रम की बैठक
हैदराबाद में 19 से 21 सितम्बर तक वनवासी कल्याण आश्रम के अखिल भारतीय स्तर के कार्यकर्ताओं की एक बैठक हुई। इसमें देशभर से 463 प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक का उद्घाटन वनवासी कल्याण आश्रम के अध्यक्ष श्री जगदेवराम उरांव, उपाध्यक्ष श्री जलेश्वर ब्रह्मा, श्री कृपा प्रसाद सिंह और महासचिव श्री चन्द्रकान्त देव ने दीप प्रज्वलित कर किया। बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। सामूहिक वनाधिकार के लिए कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया। उद्घाटन सत्र में श्री जगदेवराम उरांव ने श्री चैतराम पवार का सम्मान किया। बैठक में कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने प्रान्त में कार्य करते समय जो विशेष अनुभव हुए उनकी जानकारी दी।
बैठक से पहले वनवासी कल्याण आश्रम के केन्द्रीय कार्यकारी मण्डल की बैठक भी सम्पन्न हुई, जिसमें 'भूमि अधिग्रहण कानून' में बदलाव के बारे में प्रस्ताव पारित किया गया। एक अन्य प्रस्ताव में कहा गया कि अल्पसंख्यकों के बहु-क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम की विसंगतियों को दूर कर न्याय संगत बनाया जाए। बैठक में बताया गया कि इस वर्ष दिसम्बर मास में बंेगलुरू में राष्ट्रीय तीरंदाजी स्पर्धा का आयोजन किया जाएगा तथा 2015 में राष्ट्रीय स्तर का खेल महोत्सव आयोजित होगा। ल्ल प्रतिनिधि
प्रान्तीय खेल-कूद प्रतियोगिता सम्पन्न
देहरादून के धर्मपुर स्थित श्री गोवर्धन सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कॉलेज में आयोजित त्रिदिवसीय प्रांतीय खेल-कूद प्रतियोगिता 27 सितम्बर को सम्पन्न हुई। प्रतियोगिता में 100, 200, 400, 800, 1500, 3000, 5000 मीटर की दौड़, भाला फेंक, क्रास कन्ट्री दौड़, गोला फेंक, चक्का फेंक, लंबी कूद, ऊंची कूद आदि खेलों में 300 खिलाडि़यों ने भाग लिया। समापन समारोह में विद्या भारती की केन्द्रीय कार्यकारिणी के सदस्य श्री श्यामलाल ने प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले खिलाडि़यों को पुरस्कृत किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि खेल से शारीरिक तथा बौद्धिक विकास होता है। हार से हताश होने की जरूरत नहीं है, बल्कि इससे सीखने का संकल्प लेना चाहिए। ल्ल वि.सं.के., देहरादून
दो दिवसीय दक्षता विकास शिविर
पिछले दिनों राजस्थान के मंदारेश्वर मंे बांसवाड़ा विभाग के कार्यकर्ताओं के लिए दो दिवसीय दक्षता विकास शिविर आयोजित हुआ। 28 सितम्बर को शिविर के समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्त प्रचारक श्री गजेन्द्र सिंह ने कहा कि हमने जो संकल्प लिया है उसकी पूर्ति के लिए दक्षता चाहिए। सफलता उन्हीं को मिलती है जो अपने लक्ष्य से प्रेम करता है, बस अपनी सामर्थ्य को पहचानने की आवश्यकता है। मातृभूमि के लिए सत्य के मार्ग पर चलते हुए व्यक्ति निर्माण का जो काम हम कर रहे हैं उसके अतिरिक्त और कोई पुण्य का काम नहीं हो सकता । यह बात सच साबित होती हुई दिख रही है। 21 वीं सदी भारत की सदी होगी, क्यांेकि सभी सात्विक शक्तियां इसमें लगी हैं। अधर्म का बोलबाला होते हुए भी हम निरन्तर आगे बढ़ते जा रहे हैं। हमारा विश्वास ही हमारे कार्य को बल देता है इसमंे और गति देने की आवश्यकता है ।
इससे पूर्व नगर मंे पथ संचलन निकाला गया, जो कुशलबाग मैदान से प्रारंभ होकर जवाहर पुल से मोहन कॉलोनी चौराहा, पोस्ट ऑफिस रोड, गांधी मूर्ति होते हुए कुशलबाग वापस आया।
ल्ल प्रतिनिधि
वरिष्ठ प्रचारक अमल दा नहीं रहे
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक प्रो. अमल कुमार बसु का निधन 10 सितम्बर को कोलकाता के एक निजी अस्पताल में हो गया। कार्यकर्ताओं के बीच अमल दा के नाम से विख्यात प्रो. बसु ने प्रान्त प्रचारक, प्रान्त कार्यवाह और प्रान्त संघचालक जैसे दायित्वों का निर्वहन किया था। वे 88 वर्ष के थे। 14 सितम्बर को कोलकाता में आयोजित श्रद्धाञ्जलि सभा में उन्हें श्रद्धाञ्जलि देते हुए सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने कहा कि संघ कार्य के लिए अमल दा का फिर से पुनर्जन्म होगा। हम सब उनकी ही तरह कर्मठता के साथ संघ कार्य करते रहें, यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धाञ्जलि होगी। प्रो. बसु 1939 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे। उनका जन्म धार (म.प्र.) में हुआ था। बंगाल प्रान्त के प्रान्त प्रचारक बनने से पहले प्रो. बसु जबलपुर में विभाग प्रचारक थे। 1948 में तत्कालीन क्ष्रेत्रीय प्रचारक श्री एकनाथ रानाडे के कहने पर उन्हें मध्य प्रदेश से बंगाल भेजा गया था। संघ कार्य करते हुए उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की। तीन विषयों में उन्होंने स्नातकोत्तर और एल.एल.बी. की उपाधि ली थी। उन्होंने कुछ समय तक बी.एड. कॉलेज में अध्यापन का भी कार्य किया था। 1989 में संघ के विभिन्न दायित्वों से उन्हें मुक्त कर विद्या भारती, पूर्व क्षेत्र के अध्यक्ष का दायित्व दिया गया था। कुछ वर्ष बाद अस्वस्थता के कारण वे कोलकाता के संघ कार्यालय में ही रहते थे। प्रो. बसु की प्रेरणा से हजारों कार्यकर्ता संघ कार्य में लगे हैं। पाञ्चजन्य परिवार की ओर से स्वर्गीय बसु को भावभीनी श्रद्धाञ्जलि। ल्ल प्रतिनिधि
डा़ॅ सुरेन्द्र जैन को मातृ शोक
विश्व हिन्दू परिषद् के केन्द्रीय मंत्री डॉ़ सुरेन्द्र जैन की मां श्रीमती गोमती देवी का निधन 27 सितम्बर को हो गया। उनका अन्तिम संस्कार दिल्ली के गाजीपुर स्थित श्मशान घाट पर उसी दिन किया गया। इस अवसर पर विश्व हिन्दू परिषद् के अन्तरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष डॉ़ प्रवीण तोगडि़या एवं अनेक वरिष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित थे। 1 अक्तूबर को गाजियाबाद के इंदिरापुरम में उनकी स्मृति में श्रद्धाञ्जलि सभा हुई। उन्हें श्रद्धाञ्जलि देने वालों में प्रमुख थे विहिप के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री ओम प्रकाश सिंहल, दिल्ली संत महामण्डल के महामंत्री महंत नवल किशोर दास, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, उत्तर क्षेत्र के संघचालक डॉ़ बजरंग लाल गुप्त, श्री जैन कुमार जैन, विहिप के केन्द्रीय मंत्री श्री कोटेश्वर शर्मा व श्री वाई राघवेल्लु, विहिप,दिल्ली प्रान्त के अध्यक्ष श्री रिखब चन्द जैन आदि। ल्ल प्रतिनिधि
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