हिमालयी सुनामी का शोकपूर्ण स्मरण
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'आपदा प्रबंधन जापान से सीखें'
उत्तराखण्ड में पिछले वर्ष जून माह में जो हिमालयी सुनामी आई थी उसे एक वर्ष पूरा हो गया है। समूचे देश के राष्ट्रीय शोक का प्रतीक बनी इस आपदा ने हिमालय, गंगा और यमुना के सम्मान व संरक्षण के साथ सभी देशवासियों को प्रकृति और पर्यावरण के प्रति समभाव से जागृत रहने का व्यापक ऐक्यभाव उपलब्ध कराया है। गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आपदा प्रभावितों को सभी प्रकार की सहायता उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं।
गत 17 जून को नई दिल्ली में आयोजित एक सभा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री भैयाजी जोशी ने पिछले साल केदारनाथ त्रासदी में दिवंगत हुए लोगों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद श्री जोशी ने कहा कि आपदा प्रबंधन के मामले में जापान से सीख लेकर हमें इसमें सुधार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह की आपदाएं सबसे अधिक जापान में आती हैं,लेकिन वहां की पूर्व नियोजित व्यवस्थाओं के कारण न्यूनतम क्षति होती है।
दूसरी ओर हमारे देश का सरकारी तंत्र आपदा प्रबंधन में बेहद कमजोर है। हम सभी को विकास की आवश्यकता है, लेकिन यह प्रकृति के संतुलन के साथ होना चाहिए। हमारे हिमालय में पानी तथा बिजली देने की अपार क्षमता है, लेकिन उसकी सुरक्षा भी हमारा अपरिहार्य दायित्व है।
सभा का आयोजन 'अखिल भारतीय उत्तराखण्ड त्रासदी पीडि़त मंच' ने गत वर्ष 16 जून, 2013 को उत्तराखण्ड प्राकृतिक आपदा में मृत लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु किया था। बिहार के बक्सर से सांसद तथा समिति के संयोजक श्री अश्वनी कुमार चौबे, जो पिछले वर्ष स्वयं परिवार सहित केदारनाथ में आई प्राकृतिक आपदा में फंस गए थे, ने इस घटना का वृत्तांत एक वृत्तचित्र के माध्यम से उपस्थित लोगों के समक्ष रखा। समारोह में भैया जी ने उत्तराखण्ड की त्रासदी पर श्री अश्वनी कुमार चौबे द्वारा प्रकाशित स्मारिका का लोकार्पण भी किया। सभा में वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी, राज्यसभा सांसद श्री तरुण विजय और लोकसभा सांसद श्री उदित राज ने भी अपने विचार व्यक्त किए। प्रतिनिधि
श्रद्धालुओं की आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना
गत वर्ष 16 जून की रात्रि में केदारनाथ में प्राकृतिक आपदा में मारे गए तीर्थयात्रियों की प्रथम बरसी पर 16 जून को मथुरा के भूतेश्वर महादेव मन्दिर में हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं ने सामूहिक दुग्धाभिषेक कर उनकी आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना की। इससे पूर्व मन्दिर परिसर मेें ही आयोजित श्रद्धांजलि सभा में वक्ताओं ने केदारनाथ की त्रासदी में अकाल मृत्यु को प्राप्त व अब तक लापता श्रद्धालुओं के प्रति उत्तराखण्ड सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैये की निन्दा की। विहिप के वरिष्ठ कार्यकर्ता विजय बहादुर सिंह ने केदारनाथ त्रासदी को मानव द्वारा प्रकृति के साथ किए जा रहे खिलवाड़ के प्रति दी गई प्रथम चेतावनी बताते हुए हिन्दू धर्मस्थानों की मर्यादा बनाए रखने की अपील की। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए केदारनाथ त्रासदी के साक्षी रहे ़हरिहर शर्मा ने उस कालरात्रि का आंखों देखा हाल बताया। ल्ल प्रतिनिधि
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