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अंक संदर्भ : 1 जून, 2014
आवरण कथा 'समस्याओं के अंबार और अधूरे कामों से बेहाल देश को मिला मजदूर नंबर-1' से प्रतीत होता है कि अब देश के अच्छे दिनों की शुरुआत होने वाली है। आशा के अनुरूप जब सत्ता संभालने वाला प्रमुख व्यक्ति अपने देश और समाज की अच्छाई और भलाई के लिए तत्पर दिखाई देता है तो सच में उस राज्य या देश के अच्छे दिनों की शुरुआत हो जाती है।
-हरिओम त्रिपाठी, बदरपुर (नई दिल्ली)
० देश के 125 करोड़ लोगों ने इस बार विकास की राजनीति को प्राथमिकता दी और इसी प्राथमिकता का परिणाम है कि भाजपा को ऐतिहासिक विजय प्राप्ति हुई है। कांग्रेस ने सदैव अपने स्वाथोंर् की पूर्ति के लिए देश को खोखला किया। देश की जनता ने भाजपा को जिताकर आशा व्यक्त की है कि वह स्वयं के साथ देश का भी विकास चाहती है। देश के सभी लोगों की मूलभूत जरूरतें पूरी हों यही केन्द्र सरकार से आशा है।
-बी. आर. ठाकुर, संगम नगर, इंदौर (म.प्र.)
सबक लें
इस लोकसभा चुनाव में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को कितने ही सेकुलर नेताओं ने पता नहीं क्या-क्या कहा । आलोचना करते तो बात अलग थी, लेकिन 'बोटी-बोटी काट देने की बात' तक सामने आई। इतने पर भी मोदी जी का धैर्य और उनकी महानता देखिए कि इतने उच्च पद पर आसीन होने के बाद भी उन्होंने किसी को कुछ भी नहीं कहा। ये महानता नहीं तो और क्या है? सेकुलर नेताओं को उनसे सबक लेना चाहिए। पूरे देश की आशा थी कि मोदी देश के प्रधानमंत्री पद पर बैंठे और सभी का यह सपना पूरा हो गया।
-महेश मेहरोत्रा
रामगंगा विहार, मुरादाबाद (उ.प्र.)
नासूर बनता नक्सलवाद
नक्सलवाद जिस अभियान को लेकर शुरू हुआ था,अब वह भ्रमित हो चुका है। गरीबों को अधिकार मिले,समानता आए इस नारे और रास्ते को भूलकर नक्सलवाद आज देशविरोधी कार्यों में लिप्त हो गया है। आए दिन सेना के जवानों को मौत के घाट उतारना आतंकवाद को दर्शाता है। एक लंबे समय से इन संगठनों के तार विदेशी ताकतों के साथ भी जुड़ते पाए गए हैं। केन्द्र सरकार को चाहिए कि अब समय है कि जब इसको जड़-मूल से कुचल डाले यह देश के लिए नासूर बनता जा रहा है।
-राधाकान्त तिवारी
त्रिपुरा कालोनी, बांसवाडा (राज.)
तुष्टीकरण का रहा बोलबाला
कांग्रेस जब-जब सत्ता में रही उसने सदैव तुष्टीकरण की राजनीति की। आपस में लड़ाना और फिर उसी का फायदा उठाकर सत्ता सुख भोगना उसने अंग्रेजों से सीखा। हिन्दुओं को कैसे नीचा दिखाया जाए इसके लिए उसने वे सभी कार्य किए, जिनसे हिन्दू प्रताडि़त होता है। कांग्रेस सोनिया का सदैव से यही षड्यंत्र रहा।
-हरेन्द्र प्रसाद साहा
कटिहार (बिहार)
० आजादी के पैंसठ वर्ष बाद भी देश को जिन ऊंचाइयों पर होना चाहिए था, वहां पर नहीं है। इन सबके पीछे कांग्रेस का बहुत बड़ा हाथ रहा है। उनके नेता देश बनाने के बजाए इसका दोहन करते नजर आए और जब स्वार्थ पूरा नहीं हुआ तो इसे लूटने में भी पीछे नहीं रहे। जनता ने उन्हें उनके कार्य का फल दे दिया है। साथ ही देश को ऐसे हाथों में सौंपा है, जहां, वह पूरी तरीके से सुरक्षित है।
-आशाराम आर्य, औग,फतेहपुर(उ.प्र.)
जिहादियों का आतंक
मेवात जिहादियों के चंगुल में फंसा हुआ है। वहां के हिन्दुओं पर मुसलमान अत्याचार कर रहे हैं। कांग्रेस ने मेवात में हिन्दुओं की दशा पर कभी भी आवाज नहीं उठाई। क्या कांग्रेसी सरकार की यही समानता की नीति है? देश के लोगों को पता होना चाहिए कि कांग्रेस ने सदैव जिहादियों के संरक्षण की राजनीति को पाला पोसा-है। इसी कारण आज मेवात जिहादियों के आतंक का शिकार हो रहा है।
-राममोहन चंद्रवंशी
टिमरनी, जिला-हरदा (म.प्र.)
कीचड़ में खिला कमल
इस लोकसभा चुनाव में ऐसे भी स्थानों पर कमल खिला, जहां इससे पहले कभी नहीं खिला था। यह दृश्य देखकर मन को प्रसन्नता होती है। भाजपा की ऐतिहासिक विजय ने सभी को बता दिया कि विकास और हिन्दूहित की राजनीति ही अब उच्च शिखर पर पहुंचाएगी। स्वतंत्रता पश्चात देश पर अधिकाधिक समय तक राज करने वाली कांग्रेस ने सिर्फ और सिर्फ देश को लूटा है। इसी का परिणाम है कि इस बार जनता ने उनको उनके कामों का फल दे दिया है?
-कुन्ती रानी, नया टोला,कटिहार(बिहार)
० कांग्रेस की देश विरोधी नीति का ही परिणाम है कि जनता ने ऐसी धूल चटाई, जिसका उन्हें अंदाजा तक नहीं था। कांग्रेस जिस मिथक को लेकर आज तक राज करती आई है,वह मिथक ऐसा टूटा कि सभी मूर्छा में आ गए। सेकुलर नेताओं को हर बार यही लगता था कि बिना मुसलमानों के वोटों के कोई भी दल सत्ता पर काबिज नहीं हो सकता, पर देश के हिन्दुओं ने इस बार सभी 'वादों और लालचों' से ऊपर उठकर इसको तोड़ डाला। अब सेकुलर नेताओं को सोचना है कि सत्ता मुसलमानों के वोटों से नहीं हिन्दू वोटों से चलने वाली है।
-मनीष पाण्डेय, याकूतपुर,जौनपुर(उ.प्र.)
साकार होता सपना
हिन्दी-हिन्दू-हिन्दुस्थान देश का सपना रहा है। देश के करोड़ों लोगों की आशा रही है कि यह सपना साकार हो और वह पुन: जिस रूप में जाना जाता रहा है,जाना जाए। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सुखद घोषणा की कि विदेशों तक में भारत के प्रतिनिधिमण्डल हिन्दी में बात करने का प्रयास करेंगे। यह निर्णय संपूर्ण देश के लोगों को प्रसन्नता देता है और बताता है कि हमने जिस व्यक्ति को चुनकर भेजा है वह भी देश के उत्थान के लिए कार्य कर रहा है।
-रोहित शुक्ला, देहरादून
० प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा केन्द्रीय सरकार के कार्य-व्यवहार तथा विदेशों से संपर्क के लिए राष्ट्रभाषा हिन्दी के प्रयोग के निर्णय का संपूर्ण देशवासी स्वागत करते हैं। विश्व के सभी स्वाभिमानी देशों ने अपनी राष्ट्रभाषा का इसी रूप में उपयोग किया है और उसे आगे बढ़ाया है। मोदी जी भी इस परम्परा को आगे बढ़ाकर हिन्दी को गौरव दिलाने के लिए प्रयासरत हैं। इस प्रयास से भारतीयों के मन में अपनी भाषा के प्रति सम्मान बढ़ेगा तथा विश्व में भी हिन्दी के प्रति एक अच्छा संकेत जायेगा।
-महेशचन्द्र शर्मा, किशनगंज (दिल्ली)
आशा का दीप
० दस साल से कांग्रेस की गलत नीतियों ने आम आदमी की प्रसन्नता को छीन रखा था। महंगाई एवं भ्रष्टाचार देश को खोखला बनाता जा रहा था। मन यह देखकर प्रतिदिन आक्रोशित होता था कि ऐसा कौन सा दिन आएगा, जिस दिन भ्रष्ट कांग्रेस का अंत होगा और भारत माता को ऐसा पुत्र मिलेगा, जो देश को घर व यहां की जनता को अपना परिवार मानेगा। करोड़ों लोगों की इच्छा को भगवान ने सुना और ऐसा नेता दे दिया, जिसके लिए उसका देश ही घर एवं परिवार है।
-रमेश चन्द शर्मा, बैजलपुर,अमदाबाद(गुजरात)
महायज्ञ पूर्ण
देश की 125 करोड़ जनता ने मन, वचन एवं कर्म से भाजपा को ऐतिहासिक जीत देकर लोकतंत्र के महायज्ञ को पूरा कर दिया है। अब वातावरण में शुद्धि और सकारात्मकता की हवा का संचार होने लगा है। मोदी सरकार के सफर की शुरुआत अच्छी रही। भाजपा को चाहिए कि वह अपने घोषणापत्र में किए सभी वादों को पूरा करे, विशेषकर हिन्दूहित से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता से निपटाये।
-हरिहर सिंह चौहान, जबंरीबाग नसिया, इंदौर (म.प्र.)
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