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-दिनेश -उत्तराखण्ड
सरकार ने मई में चारधाम यात्रा शुरू करने के लिए तमाम प्रचार किये, बड़े-बड़े दावे किये लेकिन केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने के कुछ समय बाद ही यात्रा रोक दी गई, वजह! केदानाथ मन्दिर परिसर में बर्फ का जमा होना, पैदल मार्ग, जिसके जरिए मंदिर तक आना होता है का खस्ताहाल में होना, मंदिर के आसपास रहने व खाने-पीने की बुनियादी समस्याओं का न होना। चूंकि सात मई को उत्तराखण्ड में लोकसभा चुनाव होने थे, लिहाजा सियासी लाभ उठाने के लिए राज्य की कांग्रेस सरकार ने यात्रा मार्ग दुरुस्त है जैसे दावे कर वोटरों को-स्थानीय जनता को लुभने की कोशिश की जबकि हालात ठीक इसके उलट साबित हुए। चारोंधाम तक पहुंचने वाले सभी राष्ट्रीय मार्ग ऐसी हालत में हैं, कब कौन सी गाड़ी गंगा में समा जाये कहा नहीं जा सकता, केदारमार्ग पर रूद्रप्रयाग से लिनचोली तक सड़क, हल्के वाहन चलने लायक तक नहीं है। जोशीमठ से बद्रीनाथ तक पैंतीस किमी. सड़क का अता-पता नहीं है। इन सड़कों के रखरखाव का जिम्मा सीमा सड़क संगठन के पास है, जिसके पास केन्द्र सरकार ने आपदा फण्ड का बजट नहीं भेजा। गंगोत्री धाम- उत्तरकाशी मार्ग की हालत भी बेहद खराब है। तीर्थाटन-पर्यटन के लिए सड़कों का दुरुस्त होना जरूरी है, यही नहीं यही राष्ट्रीय मार्ग चीन-तिब्ब्त सीमा तक सेना की रसद आपूर्ति भी करते हैं। आन्तरिक व सीमा सुरक्षा की दृष्टि से इन मार्गों का बारह महीनों तक खुला रहना जरूरी है।चारोंधाम के साथ-साथ हेमकुण्ड साहिब गुरुद्वारे तक जाने वाली सड़क पैदल यात्रियों के लिए बेहद कष्टदायक है। उत्तराखण्ड में आयी भीषण आपदा का असर गंगाघाटी के शहरों-गांवों में देखा जा सकता है। लोगों के मकान अभी भी जैसे-तैसे पड़े हैं। बहुत से लोगों को मुआवजे का व राहत राशि का आज भी इंतजार है। अपनी नाकामयाबी छिपाने के लिए मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की जगह हरीश रावत को सी.एम. की कुर्सी पर कांग्रेस हाईकमान ने बैठा दिया। बड़े-बड़े दावे हरीश रावत ने आने के साथ किये लेकिन हालात वो भी अब तक सुधार नहीं पाये जबकि चुनाव आयोग ने गंगाघाटी के विकास व पुनर्वास के कामों को आचारसंहिता से मुक्त रखा हुआ था।नेता प्रतिपक्ष, अजय भट्ट आरोप लगाते हैं कि केन्द्र सरकार और राज्य सरकार ने सड़कें दुरुस्त करने में अब तक लापरवाही दिखाई है, यात्रा शुरू हो चुकी है लोगों में यात्रा के प्रति भरोसा पैदा नहीं हो पा रहा, कारोबारी परेशान और हताश हैं। मुख्यमंत्री हरीश रावत कहते हैं आपदा प्रभावित इलाके में काम चल रहा है, यात्रा शुरू हो गई है। थोड़ी कठिनाइयां है जल्दी ही इन्हें भी दूर कर लिया जायेगा। बहरहाल उत्तराखण्ड सरकार की लापरवाहियों के चलते चारधाम यात्रा बेहद कठिन और जोखिम भरी मानी जा रही है, यात्रा मार्ग पर काम करने वाले कारोबारी, हालात सुधरने के इंतजार में है। ल्ल
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